पद्मा नदी: Difference between revisions

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'''पद्मा नदी''' गंगा नदी के पानी से पोषित होने वाली नदी है। [[भारत]] व [[बांग्लादेश]] के बीच 1997 में हुई '''गंगा जल संधि के अंतर्गत''' पद्मा नदी को [[गंगा नदी]] से पानी मिलता है।  
'''पद्मा नदी''' [[गंगा नदी]] के पानी से पोषित होने वाली नदी है। [[भारत]] व [[बांग्लादेश]] के बीच 1997 में हुई 'गंगा जल संधि के अंतर्गत' पद्मा नदी को गंगा नदी से पानी मिलता है। इसकी औसत गहराई 695 फीट (201 मी) और अधिकतम गहराई 1144 फीट (323 मीटर) है। बांग्ला देश में गंगा नदी को प्राय: पद्मा नाम से ही पुकारा जाता है।  
 
इसकी औसत गहराई 695 फीट (201 मी) और अधिकतम गहराई 1144 फीट (323 मीटर) है। पद्मा भी गंगा के ही रूप में बहती रहती है।  
==गंगा जल संधि==
==गंगा जल संधि==
इस संधि के अनुसार फरक्‍का में <ref>जो भारत में गंगा नदी पर अंतिम नियंत्रण बिंदु है</ref> गंगा का पानी कमी वाली अवधि के दौरान पहली जनवरी से 31 मई तक हर वर्ष संधि में दिए गए फार्मूले के अनुसार 10-दैनिक आधार पर बांटा जा रहा है। संधि की अवधि 30 वर्ष है। हालांकि हर पांच वर्ष में इसकी समीक्षा का प्रावधान है, अभी तक किसी ने भी इसकी मांग नहीं की है। संधि के अनुरूप पानी के बंटवारे की निगरानी एक संयुक्‍त समिति करती है जो दोनों देशों के संयुक्‍त नदी आयोग के सदस्‍यों से बनी है। इस संयुक्‍त समिति की तीन बैठकें हर वर्ष होती है। दोनों देशों की संतुष्‍टि के अनुसार यह संधि 1997 से कार्यान्‍वित की जा रही है।<ref>{{cite web |url=http://bharat.gov.in/sectors/water_resources/international_corp.php |title=अंतरराष्ट्रीय सहयोग|accessmonthday=[[27 जुलाई]] |accessyear=2011 |last= |first= |authorlink= |format=पी. एच. पी |publisher=भारत की आधिकारिक वेबसाइट |language=[[हिन्दी]] }}</ref>
इस संधि के अनुसार फरक्‍का में <ref>जो भारत में गंगा नदी पर अंतिम नियंत्रण बिंदु है</ref> गंगा का पानी कमी वाली अवधि के दौरान पहली जनवरी से 31 मई तक हर वर्ष संधि में दिए गए फार्मूले के अनुसार 10-दैनिक आधार पर बांटा जा रहा है। संधि की अवधि 30 वर्ष है। हालांकि हर पांच वर्ष में इसकी समीक्षा का प्रावधान है, अभी तक किसी ने भी इसकी मांग नहीं की है। संधि के अनुरूप पानी के बंटवारे की निगरानी एक संयुक्‍त समिति करती है जो दोनों देशों के संयुक्‍त नदी आयोग के सदस्‍यों से बनी है। इस संयुक्‍त समिति की तीन बैठकें हर वर्ष होती है। दोनों देशों की संतुष्‍टि के अनुसार यह संधि 1997 से कार्यान्‍वित की जा रही है।<ref>{{cite web |url=http://bharat.gov.in/sectors/water_resources/international_corp.php |title=अंतरराष्ट्रीय सहयोग|accessmonthday=[[27 जुलाई]] |accessyear=2011 |last= |first= |authorlink= |format=पी. एच. पी |publisher=भारत की आधिकारिक वेबसाइट |language=[[हिन्दी]] }}</ref>

Revision as of 07:00, 15 November 2011

पद्मा नदी गंगा नदी के पानी से पोषित होने वाली नदी है। भारतबांग्लादेश के बीच 1997 में हुई 'गंगा जल संधि के अंतर्गत' पद्मा नदी को गंगा नदी से पानी मिलता है। इसकी औसत गहराई 695 फीट (201 मी) और अधिकतम गहराई 1144 फीट (323 मीटर) है। बांग्ला देश में गंगा नदी को प्राय: पद्मा नाम से ही पुकारा जाता है।

गंगा जल संधि

इस संधि के अनुसार फरक्‍का में [1] गंगा का पानी कमी वाली अवधि के दौरान पहली जनवरी से 31 मई तक हर वर्ष संधि में दिए गए फार्मूले के अनुसार 10-दैनिक आधार पर बांटा जा रहा है। संधि की अवधि 30 वर्ष है। हालांकि हर पांच वर्ष में इसकी समीक्षा का प्रावधान है, अभी तक किसी ने भी इसकी मांग नहीं की है। संधि के अनुरूप पानी के बंटवारे की निगरानी एक संयुक्‍त समिति करती है जो दोनों देशों के संयुक्‍त नदी आयोग के सदस्‍यों से बनी है। इस संयुक्‍त समिति की तीन बैठकें हर वर्ष होती है। दोनों देशों की संतुष्‍टि के अनुसार यह संधि 1997 से कार्यान्‍वित की जा रही है।[2]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. जो भारत में गंगा नदी पर अंतिम नियंत्रण बिंदु है
  2. अंतरराष्ट्रीय सहयोग (हिन्दी) (पी. एच. पी) भारत की आधिकारिक वेबसाइट। अभिगमन तिथि: 27 जुलाई, 2011।

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