डूंगरपुर: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
'''डूंगरपुर''' [[राजस्थान]] के प्रसिद्ध नगरों में से एक है। [[राजस्थान का इतिहास|राजस्थान के इतिहास]] में इस स्थान की भी महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। यहाँ की [[वास्तुकला]] अपने आप में बेजोड़ है। डूंगरपुर वास्तुकला की विशेष शैली के लिए जाना जाता है, जो यहां के महलों और अन्य ऐतिहासिक इमारतों में देखी जा सकती है। | '''डूंगरपुर''' [[राजस्थान]] के प्रसिद्ध नगरों में से एक है। [[राजस्थान का इतिहास|राजस्थान के इतिहास]] में इस स्थान की भी महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। यहाँ की [[वास्तुकला]] अपने आप में बेजोड़ है। डूंगरपुर वास्तुकला की विशेष शैली के लिए जाना जाता है, जो यहां के महलों और अन्य ऐतिहासिक इमारतों में देखी जा सकती है। | ||
== | ==इतिहास== | ||
'सिटी ऑफ हिल्स' के नाम से मशहूर डूंगरपुर राजस्थान का खूबसूरत ऐतिहासिक स्थल है, जो 13वीं शताब्दी के दौरान अस्तित्व में आया। इस स्थल को सबसे ज्यादा प्रसिद्धि गुहिलोत अहारा सूर्यवंशी राजपूतों के अधीन प्राप्त हुई। डूंगरपुर की स्थापना 1282 ई. में रावल वीर सिंह ने की थी। उन्होंने यह क्षेत्र [[भील]] प्रमुख डुंगरिया को हराकर विजित किया था। इसीलिए इस जगह का नाम 'डूंगरपुर' पड़ा। वर्ष 1818 ई. में [[ईस्ट इंडिया कंपनी]] ने इसे अपने अधिकार में ले लिया था। पहले यह स्थान डूंगरपुर प्रिंसली स्टेट की राजधानी हुआ करती थी। | 'सिटी ऑफ हिल्स' के नाम से मशहूर डूंगरपुर राजस्थान का खूबसूरत ऐतिहासिक स्थल है, जो 13वीं शताब्दी के दौरान अस्तित्व में आया। इस स्थल को सबसे ज्यादा प्रसिद्धि गुहिलोत अहारा सूर्यवंशी राजपूतों के अधीन प्राप्त हुई। डूंगरपुर की स्थापना 1282 ई. में रावल वीर सिंह ने की थी। उन्होंने यह क्षेत्र [[भील]] प्रमुख डुंगरिया को हराकर विजित किया था। इसीलिए इस जगह का नाम 'डूंगरपुर' पड़ा। वर्ष 1818 ई. में [[ईस्ट इंडिया कंपनी]] ने इसे अपने अधिकार में ले लिया था। पहले यह स्थान डूंगरपुर प्रिंसली स्टेट की राजधानी हुआ करती थी। | ||
==पर्यटन स्थल== | ==पर्यटन स्थल== |
Latest revision as of 09:55, 25 July 2018
डूंगरपुर राजस्थान के प्रसिद्ध नगरों में से एक है। राजस्थान के इतिहास में इस स्थान की भी महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। यहाँ की वास्तुकला अपने आप में बेजोड़ है। डूंगरपुर वास्तुकला की विशेष शैली के लिए जाना जाता है, जो यहां के महलों और अन्य ऐतिहासिक इमारतों में देखी जा सकती है।
इतिहास
'सिटी ऑफ हिल्स' के नाम से मशहूर डूंगरपुर राजस्थान का खूबसूरत ऐतिहासिक स्थल है, जो 13वीं शताब्दी के दौरान अस्तित्व में आया। इस स्थल को सबसे ज्यादा प्रसिद्धि गुहिलोत अहारा सूर्यवंशी राजपूतों के अधीन प्राप्त हुई। डूंगरपुर की स्थापना 1282 ई. में रावल वीर सिंह ने की थी। उन्होंने यह क्षेत्र भील प्रमुख डुंगरिया को हराकर विजित किया था। इसीलिए इस जगह का नाम 'डूंगरपुर' पड़ा। वर्ष 1818 ई. में ईस्ट इंडिया कंपनी ने इसे अपने अधिकार में ले लिया था। पहले यह स्थान डूंगरपुर प्रिंसली स्टेट की राजधानी हुआ करती थी।
पर्यटन स्थल
अतीत की कई घटनाओं का साक्षी रह चुका डूंगरपुर आज भी अपने ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है। अरावली पहाड़ियों के परिदृश्य के साथ स्थित यहाँ का महल ऐतिहासिक पर्यटन के लिहाज से एक खास स्थल है। डूंगरपुर में पर्यटकों के लिए आकर्षण की विस्तृत विविधता मौजूद है। यहां पर्यटक ऐतिहासिक, धार्मिक और सुंदर प्राचीन संरचनाएं देख सकते हैं।
डूंगरपुर विशेष रूप से विदेशी पर्यटकों के बीच अपने शांतिपूर्ण माहौल और सुंदरता के कारण लोकप्रिय बनता जा रहा है। यहाँ वास्तुकला की विशेष शैली के लिए जाना जाता है, यहाँ के महलों और अन्य ऐतिहासिक इमारतों में यहाँ की शैली देखी जा सकती है। यहाँ के प्रसिद्ध स्थानों में प्रमुख हैं-
- उदय बिलास पैलेस
- जूना महल
- बादल महल
- गैब सागर झील
- भुवनेश्वर शिव मंदिर
भौगोलिक परिदृश्य
डूंगरपुर से होकर बहने वाली सोम और माही नदियां इसे उदयपुर और बाँसवाड़ा से अलग करती हैं। "पहाड़ों का नगर" कहलाने वाले डूंगरपुर में जीव-जन्तुओं और पक्षियों की विभिन्न प्रजातियां पाई जाती हैं।
|
|
|
|
|
विथिका
डूंगरपुर