द्रौपदी मुर्मू: Difference between revisions
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Revision as of 06:37, 23 July 2022
द्रौपदी मुर्मू
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पूरा नाम | द्रौपदी मुर्मू |
जन्म | 20 जून, 1958 |
जन्म भूमि | मयूरभंज, ओडिशा |
पति/पत्नी | श्याम चरण मुर्मू (स्वार्गवासी) |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | राजनीतिज्ञ |
पार्टी | भारतीय जनता पार्टी |
पद | राष्ट्रपति भारत - 25 जुलाई, 2022 से पदस्थ |
शिक्षा | स्नातक |
विद्यालय | रामादेवी महिला महाविद्यालय, भुवनेश्वर |
संबंधित लेख | राज्यपाल, भारत के राज्यों के वर्तमान राज्यपालों की सूची |
द्रौपदी मुर्मू (अंग्रेज़ी: Draupadi Murmu, जन्म- 20 जून, 1958, मयूरभंज, ओडिशा) भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। वह भारत की 15वीं राष्ट्रपति बनी हैं। वह 25 जुलाई, 2022 को राष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण करेंगी। वे इस सर्वोच्च संवैधानिक पद पर पहुंचने वाली देश की पहली आदिवासी और दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं। 21 जुलाई, 2007 को सुबह 11 बजे शुरू हुई गिनती में नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू ने यूनाइटेड प्रोग्रेसिव अलायंस (यूपीए) के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को तीसरे चरण की गिनती में ही हरा दिया। उन्हें जीत के लिए जरूरी 5 लाख 43 हजार 261 वोट तीसरे राउंड में ही मिल गए। इससे पहले द्रौपदी मुर्मू झारखंड की राज्यपाल रही हैं। वह 18 मई, 2015 से 12 जुलाई, 2021 तक झारखंड के राज्यपाल पद पर रहीं।
परिचय
साल 2015-2021 के बीच झारखंड की गवर्नर रहीं द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून, 1958 को उड़ीसा में हुआ था। उनकी पढ़ाई भुवनेश्वर के रमादेवी वुमेंस कॉलेज से हुई है। वह स्नातक हैं। उनके पति श्याम चरण मुर्मू अब जीवित नहीं हैं। द्रौपदी मुर्मू आदिवासी जातीय समूह संथाल से संबंध रखती हैं। उन्होंने अपने गृह जनपद से शुरुआती शिक्षा पूरी करने के बाद भुवनेश्वर के रामादेवी महिला महाविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की। पढ़ाई पूरी होने के बाद एक शिक्षक के तौर पर अपने कॅरियर की शुरुआत की और कुछ समय तक इस क्षेत्र में काम किया।[1]
व्यावसायिक शुरुआत
द्रौपदी मुर्मू सिंचाई और बिजली विभाग में 1979 से 1983 तक जूनियर असिस्टेंट के तौर पर भी काम कर चुकी हैं। वर्ष 1994 से 1997 तक उन्होंरे रायरंगपुर के श्री अरबिंदो इंटीगरल एजुकेशन सेंटर में ऑनरेरी असिस्टेंट टीचर के तौर पर भी सेवाएं दीं।
जीवन की सबसे बड़ी चुनौती
एक दौर ऐसा भी था जब द्रौपदी मुर्मू के सामने दु:खों का पहाड़ टूट पड़ा था और वो पूरी तरह टूट गई थीं। साल 2009 में द्रौपदी मुर्मू को सबसे बड़ा झटका लगा। उनके बड़े बेटे की एक मार्ग दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। उस दौरान उनके बेटे की उम्र मात्र 25 वर्ष थी। ये सदमा झेलना उनके लिए बेहद मुश्किल हो गया। इसके बाद वर्ष 2013 में उनके दूसरे बेटे की भी मृत्यु हो गई। फिर 2014 में उनके पति का भी देहांत हो गया। ऐसी स्थिति में द्रौपदी मुर्मू के लिए खुद को संभाल पाना बेहद मुश्किल था। हालांकि उनके जानने वाले कहते हैं कि वह हर चुनौती से डील करना जानती हैं। ऐसे ही उन्होंने अपने कठिन समय से भी पार पाया। वह मेडिटेशन करने लगीं। साल 2009 से ही उन्होंने मेडिटेशन के अलग-अलग तरीके अपनाए। वे लगातार माउंट आबू स्थित ब्रह्मकुमारी संस्थान जाती रहीं।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 भारत की 15वीं राष्ट्रपति बनीं द्रौपदी मुर्मू (हिंदी) zeenews.india.com। अभिगमन तिथि: 23 जुलाई, 2022।
संबंधित लेख
- पुनर्प्रेषित साँचा:राज्यपाल, उपराज्यपाल व प्रशासक