फूलगोभी: Difference between revisions
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*गोभी में गंधक बहुत मिलता है। कब्ज़ में रात को गोभी का रस पीने से लाभ होता है। | *गोभी में गंधक बहुत मिलता है। कब्ज़ में रात को गोभी का रस पीने से लाभ होता है। | ||
*गोभी में क्षारीय | *गोभी में क्षारीय तत्त्व होते हैं। क्षय रोगी भी इसे खायें। | ||
*गोभी खाते रहने से चर्म रोग, गैस, नाख़ून और बालों के रोग नष्ट होते हैं। | *गोभी खाते रहने से चर्म रोग, गैस, नाख़ून और बालों के रोग नष्ट होते हैं। | ||
Revision as of 07:07, 17 January 2011
भारतवर्ष की शीतकालीन सब्ज़ियों में से फूलगोभी प्रमुख सब्ज़ी मानी जाती है।[1] यह एक स्वादिष्ट सब्जी है। इसका वानस्पतिक नाम ब्रेसिका औलीरेशिया किस्म, बोट्राइटिस है। फूलगोभी का जन्म स्थान कुछ लोग साइप्रस तथा भूमध्य सागरीय क्षेत्र के आस-पास मानते हैं। डा. जेमसन सन 1822 में इसे इंग्लैंड से लाये और कम्पनी बाग़ सहारनपुर में इसे उगाकर देखा। इसके बाद फूलगोभी देश के अन्य भागों में फैल गई। इसे सब्जी के अतिरिक्त अचार में भी इस्तेमाल किया जाता है।[2]
फ़ायदे
- फूलगोभी में "सलफोराफीन" रसायन पाया जाता है जो सेहत के लिए, ख़ासकर दिल के लिए काफ़ी फ़ायदेमंद होता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस रसायन की मदद से दिल को काफ़ी समय तक स्वस्थ्य रखा जाता है।
- गोभी में गंधक बहुत मिलता है। कब्ज़ में रात को गोभी का रस पीने से लाभ होता है।
- गोभी में क्षारीय तत्त्व होते हैं। क्षय रोगी भी इसे खायें।
- गोभी खाते रहने से चर्म रोग, गैस, नाख़ून और बालों के रोग नष्ट होते हैं।
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