प्रेम कुमार धूमल: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
(''''प्रेम कुमार धूमल''' (अंग्रेज़ी: ''Prem Kumar Dhumal'', जन्म- 10 अप...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
No edit summary
Line 11: Line 11:
*[[दिसंबर]] [[2007]] से [[दिसंबर]] [[2012]] तक वे मुख्यमंत्री पद पर आसीन रहे। वे दो बार मुख्यमंत्री पद पर रहे।
*[[दिसंबर]] [[2007]] से [[दिसंबर]] [[2012]] तक वे मुख्यमंत्री पद पर आसीन रहे। वे दो बार मुख्यमंत्री पद पर रहे।
==सड़कों वाले मुख्यमंत्री==
==सड़कों वाले मुख्यमंत्री==
प्रेम कुमार धूमल जब [[हिमाचल प्रदेश]] की राजनीति में आये, तब उन्होंने हिमाचल प्रदेश में सड़कों का ऐसा जाल बिछाया कि आज भी प्रदेशभर की जनता उन्हें '''सड़कों वाले मुख्यमंत्री''' के तौर पर याद करती है। प्रदेश भर में प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल की पहचान 'सड़क वाले मुख्यमंत्री' के रूप में है। वे [[भारतीय जनता पार्टी]] के पहले ऐसे मुख्यमंत्री बने जिन्होंने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया। साल [[1998]] और फिर साल [[2007]] में धूमल हिमाचल प्रदेश की सत्ता के शीर्ष पर पहुंचे।<ref name="pp">{{cite web |url=https://www.abplive.com/states/himachal-pradesh/himachal-pradesh-former-cm-prem-kumar-dhumal-birthday-today-know-his-political-career-ann-2379653 |title=हिमाचल में 'सड़क वाला सीएम' नाम से मशहूर हैं प्रेम कुमार धूमल|accessmonthday=04 जुलाई|accessyear=2023 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=abplive.com |language=हिंदी}}</ref>
प्रेम कुमार धूमल जब [[हिमाचल प्रदेश]] की राजनीति में आये, तब उन्होंने हिमाचल प्रदेश में सड़कों का ऐसा जाल बिछाया कि आज भी प्रदेशभर की जनता उन्हें '''सड़कों वाले मुख्यमंत्री''' के तौर पर याद करती है। प्रदेश भर में प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल की पहचान 'सड़क वाले मुख्यमंत्री' के रूप में है। वे [[भारतीय जनता पार्टी]] के पहले ऐसे मुख्यमंत्री बने जिन्होंने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया। साल [[1998]] और फिर साल [[2007]] में धूमल हिमाचल प्रदेश की सत्ता के शीर्ष पर पहुंचे।<ref>{{cite web |url=https://www.abplive.com/states/himachal-pradesh/himachal-pradesh-former-cm-prem-kumar-dhumal-birthday-today-know-his-political-career-ann-2379653 |title=हिमाचल में 'सड़क वाला सीएम' नाम से मशहूर हैं प्रेम कुमार धूमल|accessmonthday=04 जुलाई|accessyear=2023 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=abplive.com |language=हिंदी}}</ref>


प्रेम कुमार धूमल की गिनती हिमाचल के कद्दावर नेताओं में होती है। वह राजनीति में आने से पहले जब एलआईसी में क्लर्क के पद पर तैनात थे, वहीं उस दौरान के एक बस ड्राइवर की कही बात आज भी प्रेम कुमार धूमल के जहन में है। दरअसल, बात कुछ ऐसी थी कि वह धूमल के दिल में घर कर गई। हिमाचल प्रदेश की राजनीति को बेहद करीब से समझने वाले पत्रकार शशिकांत शर्मा बताते हैं कि प्रेम कुमार धूमल एलआईसी एजेंट रहते हुए अक्सर जालंधर से अपने घर आया करते थे। उस समय घर आने के लिए प्रेम कुमार धूमल बस का इस्तेमाल करते थे। उनके घर के रास्ते की सड़क पर एक जगह ऐसी ढलान आती थी, जिस पर बस का चढ़ना मुश्किल हो जाता था। कई बार जब बस में भीड़ ज्यादा होती थी तो कुछ यात्रियों को नीचे उतर कर बस को धक्का लगाना पड़ता था। कभी-कभी बस की छत पर सब्जियां होने की वजह से भी बस उस ढलान को पार नहीं कर पाती थी।
प्रेम कुमार धूमल की गिनती हिमाचल के कद्दावर नेताओं में होती है। वह राजनीति में आने से पहले जब एलआईसी में क्लर्क के पद पर तैनात थे, वहीं उस दौरान के एक बस ड्राइवर की कही बात आज भी प्रेम कुमार धूमल के जहन में है। दरअसल, बात कुछ ऐसी थी कि वह धूमल के दिल में घर कर गई। हिमाचल प्रदेश की राजनीति को बेहद करीब से समझने वाले पत्रकार शशिकांत शर्मा बताते हैं कि प्रेम कुमार धूमल एलआईसी एजेंट रहते हुए अक्सर जालंधर से अपने घर आया करते थे। उस समय घर आने के लिए प्रेम कुमार धूमल बस का इस्तेमाल करते थे। उनके घर के रास्ते की सड़क पर एक जगह ऐसी ढलान आती थी, जिस पर बस का चढ़ना मुश्किल हो जाता था। कई बार जब बस में भीड़ ज्यादा होती थी तो कुछ यात्रियों को नीचे उतर कर बस को धक्का लगाना पड़ता था। कभी-कभी बस की छत पर सब्जियां होने की वजह से भी बस उस ढलान को पार नहीं कर पाती थी।

