हसदो नदी: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Text replace - "॰" to ".")
No edit summary
 
(8 intermediate revisions by 4 users not shown)
Line 1: Line 1:
{{tocright}}
[[चित्र:Hasdeo-River.jpg|thumb|250px|हसदो नदी]]
यह नदी [[छत्तीसगढ़]] राज्य में कोरबा के कोयला क्षेत्र में तथा चांपा मैदान में प्रवाहित होने वाली महत्वपूर्ण नदी है। इसका उदगम स्थल कोरिया की पहाड़ियाँ हैं।  
'''हसदो नदी''' [[छत्तीसगढ़|छत्तीसगढ़ राज्य]] में [[कोरबा ज़िला|कोरबा]] के [[कोयला]] क्षेत्र में तथा चांपा मैदान में प्रवाहित होने वाली महत्त्वपूर्ण नदी है। इसका [[उदगम]] स्थल कोरिया की पहाड़ियाँ हैं। हसदो नदी मनेन्द्रगढ़ तहसील में कोरिया पहाड़ी के निकट [[रामगढ़, अम्बिकापुर|रामगढ़]] से निकलती है। [[चांपा]] से बहती हुई शिवरीनारायण से 8 मील की दूरी पर यह [[महानदी]] में मिल जाती है। इसमें कटघोरा से लगभग 10-12 कि.मी. की दूरी पर प्रदेश की सबसे ऊंची तथा बड़ी 'मिनीमाता हसदो बांगो' नामक बहुउद्देशीय परियोजना का निर्माण किया गया है।<ref>{{cite web |url=http://hindi.indiawaterportal.org/node/38510 |title=छत्तीसगढ़ की नदियाँ |accessmonthday= 12 सितम्बर|accessyear= 2014|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=इण्डिया वाटर पोर्टल |language= हिन्दी}}</ref>
==प्रवाह स्थल==
==प्रवाह स्थल==
उदगम स्थल से निकलकर यह मार्तन एवं उपरोड़ा की चट्टानों एवं सघन वनाच्छादित धरातल में प्रवेश करती है, जो कठघोरा के निकट स्थित मैदानी भाग का उत्तरी-पूर्वी किनारा है। यहाँ से चांपा मैदान में बहती हुई शिवरीनारायण से 8 किमी. की दूरी पर [[महानदी]] में मिलती है। [[सरगुजा ज़िला|सरगुजा ज़िले]] से निकलकर [[बिलासपुर ज़िला|बिलासपुर ज़िले]] में प्रविष्ट होने के 29 किमी. के पश्चात् इसके दाहिने तट पर [[गज नदी]] आकर मिलती है। हसदो का उत्तरी भाग संकरा एवं गहरा है। यह नदी चीर बालू के लिए प्रसिद्ध है।  
उदगम स्थल से निकलकर यह मार्तन एवं उपरोड़ा की चट्टानों एवं सघन वनाच्छादित धरातल में प्रवेश करती है, जो कठघोरा के निकट स्थित मैदानी भाग का उत्तरी-पूर्वी किनारा है। यहाँ से चांपा मैदान में बहती हुई शिवरीनारायण से 8 मील की दूरी पर [[महानदी]] में मिलती है। [[सरगुजा ज़िला|सरगुजा ज़िले]] से निकलकर [[बिलासपुर ज़िला|बिलासपुर ज़िले]] में प्रविष्ट होने के 29 किलोमीटर के पश्चात् इसके दाहिने तट पर [[गज नदी]] आकर मिलती है। हसदो का उत्तरी भाग संकरा एवं गहरा है। यह नदी चीर बालू के लिए प्रसिद्ध है।
==संगम==
====संगम====
