राव कल्याणमल: Difference between revisions

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'''राव कल्याणमल''' [[बीकानेर]], [[राजस्थान]] का राठौड़ शासक था। पाहिबा के युद्ध में [[राव जैतसी]] वीरगति को प्राप्त हुआ। अतः उसका पुत्र कल्याणमल [[शेरशाह सूरी]] के पास चला गया। 1544 ई. में शेरशाह सूरी ने [[मारवाड़]] पर आक्रमण किया व गिरिसुमेल के मैदान में [[राव मालदेव]] पराजित हो गया। शेरशाह सूरी ने बीकानेर का राज्य राव कल्याणमल को सौप दिया।<ref>{{cite web |url=http://historicalsaga.com/%E0%A4%AC%E0%A5%80%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A5%87%E0%A4%B0-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%A0%E0%A5%8C%E0%A4%A1/ |title= बीकानेर के राठौड़|accessmonthday=04 फ़रवरी|accessyear= 2017|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=historicalsaga.com |language= हिन्दी}}</ref>
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*1570 ई. में जब [[अकबर]] ने नागौर दरबार का आयोजन किया तो बीकानेर शासक राव कल्याणमल अपने पुत्र रायसिंह व पृथ्वीराज के साथ नागौर दरबार में उपस्थित हुआ तथा अकबर की अधीनता स्वीकार कर ली।
*1570 ई. में जब [[अकबर]] ने नागौर दरबार का आयोजन किया तो बीकानेर शासक राव कल्याणमल अपने पुत्र [[रायसिंह]] व पृथ्वीराज के साथ नागौर दरबार में उपस्थित हुआ तथा अकबर की अधीनता स्वीकार कर ली।
*राव कल्याणमल [[बीकानेर]] का प्रथम शासक था, जिसने [[मुग़ल]] अधीनता स्वीकार की।
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*अकबर ने कल्याण सिंह के बड़े पुत्र रायसिंह को [[जोधपुर]] का प्रशासक नियुक्त कर दिया व छोटे पुत्र पृथ्वीराज को मुग़ल दरबार में ले गया।
*अकबर ने कल्याण सिंह के बड़े पुत्र रायसिंह को [[जोधपुर]] का प्रशासक नियुक्त कर दिया व छोटे पुत्र पृथ्वीराज को मुग़ल दरबार में ले गया।

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राव कल्याणमल बीकानेर, राजस्थान का राठौड़ शासक था। पाहिबा के युद्ध में राव जैतसी वीरगति को प्राप्त हुआ। अतः उसका पुत्र कल्याणमल शेरशाह सूरी के पास चला गया। 1544 ई. में शेरशाह सूरी ने मारवाड़ पर आक्रमण किया व गिरिसुमेल के मैदान में राव मालदेव पराजित हो गया। शेरशाह सूरी ने बीकानेर का राज्य राव कल्याणमल को सौप दिया।[1]

  • 1570 ई. में जब अकबर ने नागौर दरबार का आयोजन किया तो बीकानेर शासक राव कल्याणमल अपने पुत्र रायसिंह व पृथ्वीराज के साथ नागौर दरबार में उपस्थित हुआ तथा अकबर की अधीनता स्वीकार कर ली।
  • राव कल्याणमल बीकानेर का प्रथम शासक था, जिसने मुग़ल अधीनता स्वीकार की।
  • अकबर ने कल्याण सिंह के बड़े पुत्र रायसिंह को जोधपुर का प्रशासक नियुक्त कर दिया व छोटे पुत्र पृथ्वीराज को मुग़ल दरबार में ले गया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. बीकानेर के राठौड़ (हिन्दी) historicalsaga.com। अभिगमन तिथि: 04 फ़रवरी, 2017।

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