Revision as of 06:19, 4 July 2023

प्रेम कुमार धूमल (अंग्रेज़ी: Prem Kumar Dhumal, जन्म- 10 अप्रॅल, 1944) हिमाचल प्रदेश के भूतपूर्व मुख्यमंत्री है। वे दो बार मुख्यमंत्री पद पर रह चुके हैं। वे राजनैतिक दल भारतीय जनता पार्टी के सदस्य के रूप में हिमाचल प्रदेश विधानसभा की हमीरपुर सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। प्रेम कुमार धूमल 1989 में पहली बार लोकसभा पहुंचे, उन्होंने हमीरपुर सीट पर उपचुनाव में जीत दर्ज की। इसके बाद वो 1998 और 2003 में विधानसभा चुनाव जीते। 2007 में भी उन्होंने विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की। जब पहली बार 1984 में लोकसभा चुनाव लड़े थे तो उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इसके अलावा 1996 के लोकसभा चुनावों में भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।[1]

परिचय

प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल का जन्म 10 अप्रैल, 1944 को गांव समीरपुर, जिला हमीरपुर में हुआ था। उनकी शादी शीला से हुई जिनसे उन्हें दो बेटे हैं- अरुण ठाकुर और अनुराग ठाकुर। अनुराग ठाकुर राजनीति में काफी सक्रिय हैं। वे बीसीसीआई के चेयरमैन भी रह चुके हैं। इसके अलावा मौजूदा समय में हमीरपुर लोकसभा से सांसद हैं। अनुराग बीजेपी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमान भी संभाल चुके हैं।

शिक्षा

प्रेम कुमार धूमल की प्रारंभिक शिक्षा मिडिल स्कूल भगवाड़ा में हुई और मैट्रिक डीएवी हाई स्कूल टौणी देवी, जिला हमीरपुर से की। सन 1970 में उन्होंने दोआबा कालेज, जालंधर में एमए अंग्रेज़ी में प्रथम श्रेणी से पूरी की। प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल ने पंजाब विश्वविद्यालय (जालंधर) में प्रवक्ता के रूप में कार्य किया। इसके बाद वे दोआब कालेज जालंधर चले गए। नौकरी करते हुए इन्होंने एलएलबी किया।

कॅरियर

  • 1984 में उन्होंने संसदीय चुनावों में भाग लिया और पराजित हुए, लेकिन वे 1989 में विजयी हुए।
  • 1991 में दोबारा हमीरपुर की लोकसभा सीट से विजयी हुए और हिमाचल प्रदेश की बीजेपी इकाई के अध्यक्ष बने।
  • 1996 के लोकसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा।
  • इसके बाद वे फिर से 1998 के विधानसभा चुनावों में बमसन क्षेत्र से जीतकर प्रदेश में भाजपा-हिविंका गठबंधन के मार्च 1998 से मार्च 2003 तक मुख्यमंत्री रहे।Cite error: Closing </ref> missing for <ref> tag

प्रेम कुमार धूमल की गिनती हिमाचल के कद्दावर नेताओं में होती है। वह राजनीति में आने से पहले जब एलआईसी में क्लर्क के पद पर तैनात थे, वहीं उस दौरान के एक बस ड्राइवर की कही बात आज भी प्रेम कुमार धूमल के जहन में है। दरअसल, बात कुछ ऐसी थी कि वह धूमल के दिल में घर कर गई। हिमाचल प्रदेश की राजनीति को बेहद करीब से समझने वाले पत्रकार शशिकांत शर्मा बताते हैं कि प्रेम कुमार धूमल एलआईसी एजेंट रहते हुए अक्सर जालंधर से अपने घर आया करते थे। उस समय घर आने के लिए प्रेम कुमार धूमल बस का इस्तेमाल करते थे। उनके घर के रास्ते की सड़क पर एक जगह ऐसी ढलान आती थी, जिस पर बस का चढ़ना मुश्किल हो जाता था। कई बार जब बस में भीड़ ज्यादा होती थी तो कुछ यात्रियों को नीचे उतर कर बस को धक्का लगाना पड़ता था। कभी-कभी बस की छत पर सब्जियां होने की वजह से भी बस उस ढलान को पार नहीं कर पाती थी।

