Difference between revisions of "इतिहास सामान्य ज्ञान 23"

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-[[शहज़ादा दानियाल|दानियाल]]
 
-[[शहज़ादा दानियाल|दानियाल]]
 
||[[18 मई]], 1637 ई. को [[फ़ारस]] के राजघराने की 'दिलरास बानो बेगम' के साथ [[औरंगज़ेब]] का निकाह हुआ। 1636 ई. से 1644 ई. एवं 1652 ई. से 1657 ई. तक औरंगज़ेब [[गुजरात]] (1645 ई.), मुल्तान (1640 ई.) एवं [[सिंध]] का भी गर्वनर रहा। [[आगरा]] पर क़ब्ज़ा कर जल्दबाज़ी में औरंगज़ेब ने अपना राज्याभिषक "अबुल मुजफ्फर मुहीउद्दीन मुजफ्फर औरंगज़ेब बहादुर आलमगीर" की उपाधि से [[31 जुलाई]], 1658 ई. को [[दिल्ली]] में करवाया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[औरंगज़ेब]]
 
||[[18 मई]], 1637 ई. को [[फ़ारस]] के राजघराने की 'दिलरास बानो बेगम' के साथ [[औरंगज़ेब]] का निकाह हुआ। 1636 ई. से 1644 ई. एवं 1652 ई. से 1657 ई. तक औरंगज़ेब [[गुजरात]] (1645 ई.), मुल्तान (1640 ई.) एवं [[सिंध]] का भी गर्वनर रहा। [[आगरा]] पर क़ब्ज़ा कर जल्दबाज़ी में औरंगज़ेब ने अपना राज्याभिषक "अबुल मुजफ्फर मुहीउद्दीन मुजफ्फर औरंगज़ेब बहादुर आलमगीर" की उपाधि से [[31 जुलाई]], 1658 ई. को [[दिल्ली]] में करवाया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[औरंगज़ेब]]
 
{[[पृथ्वीराज चौहान]] के विरुद्ध लड़ने के लिए किस [[राजपूत]] शासक ने [[मुहम्मद ग़ोरी]] को आमंत्रित किया?
 
|type="()"}
 
-[[जयपाल]]
 
-मूलराज
 
+[[जयचन्द्र]]
 
-[[महिपाल]]
 
||[[कन्नौज]] का राजा [[जयचन्द्र]] [[पृथ्वीराज चौहान]] की वृद्धि के कारण उससे ईर्ष्या करने लगा था। वह उसका विद्वेषी हो गया था। उन युद्धों से पहले पृथ्वीराज कई [[हिन्दू]] राजाओं से लड़ाइयाँ कर चुका था। [[चन्देल वंश|चंदेल]] राजाओं को पराजित करने में उसे अपने कई विख्यात सेनानायकों और वीरों को खोना पड़ा था। जयचंद्र के साथ होने वाले संघर्ष में भी उसके बहुत से वीरों की हानि हुई थी। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[जयचन्द्र]]
 
 
{[[सुल्तान]] चुने जाने के समय [[इल्तुतमिश]] [[भारत]] में किस प्रांत का गवर्नर था?
 
|type="()"}
 
-लखनौती
 
+[[बदायूँ]]
 
-[[सिंध]]
 
-[[जालौर]]
 
||बदायूँ, [[उत्तर प्रदेश]] का एक महत्त्वपूर्ण ज़िला है। यह [[गंगा]] की सहायक नदी स्रोत के समीप स्थित है। 11वीं शती के एक अभिलेख में, जो [[बदायूँ]] से प्राप्त हुआ है, इस नगर का तत्कालीन नाम 'वोदामयूता' कहा गया है। इस लेख से ज्ञात होता है कि उस समय बदायूँ में [[पांचाल]] देश की राजधानी थी।।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बदायूँ]]
 
 
{[[दिल्ली सल्तनत]] का पहला शासक कौन था, जिसने [[दिल्ली]] को अपनी राजधानी बनाया?
 
|type="()"}
 
-[[आलमशाह प्रथम|आलमशाह]]
 
