बोरदी: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
(''''बोरदी''' मुम्बई, महाराष्ट्र से 145 किलोमीटर की दूरी ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
Line 1: Line 1:
'''बोरदी''' [[मुम्बई]], [[महाराष्ट्र]] से 145 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक खूबसूरत शहर है। यह महाराष्‍ट्र राज्‍य के [[ठाणे ज़िला|ठाणे ज़िले]] में एक छोटे से शहर दहानू से लगभग 17 किलोमीटर की दूरी पर है। इस जगह को "समुद्र के किनारे का पुरवा" भी कहा जाता है। बोरदी का समुद्र तट बेहद शान्त रहता है। यहाँ का समुद्र तट कालापन लिये हुए है, जिसके किनारे पर बहुत सारे [[चीकू]] के पेड़ लगे हुए हैं। यहाँ [[समुद्र]] का स्‍तर कभी ज़्यादा नहीं बढ़ता। समुद्र तट पर अधिक से अधिक एक या आधा किलोमीटर तक ही पानी आता है। इसलिए यहाँ पानी के खेल खेलना अधिक सुरक्षित माना जाता है।
'''बोरदी''' [[मुम्बई]], [[महाराष्ट्र]] से 145 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक खूबसूरत शहर है। यह महाराष्‍ट्र राज्‍य के [[ठाणे ज़िला|ठाणे ज़िले]] में एक छोटे से शहर दहानू से लगभग 17 किलोमीटर की दूरी पर है। इस जगह को "समुद्र के किनारे का पुरवा" भी कहा जाता है। बोरदी का समुद्र तट बेहद शान्त रहता है। यहाँ का समुद्र तट कालापन लिये हुए है, जिसके किनारे पर बहुत सारे [[चीकू]] के पेड़ लगे हुए हैं। यहाँ [[समुद्र]] का स्‍तर कभी ज़्यादा नहीं बढ़ता। समुद्र तट पर अधिक से अधिक एक या आधा किलोमीटर तक ही पानी आता है। इसलिए यहाँ पानी के खेल खेलना अधिक सुरक्षित माना जाता है।
==पर्यटन स्थल==
बोरदी में पानी में खेले जाने वाले खेल काफ़ी हैं, जिनका आनन्द बच्‍चे से लेकर बड़े तक उठाते हैं। कम प्रचार की वजह से पर्यटक इस जगह से कम परिचित हैं। यह शहर बेरोजगारी से अछूता है। यहाँ आने वाले पर्यटक इस क्षेत्र में घूमने के बाद काफ़ी प्रभावित दिखते हैं। परिवार के साथ आने के लिए बोरदी एक आर्दश स्‍थल है, जहाँ पर्यटक चीकू के बाग़ों में टहल सकते हैं और गुनगुनी धूप का मजा भी उठा सकते हैं। बोरदी बेहद सुंदर स्‍थान है, जो काफ़ी रोमांटिक भी है। यहाँ आकर पर्यटक घुडसवारी का मजा भी उठा सकते है। यहाँ के शांत और स्‍वच्‍छ समुद्र तट की देखभाल महाराष्‍ट्र का 'वुड्स संरक्षण विभाग' करता है, शायद यही कारण है कि यह स्‍थल वर्तमान में पर्यटकों की जानकारी में नहीं है।<ref name="ab">{{cite web |url=http://hindi.nativeplanet.com/bordi/|title=बोरदी|accessmonthday=20 फ़रवरी|accessyear=2013|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref>
==धार्मिक स्‍थल==
[[पारसी]] समुदाय के कई प्रसिद्ध धार्मिक स्‍थल भी बोरदी में हैं। पारसियों के पवित्र स्‍थल मक्‍का की पवित्र आग यहाँ कई सदियों से लगातार जल रही है। बोरदी समुदाय को पारसी लोगों ने स्‍थापित किया था, जो काफ़ी गर्मजोशी से भरे हुए हैं। इन लोगों ने यहाँ आने वाले पर्यटकों के लिए प्रमाणिक पारसी भोजन और अस्‍थायी बंगले का भी निर्माण किया है, जहाँ आकर पर्यटक ठहर सकते हैं। इस शहर में आठ किलोमीटर की दूरी पर बहरोट की गुफ़ाएँ स्थित हैं, जो पर्यटकों के लिए मुख्‍य आकर्षण का केंद्र हैं।
====जैन मंदिर====
बोरदी के मालीनाथ तीर्थ और कोसबाद मंदिर को [[जैन धर्म]] का पवित्र तीर्थ स्‍थल माना जाता है। यह धार्मिक स्‍थल जैन [[तीर्थंकर]] भगवान [[ऋषभदेव]] को समर्पित है। बोरदी का कल्‍पतरू गार्डन शहर से दस किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जो उम्‍बर गाँव पर आधारित है। यहाँ निकट ही 'वृंदावन स्‍टूडियो' है, जहाँ कई धार्मिक और ऐतिहासिक धारावाहिकों, जैसे- महाभारत और रामायण आदि की शूटिंग की गई थी। यहाँ की [[संस्कृति]] [[भारत]] की समृद्ध विरासत का प्रतिनिधित्‍व करती है। [[इतिहास]] के अनुसार यहाँ स्थित दहानू क़िले को एक बार जेल के रूप में इस्‍तेमाल किया जा चुका है। यह क़िला भारत की समृद्ध सस्‍ंकृति का प्रतीक है।<ref name="ab"/>
==कब जाएँ==
इस जगह आने के लिए मानसून के बाद का समय और सर्दियों का शुरुआती दौर आदर्श समय है। [[नवम्बर]] से लेकर [[फ़रवरी]] के महीनों में यहाँ पर्यटकों की संख्या में भारी इजाफा होता है। इस दौरान यहाँ का [[तापमान]] बारह डिग्री सेल्सियस तक रहता है, जो लाभप्रद और अच्‍छा है। इस दौरान यहाँ की जलवायु स्वास्थ्यकर और समशीतोष्ण रहती है। यहाँ पर्यटक अपनी सुविधानुसार पहुँच सकते है।
====कैसे पहुँचें====
यातायात का हर साधन बोरदी तक पहुँचाने में पर्यटकों को ज्‍यादा कष्‍ट नहीं देता। बोरदी तक हवाई यात्रा, रेल यात्रा और सड़क यात्रा से पहुँचा जा सकता है। हवाई यात्रा करने वाले पर्यटक [[मुम्‍बई]] के एयरपोर्ट 'छत्रपति शिवाजी हवाई अड्डे' पर उतर सकते हैं और वहाँ से बस या निजी वाहन द्वारा आ सकते हैं। रेल से आने वाले यात्री दहानु रेलवे स्‍टेशन तक आराम से यात्रा करते हुए आ सकते हैं। सड़क यात्रा करने वाले यात्री राज्‍य सरकार द्वारा चलाई जाने वाली बसों से बोरदी तक आ सकते हैं।<ref name="ab"/>