एक बार जब बस की छत सब्जियों से भरी थी, तब बस ढलान को पार नहीं कर सकी, तो प्रेम कुमार धूमल ने ड्राइवर से कहा कि जब बस चढ़ती नहीं है तो इतनी सब्जियां बस की छत पर क्यों लदवा लेते हो। इस पर बस ड्राइवर ने कहा कि मुझे यह बातें कहने से बेहतर है कि अच्छे नेता को चुनों, जिसे कम से कम यह मालूम हो कि सड़क की एलिवेशन कितनी होनी चाहिए? इस बस में कोई खराबी नहीं, सड़क की ढलान ही ऐसी है कि यहां बस चल ही नहीं पाती है। बस ड्राइवर ने भले ही बात को सहजता से कहा हो, लेकिन प्रेम कुमार धूमल के जहन में यह बात उतर गई। पहले एलआईसी एजेंट और फिर प्रोफेसर बनने के बाद प्रेम कुमार धूमल की एंट्री जब हिमाचल प्रदेश की राजनीति में हुई, तब उन्होंने हिमाचल प्रदेश में सड़कों का ऐसा जाल बिछाया कि आज भी प्रदेशभर की जनता उन्हें 'सड़क वाले मुख्यमंत्री' के तौर पर याद करती है। पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल की सड़कों को लेकर उनके विजन के पीछे शायद उस बस ड्राइवर का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल की जीवनी (हिंदी) jivanihindi.com। अभिगमन तिथि: 04 जुलाई, 2023।

संबंधित लेख

भारतीय राज्यों में पदस्थ मुख्यमंत्री
क्रमांक राज्य मुख्यमंत्री तस्वीर पार्टी पदभार ग्रहण
1. अरुणाचल प्रदेश पेमा खांडू 80px|center भाजपा 17 जुलाई, 2016
2. असम हिमंता बिस्वा सरमा 80px|center भाजपा 10 मई, 2021
3. आंध्र प्रदेश वाई एस जगनमोहन रेड्डी 80px|center वाईएसआर कांग्रेस पार्टी 30 मई, 2019
4. उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ 80px|center भाजपा 19 मार्च, 2017
5. उत्तराखण्ड पुष्कर सिंह धामी 80px|center भाजपा 4 जुलाई, 2021
6. ओडिशा नवीन पटनायक 80px|center बीजू जनता दल 5 मार्च, 2000
7. कर्नाटक सिद्धारमैया 80px|center भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 20 मई, 2023
8. केरल पिनाराई विजयन 80px|center मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी 25 मई, 2016
9. गुजरात भूपेन्द्र पटेल 80px|center भाजपा 12 सितम्बर, 2021
10. गोवा प्रमोद सावंत 80px|center भाजपा 19 मार्च, 2019
11. छत्तीसगढ़ विष्णु देव साय 80px|center भारतीय जनता पार्टी 13 दिसम्बर, 2023
12. जम्मू-कश्मीर रिक्त (राज्यपाल शासन) लागू नहीं 20 जून, 2018
13. झारखण्ड हेमन्त सोरेन 80px|center झारखंड मुक्ति मोर्चा 29 दिसम्बर, 2019
14. तमिल नाडु एम. के. स्टालिन 80px|center द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम 7 मई, 2021
15. त्रिपुरा माणिक साहा 80px|center भाजपा 15 मई, 2022
16. तेलंगाना अनुमुला रेवंत रेड्डी 80px|center भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस 7 दिसंबर, 2023
17. दिल्ली अरविन्द केजरीवाल 80px|center आप 14 फ़रवरी, 2015
18. नागालैण्ड नेफियू रियो 80px|center एनडीपीपी 8 मार्च, 2018
19. पंजाब भगवंत मान 80px|center आम आदमी पार्टी 16 मार्च, 2022
20. पश्चिम बंगाल ममता बनर्जी 80px|center तृणमूल कांग्रेस 20 मई, 2011
21. पुदुचेरी एन. रंगास्वामी 80px|center कांग्रेस 7 मई, 2021
22. बिहार नितीश कुमार 80px|center जदयू 27 जुलाई, 2017
23. मणिपुर एन. बीरेन सिंह 80px|center भाजपा 15 मार्च, 2017
24. मध्य प्रदेश मोहन यादव 80px|center भाजपा 13 दिसंबर, 2023
25. महाराष्ट्र एकनाथ शिंदे 80px|center शिव सेना 30 जून, 2022
26. मिज़ोरम लालदुहोमा 80px|center जोरम पीपल्स मूवमेंट 8 दिसम्बर, 2023
27. मेघालय कॉनराड संगमा 80px|center एनपीपी 6 मार्च, 2018
28. राजस्थान भजन लाल शर्मा 80px|center भारतीय जनता पार्टी 15 दिसम्बर, 2023
29. सिक्किम प्रेम सिंह तमांग 80px|center सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा 27 मई, 2019
30. हरियाणा नायब सिंह सैनी 80px|center भाजपा 12 मार्च, 2024
31. हिमाचल प्रदेश सुखविंदर सिंह सुक्खू 80px|center भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 11 दिसम्बर, 2022