बाँगो के समीप इसमें तीन नदियाँ आकर मिलती हैं। इस संगम के पश्चात् नदी का तल चौड़ा, रेतीला एवं दीपयुक्त हो गया है। हसदो एवं उसकी सहायक नदियों के प्रवाह क्षेत्र के नीचे गोण्डवाना का चट्टानी धरातल है। अतएव चट्टानी संरचना की आयताकार सन्धियों एवं विभागों का अनुसरण करने के कारण यह साधारणतः आयताकार प्रवाह प्रणाली की रचना करती है। कहीं-कहीं वृत्ताकार प्रवाह प्रणाली भी दिखाई देती है। नदी प्रौढ़ है तथा निष्कोण वक्र बनाती है। हसदो का प्रवाह क्षेत्र अधिकांशतः ऊबड़-खाबड़ है।  
बाँगो के समीप इसमें तीन नदियाँ आकर मिलती हैं। इस संगम के पश्चात् नदी का तल चौड़ा, रेतीला एवं दीपयुक्त हो गया है। हसदो एवं उसकी सहायक नदियों के प्रवाह क्षेत्र के नीचे गोण्डवाना का चट्टानी धरातल है। अतएव चट्टानी संरचना की आयताकार सन्धियों एवं विभागों का अनुसरण करने के कारण यह साधारणतः आयताकार प्रवाह प्रणाली की रचना करती है। कहीं-कहीं वृत्ताकार प्रवाह प्रणाली भी दिखाई देती है। नदी प्रौढ़ है तथा निष्कोण वक्र बनाती है। हसदो का प्रवाह क्षेत्र अधिकांशतः ऊबड़-खाबड़ है।
==जलप्रपात==
अमृतधारा जलप्रपात कोरिया का एक प्राकृतिक झरना है, जो [[हसदो नदी]] पर स्थित है। [[छत्तीसगढ़]] में कोरिया [[भारत]] में ब्रिटिश शासन के दौरान एक रियासत थी। पूरे भारत में कोरिया को प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है। यह जगह पूरे घने जंगलों, पहाड़ों, नदियों और झरनों से भरी पड़ी है। अमृतधारा जलप्रपात कोरिया में सबसे प्रसिद्ध झरनो मे से एक है। कोरिया मे अमृतधारा झरना, एक बहुत ही शुभ [[शिव]] मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। इस जगह के आसपास एक बहुत प्रसिद्ध मेला हर साल आयोजित किया जाता है। मेले का आयोजन रामानुज प्रताप सिंह जूदेव, जो कोरिया राज्य के राजा थे, ने वर्ष 1936 में किया गया था। [[महाशिवरात्रि]] के उत्सव के दौरान इस जगह मे मेले का आयोजन होता है, जिस दौरान यहाँ लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उपस्थित होती है।
==प्रवाह क्षेत्र==
==प्रवाह क्षेत्र==
हसदो की सहायक नदियाँ बेसिन में उतरते ही छोटे-छोटे प्रपात बनाती है। सरगुजा ज़िले में नदी का प्रवाह क्षेत्र 3,710 वर्ग किमी. है। यह कुल प्रवाह क्षेत्र का 17% है। बिलासपुर ज़िले में नदी की लम्बाई 192 किमी. तथा प्रवाह क्षेत्र 3,500 वर्ग किमी. है, जो ज़िले के कुल प्रवाह क्षेत्र का 17.8% है।  
हसदो की सहायक नदियाँ बेसिन में उतरते ही छोटे-छोटे प्रपात बनाती है। सरगुजा ज़िले में नदी का प्रवाह क्षेत्र 3,710 वर्ग किलोमीटर है। यह कुल प्रवाह क्षेत्र का 17% है। बिलासपुर ज़िले में नदी की लम्बाई 192 किलोमीटर तथा प्रवाह क्षेत्र 3,500 वर्ग किलोमीटर है, जो ज़िले के कुल प्रवाह क्षेत्र का 17.8% है।  


