द्वाराहाट: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
('{{पुनरीक्षण}} *द्वाराहाट रानीखेत से लगभग 21 किलोमीटर ...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
No edit summary |
||
(3 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
'''द्वाराहाट''' अथवा 'द्वारहाट' [[रानीखेत]] तहसील, [[अल्मोड़ा ज़िला]], [[उत्तराखण्ड]] का एक प्राचीन स्थान है। यह रानीखेत से 13 मील {{मील|मील=13}} की दूरी पर स्थित है। 8वीं से 13वीं शती तक के अनेक मंदिरों के [[अवशेष]] यहाँ से मिले हैं।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=460|url=}}</ref> | |||
{{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= | *द्वाराहाट में तीन वर्ग के मन्दिर हैं- कचहरी, मनिया तथा रत्नदेव। इसके अतिरिक्त बहुत-से मन्दिर प्रतिमाविहीन हैं। | ||
*'गूजरदेव का मन्दिर' द्वाराहाट का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण मन्दिर है। [[कला]] की दृष्टि से यह मन्दिर उत्कृष्ट कहा जा सकता है। | |||
*इस मन्दिर की चारों ओर की भित्तियों को कलापूर्ण शिलापट्टों से समलंकृत किया गया है। | |||
*द्वाराहाट का 'शीतला मंदिर' भी बहुत उल्लेखनीय है। | |||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | |||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{उत्तराखंड}} | {{उत्तराखंड के पर्यटन स्थल}} | ||
[[Category:उत्तराखंड]] | [[Category:उत्तराखंड]][[Category:उत्तराखंड के धार्मिक स्थल]][[Category:उत्तराखंड के पर्यटन स्थल]][[Category:पर्यटन कोश]][[Category:धार्मिक स्थल कोश]] | ||
[[Category: | |||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Latest revision as of 11:02, 3 June 2012
द्वाराहाट अथवा 'द्वारहाट' रानीखेत तहसील, अल्मोड़ा ज़िला, उत्तराखण्ड का एक प्राचीन स्थान है। यह रानीखेत से 13 मील (लगभग 20.8 कि.मी.) की दूरी पर स्थित है। 8वीं से 13वीं शती तक के अनेक मंदिरों के अवशेष यहाँ से मिले हैं।[1]
- द्वाराहाट में तीन वर्ग के मन्दिर हैं- कचहरी, मनिया तथा रत्नदेव। इसके अतिरिक्त बहुत-से मन्दिर प्रतिमाविहीन हैं।
- 'गूजरदेव का मन्दिर' द्वाराहाट का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण मन्दिर है। कला की दृष्टि से यह मन्दिर उत्कृष्ट कहा जा सकता है।
- इस मन्दिर की चारों ओर की भित्तियों को कलापूर्ण शिलापट्टों से समलंकृत किया गया है।
- द्वाराहाट का 'शीतला मंदिर' भी बहुत उल्लेखनीय है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 460 |