आदिगुरु गोरखनाथ की धूनी

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thumb|left|वाणासुर किले का प्रवेश द्वार आदिगुरु गोरखनाथ की धूनी चम्पावत से लगभग 33 किमी की दूरी पर स्थित है। चनामक स्थान से इस स्थल हेतु लगभग 1.5 किमी की दूरी पैदल तय करने के उपरांत इस स्थान पर पहुंचा जा सकता है। जनश्रुति है कि यह धूनी सतयुग से लगातार प्रज्वलित है। यह स्थल नैसर्गिक सौंदर्यता से परिपूर्ण है।


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