बोरदी में पानी में खेले जाने वाले खेल काफ़ी हैं, जिनका आनन्द बच्‍चे से लेकर बड़े तक उठाते हैं। कम प्रचार की वजह से पर्यटक इस जगह से कम परिचित हैं। यह शहर बेरोजगारी से अछूता है। यहाँ आने वाले पर्यटक इस क्षेत्र में घूमने के बाद काफ़ी प्रभावित दिखते हैं। परिवार के साथ आने के लिए बोरदी एक आर्दश स्‍थल है, जहाँ पर्यटक चिकू के बाग़ों में टहल सकते हैं और गुनगुनी धूप का मजा भी उठा सकते हैं।
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
 
{{लेख प्रगति|आधार=आधार1|प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>

Revision as of 12:43, 20 February 2013

बोरदी मुम्बई, महाराष्ट्र से 145 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक खूबसूरत शहर है। यह महाराष्‍ट्र राज्‍य के ठाणे ज़िले में एक छोटे से शहर दहानू से लगभग 17 किलोमीटर की दूरी पर है। इस जगह को "समुद्र के किनारे का पुरवा" भी कहा जाता है। बोरदी का समुद्र तट बेहद शान्त रहता है। यहाँ का समुद्र तट कालापन लिये हुए है, जिसके किनारे पर बहुत सारे चीकू के पेड़ लगे हुए हैं। यहाँ समुद्र का स्‍तर कभी ज़्यादा नहीं बढ़ता। समुद्र तट पर अधिक से अधिक एक या आधा किलोमीटर तक ही पानी आता है। इसलिए यहाँ पानी के खेल खेलना अधिक सुरक्षित माना जाता है।

पर्यटन स्थल

बोरदी में पानी में खेले जाने वाले खेल काफ़ी हैं, जिनका आनन्द बच्‍चे से लेकर बड़े तक उठाते हैं। कम प्रचार की वजह से पर्यटक इस जगह से कम परिचित हैं। यह शहर बेरोजगारी से अछूता है। यहाँ आने वाले पर्यटक इस क्षेत्र में घूमने के बाद काफ़ी प्रभावित दिखते हैं। परिवार के साथ आने के लिए बोरदी एक आर्दश स्‍थल है, जहाँ पर्यटक चीकू के बाग़ों में टहल सकते हैं और गुनगुनी धूप का मजा भी उठा सकते हैं। बोरदी बेहद सुंदर स्‍थान है, जो काफ़ी रोमांटिक भी है। यहाँ आकर पर्यटक घुडसवारी का मजा भी उठा सकते है। यहाँ के शांत और स्‍वच्‍छ समुद्र तट की देखभाल महाराष्‍ट्र का 'वुड्स संरक्षण विभाग' करता है, शायद यही कारण है कि यह स्‍थल वर्तमान में पर्यटकों की जानकारी में नहीं है।[1]

धार्मिक स्‍थल

पारसी समुदाय के कई प्रसिद्ध धार्मिक स्‍थल भी बोरदी में हैं। पारसियों के पवित्र स्‍थल मक्‍का की पवित्र आग यहाँ कई सदियों से लगातार जल रही है। बोरदी समुदाय को पारसी लोगों ने स्‍थापित किया था, जो काफ़ी गर्मजोशी से भरे हुए हैं। इन लोगों ने यहाँ आने वाले पर्यटकों के लिए प्रमाणिक पारसी भोजन और अस्‍थायी बंगले का भी निर्माण किया है, जहाँ आकर पर्यटक ठहर सकते हैं। इस शहर में आठ किलोमीटर की दूरी पर बहरोट की गुफ़ाएँ स्थित हैं, जो पर्यटकों के लिए मुख्‍य आकर्षण का केंद्र हैं।

जैन मंदिर

बोरदी के मालीनाथ तीर्थ और कोसबाद मंदिर को जैन धर्म का पवित्र तीर्थ स्‍थल माना जाता है। यह धार्मिक स्‍थल जैन तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव को समर्पित है। बोरदी का कल्‍पतरू गार्डन शहर से दस किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जो उम्‍बर गाँव पर आधारित है। यहाँ निकट ही 'वृंदावन स्‍टूडियो' है, जहाँ कई धार्मिक और ऐतिहासिक धारावाहिकों, जैसे- महाभारत और रामायण आदि की शूटिंग की गई थी। यहाँ की संस्कृति भारत की समृद्ध विरासत का प्रतिनिधित्‍व करती है। इतिहास के अनुसार यहाँ स्थित दहानू क़िले को एक बार जेल के रूप में इस्‍तेमाल किया जा चुका है। यह क़िला भारत की समृद्ध सस्‍ंकृति का प्रतीक है।[1]

कब जाएँ

इस जगह आने के लिए मानसून के बाद का समय और सर्दियों का शुरुआती दौर आदर्श समय है। नवम्बर से लेकर फ़रवरी के महीनों में यहाँ पर्यटकों की संख्या में भारी इजाफा होता है। इस दौरान यहाँ का तापमान बारह डिग्री सेल्सियस तक रहता है, जो लाभप्रद और अच्‍छा है। इस दौरान यहाँ की जलवायु स्वास्थ्यकर और समशीतोष्ण रहती है। यहाँ पर्यटक अपनी सुविधानुसार पहुँच सकते है।

कैसे पहुँचें

यातायात का हर साधन बोरदी तक पहुँचाने में पर्यटकों को ज्‍यादा कष्‍ट नहीं देता। बोरदी तक हवाई यात्रा, रेल यात्रा और सड़क यात्रा से पहुँचा जा सकता है। हवाई यात्रा करने वाले पर्यटक मुम्‍बई के एयरपोर्ट 'छत्रपति शिवाजी हवाई अड्डे' पर उतर सकते हैं और वहाँ से बस या निजी वाहन द्वारा आ सकते हैं। रेल से आने वाले यात्री दहानु रेलवे स्‍टेशन तक आराम से यात्रा करते हुए आ सकते हैं। सड़क यात्रा करने वाले यात्री राज्‍य सरकार द्वारा चलाई जाने वाली बसों से बोरदी तक आ सकते हैं।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 बोरदी (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 20 फ़रवरी, 2013।

संबंधित लेख