{{लेख प्रगति
 
|आधार=आधार1
{{लेख प्रगति |आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
|प्रारम्भिक=
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
|माध्यमिक=
<references/>
|पूर्णता=
==संबंधित लेख==
|शोध=
}}
==सम्बंधित लिंक==
{{भारत की नदियाँ}}
{{भारत की नदियाँ}}
[[Category:नया पन्ना]][[Category:भारत की नदियाँ]]
[[Category:छत्तीसगढ़ राज्य की नदियाँ]][[Category:भारत की नदियाँ]][[Category:नदियाँ]][[Category:भूगोल कोश]]
__INDEX__
__INDEX__
__NOTOC__

Latest revision as of 09:39, 12 September 2014

thumb|250px|हसदो नदी हसदो नदी छत्तीसगढ़ राज्य में कोरबा के कोयला क्षेत्र में तथा चांपा मैदान में प्रवाहित होने वाली महत्त्वपूर्ण नदी है। इसका उदगम स्थल कोरिया की पहाड़ियाँ हैं। हसदो नदी मनेन्द्रगढ़ तहसील में कोरिया पहाड़ी के निकट रामगढ़ से निकलती है। चांपा से बहती हुई शिवरीनारायण से 8 मील की दूरी पर यह महानदी में मिल जाती है। इसमें कटघोरा से लगभग 10-12 कि.मी. की दूरी पर प्रदेश की सबसे ऊंची तथा बड़ी 'मिनीमाता हसदो बांगो' नामक बहुउद्देशीय परियोजना का निर्माण किया गया है।[1]

प्रवाह स्थल

उदगम स्थल से निकलकर यह मार्तन एवं उपरोड़ा की चट्टानों एवं सघन वनाच्छादित धरातल में प्रवेश करती है, जो कठघोरा के निकट स्थित मैदानी भाग का उत्तरी-पूर्वी किनारा है। यहाँ से चांपा मैदान में बहती हुई शिवरीनारायण से 8 मील की दूरी पर महानदी में मिलती है। सरगुजा ज़िले से निकलकर बिलासपुर ज़िले में प्रविष्ट होने के 29 किलोमीटर के पश्चात् इसके दाहिने तट पर गज नदी आकर मिलती है। हसदो का उत्तरी भाग संकरा एवं गहरा है। यह नदी चीर बालू के लिए प्रसिद्ध है।

संगम

बाँगो के समीप इसमें तीन नदियाँ आकर मिलती हैं। इस संगम के पश्चात् नदी का तल चौड़ा, रेतीला एवं दीपयुक्त हो गया है। हसदो एवं उसकी सहायक नदियों के प्रवाह क्षेत्र के नीचे गोण्डवाना का चट्टानी धरातल है। अतएव चट्टानी संरचना की आयताकार सन्धियों एवं विभागों का अनुसरण करने के कारण यह साधारणतः आयताकार प्रवाह प्रणाली की रचना करती है। कहीं-कहीं वृत्ताकार प्रवाह प्रणाली भी दिखाई देती है। नदी प्रौढ़ है तथा निष्कोण वक्र बनाती है। हसदो का प्रवाह क्षेत्र अधिकांशतः ऊबड़-खाबड़ है।

जलप्रपात

अमृतधारा जलप्रपात कोरिया का एक प्राकृतिक झरना है, जो हसदो नदी पर स्थित है। छत्तीसगढ़ में कोरिया भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान एक रियासत थी। पूरे भारत में कोरिया को प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है। यह जगह पूरे घने जंगलों, पहाड़ों, नदियों और झरनों से भरी पड़ी है। अमृतधारा जलप्रपात कोरिया में सबसे प्रसिद्ध झरनो मे से एक है। कोरिया मे अमृतधारा झरना, एक बहुत ही शुभ शिव मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। इस जगह के आसपास एक बहुत प्रसिद्ध मेला हर साल आयोजित किया जाता है। मेले का आयोजन रामानुज प्रताप सिंह जूदेव, जो कोरिया राज्य के राजा थे, ने वर्ष 1936 में किया गया था। महाशिवरात्रि के उत्सव के दौरान इस जगह मे मेले का आयोजन होता है, जिस दौरान यहाँ लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उपस्थित होती है।

प्रवाह क्षेत्र

हसदो की सहायक नदियाँ बेसिन में उतरते ही छोटे-छोटे प्रपात बनाती है। सरगुजा ज़िले में नदी का प्रवाह क्षेत्र 3,710 वर्ग किलोमीटर है। यह कुल प्रवाह क्षेत्र का 17% है। बिलासपुर ज़िले में नदी की लम्बाई 192 किलोमीटर तथा प्रवाह क्षेत्र 3,500 वर्ग किलोमीटर है, जो ज़िले के कुल प्रवाह क्षेत्र का 17.8% है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. छत्तीसगढ़ की नदियाँ (हिन्दी) इण्डिया वाटर पोर्टल। अभिगमन तिथि: 12 सितम्बर, 2014।

संबंधित लेख