-[[क़ुतुबुद्दीन ऐबक]]
 
+[[इल्तुतमिश]]
 
-[[रजिया सुल्तान]]
 
||[[चित्र:Iltutmish-Tomb-Qutab-Minar.jpg|इल्तुतमिश का मक़बरा, क़ुतुब मीनार|100px|right]] अकस्मात् मुत्यु के कारण [[क़ुतुबुद्दीन ऐबक]] अपने किसी उत्तराधिकारी का चुनाव नहीं कर सका था। अतः [[लाहौर]] के तुर्क अधिकारियों ने क़ुतुबुद्दीन ऐबक के विवादित पुत्र [[आरामशाह]] को लाहौर की गद्दी पर बैठाया, परन्तु [[दिल्ली]] के तुर्को सरदारों एवं नागरिकों के विरोध के फलस्वरूप क़ुतुबुद्दीन ऐबक के दामाद इल्तुतमिश, जो उस समय [[बदायूँ]] का सूबेदार था, को दिल्ली आमंत्रित कर राज्यसिंहासन पर बैठाया गया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[इल्तुतमिश]]
 
 
{किस शासक ने स्वयं को '[[ख़लीफ़ा]]' घोषित किया?
 
|type="()"}
 
-[[नासिरुद्दीन खुशरवशाह]]
 
+[[मुबारक ख़िलजी]]
 
-[[अलाउद्दीन ख़िलजी]]
 
-[[बलबन]]
 
||मुबारक ख़िलजी ने ‘अल इमाम’, ‘उल इमाम’ एवं ‘ख़िलाफ़त-उल्लाह’ की उपाधियाँ धारण की थीं। उसने ख़िलाफ़त के प्रति [[भक्ति]] को हटाकर अपने को ‘[[इस्लाम धर्म]] का सर्वोच्च प्रधान’ और ‘स्वर्ण तथा पृथ्वी के अधिपति का 'ख़लीफ़ा घोषित किया था। साथ ही उसने ‘अलवसिक विल्लाह’ की धर्म की प्रधान उपाधि भी धारण धारण की थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मुबारक ख़िलजी]]
 
 
{मक़बरा निर्माण शैली का जन्मदाता किसे माना जाता है?
 
|type="()"}
 
-[[बलबन]]
 
-[[कुतुबुद्दीन ऐबक]]
 
+[[इल्तुतमिश]]
 
-[[रजिया सुल्तान]]
 
||1225 में [[इल्तुतमिश]] ने [[बंगाल]] में स्वतन्त्र शासक 'हिसामुद्दीन इवाज' के विरुद्ध अभियान छेड़ा। इवाज ने बिना युद्ध के ही उसकी अधीनता में शासन करना स्वीकार कर लिया, पर इल्तुतमिश के पुनः [[दिल्ली]] लौटते ही उसने फिर से विद्रोह कर दिया। इस बार इल्तुतमिश के पुत्र [[नसीरूद्दीन महमूद]] ने 1226 ई. में लगभग उसे पराजित कर लखनौती पर अधिकार कर लिया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:[[इल्तुतमिश]]
 
 
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samany jnan prashnottari
rajyoan ke samany jnan


  1. REDIRECTsaancha:nilais vishay se sanbandhit lekh padhean:-
  2. REDIRECTsaancha:nila band itihas praangan, itihas kosh, aitihasik sthan kosh

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1 dakshin bharat mean kis chol shasak ne apani sarvashreshthata sthapit ki?

vijayalay ne
adity pratham ne
rajaraj pratham ne
parantak pratham ne

2 dilli saltanat ki sthapana kab huee?

1194
1206
1208
1210

3 kutubuddin aibak ki mrityu kis tarah huee?

bimari se
yuddh karate hue
gho de se girakar
atmahatya dvara

4 mahamood gazanavi ke darabar mean rahate hue kis vidvan ne prasiddh granth 'shahanama' ki rachana ki?

farukhi
firadausi
toosi
alabarooni

5 mugal vansh ka chhathavaan shasak kaun tha?

jahaangir
aurangazeb
shahajahaan
daniyal

panne par jaean
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