प्रयोग:लक्ष्मी2: Difference between revisions
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{कर्मण्येवाधिकारस्ते मां फलेषु कदाचना किस धर्म ग्रंथ की उक्ति है? | {कर्मण्येवाधिकारस्ते मां फलेषु कदाचना किस धर्म ग्रंथ की उक्ति है? | ||
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+[[ | +[[श्रीमद्भागवत]] | ||
-[[रामचरितमानस]] | -[[रामचरितमानस]] | ||
-[[रामायण]] | -[[रामायण]] | ||
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-[[यजुर्वेद]] | -[[यजुर्वेद]] | ||
-[[सामवेद]] | -[[सामवेद]] | ||
- | -अथर्वेद | ||
||[[चित्र:Rigveda.jpg|ॠग्वेद का आवरण पृष्ठ|100px|right]]सबसे प्राचीनतम है। 'ॠक' का अर्थ होता है छन्दोबद्ध रचना या श्लोक। ॠग्वेद के सूक्त विविध [[देवता|देवताओं]] की स्तुति करने वाले भाव भरे गीत हैं। इनमें भक्तिभाव की प्रधानता है। यद्यपि ॠग्वेद में अन्य प्रकार के सूक्त भी हैं, परन्तु देवताओं की स्तुति करने वाले स्त्रोतों की प्रधानता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ॠग्वेद]] | ||[[चित्र:Rigveda.jpg|ॠग्वेद का आवरण पृष्ठ|100px|right]]सबसे प्राचीनतम है। 'ॠक' का अर्थ होता है छन्दोबद्ध रचना या श्लोक। ॠग्वेद के सूक्त विविध [[देवता|देवताओं]] की स्तुति करने वाले भाव भरे गीत हैं। इनमें भक्तिभाव की प्रधानता है। यद्यपि ॠग्वेद में अन्य प्रकार के सूक्त भी हैं, परन्तु देवताओं की स्तुति करने वाले स्त्रोतों की प्रधानता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ॠग्वेद]] | ||
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+[[खजुराहो]] में | +[[खजुराहो]] में | ||
-[[इन्दौर]] में | -[[इन्दौर]] में | ||
-[[ | -[[भोपाल]] में | ||
||[[चित्र:Khajuraho-Temple-10.jpg|खजुराहो मन्दिर, मध्य प्रदेश|100px|right]]खजुराहो में 64 योगिनियों का खुला मन्दिर खुरदुरे ग्रेनाइट पत्थर का बना हुआ है। उत्तरमुखी इस मन्दिर का निर्माण 900 ईसवी में माना जाता है। जबकि 10वीं शताब्दी के मध्य में बने नागर शैली के उत्कृष्ट मन्दिर, चिकने बलुआ पत्थर से निर्मित हैं। यहां से ब्रह्माणी, इंद्राणी व महिषासुर मर्दिनी की प्रतिमाऐं प्राप्त हुई हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[खजुराहो]] | ||[[चित्र:Khajuraho-Temple-10.jpg|खजुराहो मन्दिर, मध्य प्रदेश|100px|right]]खजुराहो में 64 योगिनियों का खुला मन्दिर खुरदुरे ग्रेनाइट पत्थर का बना हुआ है। उत्तरमुखी इस मन्दिर का निर्माण 900 ईसवी में माना जाता है। जबकि 10वीं शताब्दी के मध्य में बने नागर शैली के उत्कृष्ट मन्दिर, चिकने बलुआ पत्थर से निर्मित हैं। यहां से ब्रह्माणी, इंद्राणी व महिषासुर मर्दिनी की प्रतिमाऐं प्राप्त हुई हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[खजुराहो]] | ||
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-16 अध्याय व 600 [[संस्कृत]] श्लोक | -16 अध्याय व 600 [[संस्कृत]] श्लोक | ||
+18 अध्याय व 700 | +18 अध्याय व 700 संस्कृत श्लोक | ||
-16 अध्याय व 650 | -16 अध्याय व 650 संस्कृत श्लोक | ||
-20 अध्याय व 800 | -20 अध्याय व 800 संस्कृत श्लोक | ||
Revision as of 11:49, 24 May 2011
कला और संस्कृति
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