पुनपुन नदी: Difference between revisions
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*[[झारखण्ड]] में पुनपुन एवं उसकी सहायक नदियों का उदगम हज़ारीबाग़ पठार व पलामू के उत्तरी क्षेत्रों से होता है। | *[[झारखण्ड]] में पुनपुन एवं उसकी सहायक नदियों का उदगम हज़ारीबाग़ पठार व [[पलामू]] के उत्तरी क्षेत्रों से होता है। | ||
*यह नदी तथा इसकी सहायक नदियाँ उत्तरी कोयल प्रवाह क्षेत्र के उत्तर से निकलकर [[सोन नदी|सोन]] के समानान्तर बहती है। | *यह नदी तथा इसकी सहायक नदियाँ उत्तरी कोयल प्रवाह क्षेत्र के उत्तर से निकलकर [[सोन नदी|सोन]] के समानान्तर बहती है। | ||
*[[गंगा]] में मिलने से पूर्व इसमें दीर्धा और मोरहर नामक सहायक नदियाँ आ मिलती हैं। | *[[गंगा]] में मिलने से पूर्व इसमें दीर्धा और मोरहर नामक सहायक नदियाँ आ मिलती हैं। |
Revision as of 08:00, 3 July 2011
- पुनपुन का महत्त्व हिन्दू धर्म के लिए बहुत अधिक है।
- इस नदी को पवित्र नदी के रूप में पूजा जाता है।
- पुनपुन नदी को कीकट नदी भी कहा जाता है।
- कहीं-कहीं पर इसे बमागधी भी कहा जाता है।
- झारखण्ड में पुनपुन एवं उसकी सहायक नदियों का उदगम हज़ारीबाग़ पठार व पलामू के उत्तरी क्षेत्रों से होता है।
- यह नदी तथा इसकी सहायक नदियाँ उत्तरी कोयल प्रवाह क्षेत्र के उत्तर से निकलकर सोन के समानान्तर बहती है।
- गंगा में मिलने से पूर्व इसमें दीर्धा और मोरहर नामक सहायक नदियाँ आ मिलती हैं।
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