रामायण सामान्य ज्ञान 5: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replacement - "पृथक " to "पृथक् ") |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replacement - " गरीब" to " ग़रीब") |
||
Line 13: | Line 13: | ||
-अश्वकेतु | -अश्वकेतु | ||
-अश्वसेन | -अश्वसेन | ||
||त्रिजट मुनि [[अयोध्या]] के निवासी थे। इनकी समस्त [[गाय|गायें]] वृद्धावस्था के कारण मृत्यु को प्राप्त हो चुकी थीं। [[त्रिजट मुनि]] के परिवार का भरण-पोषण बड़ी मुश्किलों से हो रहा था। जब त्रिजट को इस बात का पता लगा कि वनगमन से पूर्व [[श्रीराम]] | ||त्रिजट मुनि [[अयोध्या]] के निवासी थे। इनकी समस्त [[गाय|गायें]] वृद्धावस्था के कारण मृत्यु को प्राप्त हो चुकी थीं। [[त्रिजट मुनि]] के परिवार का भरण-पोषण बड़ी मुश्किलों से हो रहा था। जब त्रिजट को इस बात का पता लगा कि वनगमन से पूर्व [[श्रीराम]] ग़रीबों को दान दे रहे हैं, तब वह भी उनके पास सहायता प्राप्ति हेतु गया। श्रीराम कृशकाय त्रिजट को देखते ही समझ गए कि उसके पास खाद्यान्न व [[दूध]] आदि का सर्वथा अभाव है। उन्होंने कहा- "विप्र देव! आप अपने हाथ का डंडा जितनी दूर भी फेंक सकेंगे, वहाँ तक की भूमि व [[गाय|गायें]] आपकी हो जाएंगी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[त्रिजट मुनि]] | ||
{उस [[पर्वत]] का क्या नाम है, जो समस्त पर्वतों का राजा है? | {उस [[पर्वत]] का क्या नाम है, जो समस्त पर्वतों का राजा है? |
Revision as of 09:19, 12 April 2018
सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
राज्यों के सामान्य ज्ञान
पन्ने पर जाएँ
|
पन्ने पर जाएँ
सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
राज्यों के सामान्य ज्ञान