अस्सकेनोई गण: Difference between revisions
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*उसके पास एक बड़ी सेना थी और मस्सग दुर्ग उनकी राजधानी थी। | *उसके पास एक बड़ी सेना थी और मस्सग दुर्ग उनकी राजधानी थी। | ||
*यह दुर्ग प्राकृतिक दृष्टि से दुर्भेद्य था और उसकी रक्षा के लिए एक ऊँची प्राचीर और गहरी परिखा का निर्माण किया गया था। | *यह दुर्ग प्राकृतिक दृष्टि से दुर्भेद्य था और उसकी रक्षा के लिए एक ऊँची प्राचीर और गहरी परिखा का निर्माण किया गया था। |
Latest revision as of 14:10, 30 June 2017
- अस्सकेनोई गण भारत पर सिकन्दर महान् के आक्रमण के समय मलकंद दर्रे के निकट स्वात घाटी के एक हिस्से में रहता था।
- उसके पास एक बड़ी सेना थी और मस्सग दुर्ग उनकी राजधानी थी।
- यह दुर्ग प्राकृतिक दृष्टि से दुर्भेद्य था और उसकी रक्षा के लिए एक ऊँची प्राचीर और गहरी परिखा का निर्माण किया गया था।
- अस्सकेनोई लोगों ने सिकन्दर से जमकर लोहा लिया और उनके एक तीर से सिकन्दर घायल भी हो गया।
- लेकिन अन्त में विजय सिकन्दर की ही हुई।
- उसने मस्सग दुर्ग पर अधिकार कर लिया और भंयकर नरसंहार के बाद अस्सकेनोई लोगों का दमन कर दिया।
- संस्कृत में इस गण का नाम आश्वकायन अथवा अश्वक है।
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