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==काग़ज़ के कारखाने==
 
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*आधुनिक ढंग का पहला कारखाना सन् 1716 में [[चेन्नई]] के समीप ट्रंकवार नामक स्थान पर ''डॉ. विलियम कोरे'' द्वारा स्थापित किया गया जो सफल नही हो सका।  
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*आधुनिक ढंग का पहला कारख़ाना सन् 1716 में [[चेन्नई]] के समीप ट्रंकवार नामक स्थान पर ''डॉ. विलियम कोरे'' द्वारा स्थापित किया गया जो सफल नही हो सका।  
*इसी प्रकार [[1870]] में [[हुगली नदी]]<ref>[[पश्चिम बंगाल]]</ref> के किनारे एक कारखाना लगाया गया, जो पुनः असफल हो गया।  
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*इसी प्रकार [[1870]] में [[हुगली नदी]]<ref>[[पश्चिम बंगाल]]</ref> के किनारे एक कारख़ाना लगाया गया, जो पुनः असफल हो गया।  
*काग़ज़ उद्योग का प्रथमतः सफल कारखाना [[1879]] में [[लखनऊ]] में लगाया गया और [[1881]] में [[टीटागढ़]] में भी सफल कारखाना लगा।  
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*काग़ज़ उद्योग का प्रथमतः सफल कारख़ाना [[1879]] में [[लखनऊ]] में लगाया गया और [[1881]] में [[टीटागढ़]] में भी सफल कारख़ाना लगा।  
 
*[[2000]]-[[2001|01]] में भारत में काग़ज़ उद्योग के कारखानों की संख्या 515 थी जो वर्तमान में बढ़कर 600 से अधिक हो गई।  
 
*[[2000]]-[[2001|01]] में भारत में काग़ज़ उद्योग के कारखानों की संख्या 515 थी जो वर्तमान में बढ़कर 600 से अधिक हो गई।  
 
==काग़ज़ निर्माण के केन्द्र==
 
==काग़ज़ निर्माण के केन्द्र==
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*[[बिहार]] में डालमियां नगर, [[पटना]], [[बरौनी]], [[समस्तीपुर ज़िला|समस्तीपुर]] (जितवारपुर)।
 
*[[बिहार]] में डालमियां नगर, [[पटना]], [[बरौनी]], [[समस्तीपुर ज़िला|समस्तीपुर]] (जितवारपुर)।
 
*[[झारखण्ड]] में संथाल परगना आदि स्थानों पर काग़ज़ बनाने की मिलें स्थापित है।
 
*[[झारखण्ड]] में संथाल परगना आदि स्थानों पर काग़ज़ बनाने की मिलें स्थापित है।
*[[मध्य प्रदेश]] में [[होशंगाबाद]], मण्डोद्वीप (सिहोर), अमलाई (शहडोल) तथा [[भोपाल]] में काग़ज़ बनाने की मिलें स्थापित है। यहाँ के नेपानगर में अखबारी काग़ज़ बनाने का सरकारी कारखाना स्थित है।  
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*[[मध्य प्रदेश]] में [[होशंगाबाद]], मण्डोद्वीप (सिहोर), अमलाई (शहडोल) तथा [[भोपाल]] में काग़ज़ बनाने की मिलें स्थापित है। यहाँ के नेपानगर में अखबारी काग़ज़ बनाने का सरकारी कारख़ाना स्थित है।  
*[[तमिलनाडु]] राज्य में काग़ज़ बनाने का प्रमुख कारखाना पट्टीपलायम ([[मदुरई ज़िला|मदुरई ज़िला]]) में है।  
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*[[तमिलनाडु]] राज्य में काग़ज़ बनाने का प्रमुख कारख़ाना पट्टीपलायम ([[मदुरई ज़िला|मदुरई ज़िला]]) में है।  
 
*[[महाराष्ट्र]] राज्य में [[पुणे]], [[मुम्बई]], बल्लापुर, [[चन्द्रपुर]], [[कल्याण, थाना महाराष्ट्र|कल्याण]], खोपोली, कराड, पिम्परी, भिवण्डी, रोहा, कम्पटी, आदि  स्थानों पर काग़ज़ बनाने के कारखानें स्थापित हैं।  
 
*[[महाराष्ट्र]] राज्य में [[पुणे]], [[मुम्बई]], बल्लापुर, [[चन्द्रपुर]], [[कल्याण, थाना महाराष्ट्र|कल्याण]], खोपोली, कराड, पिम्परी, भिवण्डी, रोहा, कम्पटी, आदि  स्थानों पर काग़ज़ बनाने के कारखानें स्थापित हैं।  
 
*[[गुजरात]] में बापी, [[सूरत]], [[बड़ोदरा]], बिलीमोरा, राजकोटा, बरजोदा, दूगराबापी, उदावाड़ा, गंगाधारा आदि स्थानों पर 27 मिलों में काग़ज़ का निर्माण किया जाता है।  
 
*[[गुजरात]] में बापी, [[सूरत]], [[बड़ोदरा]], बिलीमोरा, राजकोटा, बरजोदा, दूगराबापी, उदावाड़ा, गंगाधारा आदि स्थानों पर 27 मिलों में काग़ज़ का निर्माण किया जाता है।  

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thumb|250px|kagaz mil kagaz udyog bharat mean prachin kal se hi kutir udyog ke star par kiya jata raha hai. kagaz udyog kachcha mal adharit udyog hai evan isake lie baans, vrikshoan ki lak diyaan, ghas, ganne ki khoee kap de adi ka prayog kiya jata hai. 2007-08 mean bharat mean 4260 hazar mitrik tan kagaz ka utpadan kiya gaya. desh ke 50 pratishat kagaz ka utpadan chhoti ikaeeyoan dvara kiya jata hai. jabaki shesh utpadan 30 b di ikaiyaan karati haian. bharat kagaz ke utpadan mean atmanirbhar nahi hai, visheshakar akhabari kagaz mean. atah hamean apani avashyakatapoorti ke lie narve, svidan, kanada, japan, halaind, jarmani, adi deshoan se kagaz ka ayat karana p data hai.

kagaz ke karakhane

  • adhunik dhang ka pahala karakhana sanh 1716 mean chennee ke samip trankavar namak sthan par d aau. viliyam kore dvara sthapit kiya gaya jo saphal nahi ho saka.
  • isi prakar 1870 mean hugali nadi[1] ke kinare ek karakhana lagaya gaya, jo punah asaphal ho gaya.
  • kagaz udyog ka prathamatah saphal karakhana 1879 mean lakhanoo mean lagaya gaya aur 1881 mean titagadh mean bhi saphal karakhana laga.
  • 2000-01 mean bharat mean kagaz udyog ke karakhanoan ki sankhya 515 thi jo vartaman mean badhakar 600 se adhik ho gee.

kagaz nirman ke kendr


panne ki pragati avastha
adhar
prarambhik
madhyamik
poornata
shodh

tika tippani aur sandarbh

bahari k diyaan

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