मनेर शरीफ़

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 13:56, 2 September 2013 by व्यवस्थापन (talk | contribs) (Text replace - "नक्काशी" to "नक़्क़ाशी")
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search
मनेर शरीफ़
विवरण मनेर शरीफ़ एक प्रसिद्ध मुस्लिम धार्मिक स्थान है। इस स्थान पर दो दरगाह हैं, जिनकी मुस्लिमों की धार्मिक आस्था में महत्त्वपूर्ण भूमिका है।
राज्य बिहार
निर्माण 1616 ई.
निर्माणकर्ता मुहम्मद इब्राहीम ख़ान
स्थिति पटना के पश्चिम में तीस किलोमीटर की दूरी पर राष्ट्रीय राजमार्ग 30 पर
अन्य जानकारी माना जाता है कि सूफ़ी संत मखदूम दौलत ने 1608 में यहाँ अंतिम साँस ली थी।

मनेर शरीफ़ एक प्रसिद्ध मुस्लिम धार्मिक स्थान है, जो भारत के बिहार राज्य में स्थित है। यह पटना के पश्चिम में तीस किलोमीटर की दूरी पर राष्ट्रीय राजमार्ग 30 पर स्थित है। इस स्थान पर दो दरगाह हैं, जिनकी मुस्लिमों की धार्मिक आस्था में महत्त्वपूर्ण भूमिका है। यह माना जाता है कि मनेर शरीफ़ स्थान पर ही सूफ़ी संत मखदूम दौलत ने वर्ष 1608 में अंतिम साँस ली थी।

दरगाह

बिहार में स्थित मनेर एक प्रख्यात तीर्थ है, जहाँ की दो मजारें- 'मखदमू याहिया मनेरी, जिसे 'बड़ी दरगाह' के नाम से जाना जाता है तथा दूसरी 'शाह दौलत' या 'मखदमू दौलत', जिसे लोग 'छोटी दरगाह' के नाम से सम्बोधित करते हैं। वास्तव में मनेर का प्रारम्भिक नाम 'मनियार मठान' था, जिसका साहित्यिक अर्थ होता है- "संगीतमय शहर"। मनेर शरीफ़ मुस्लिमों का वह प्रसिद्ध स्थल है, जहाँ सूफ़ी संत मखदूम दौलत ने सन 1608 में आखरी साँस ली थी। बिहार के मुग़ल सूबेदार मुहम्मद इब्राहीम ख़ान, जो मखदूम दौलत का शिष्य था, ने उनकी दरगाह का निर्माण सन 1616 में करवाया था।

झाँकी

यहाँ निर्मित झाँकी के अगले भाग में प्रदर्शित ट्रैक्टर भाग के ऊपर बने निर्माण पर सूफ़ी संत शेख़ याहिया मनेरी को दुआ करते हुए दिखया गया है। उक्त निर्माण के चारों ओर फूलों की सुन्दर सजावट दर्शायी गई है। झाँकी के आगे वाले भाग में जमीन पर चल रहे सभी धर्मों के अनुयायियों, सभी लिंग एवं उम्र के लोग सम्मिलित हैं। चार अनुयायी पवित्र चादर लेकर मनेर शरीफ़ पर चढ़ाने हेतु चल रहे हैं। उनमें से कुछ लोग सिर पर चढ़ावे की टोकरी भी साथ लेकर चल रहे हैं।

झाँकी में पिछले हिस्से पर मनेर स्थित बड़ी दरगाह के स्मारक को दर्शाया गया है, जहाँ बुर्ज के ऊपर सफ़ेद रंग का कबूतर शांति के प्रतीक के रूप में दिखाया गया है। मंच पर बैठे दर्शाये गए पाँच कव्वालों में से एक हारमोनियम, एक ढोलक तथा एक चिमटा बजाते हुए प्रदर्शित किया गया है। इसके नीचे पाँच सर्व धर्म के लोग मनेर शरीफ़ में दुआ कर रहे हैं। इसके पीछे मनेर शरीफ़ की भव्य भवन सहित फूल-पत्तियों की सजावट दर्शायी गई है। झाँकी के बगल वाले हिस्से में वहाँ के झरोखे एवं जालियों की नक़्क़ाशी का जीता-जगता चित्रण दिखाया गया है, जो बहुत ही शानदार है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः