जयदेव का जीवन परिचय: Difference between revisions

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== संगीत की शिक्षा ==
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जयदेव का वाडिया फ़िल्म कंपनी की आठ फ़िल्मों में बाल कलाकार के रूप में काम करने के बाद उनका मन उचाट हो गया और उन्होंने वापस [[लुधियाना]] जाकर प्रोफेसर बरकत राय से [[संगीत]] की तालीम लेनी शुरु कर दी। बाद में उन्होंने [[मुम्बई]] में भी कृष्णराव जावकर और जनार्दन जावकर से संगीत की विधिवत शिक्षा ग्रहण की। इसी दौरान [[पिता]] की बीमारी की वजह से उनका कैरियर प्रभावित हुआ। उन्हें पिता की देखभाल के लिए वापस [[लुधियाना]] जाना पडा। जब उनके पिता का निधन हुआ तो उनके कंधों पर अपनी बहन की देखभाल की जिम्मेदारी आ पडी। बहन का विवाह करने के बाद उन्होंने फिर से अपने कैरियर की तरफ ध्यान देना शुरू किया और वर्ष [[1943]] में उन्होंने [[लखनऊ]] में विख्यात सरोद वादक [[अली अकबर खान|उस्ताद अली अकबर खान]] से [[संगीत]] की तालीम लेनी शुरू कर दी।<ref>{{cite web |url=http://www.deshbandhu.co.in/entertanment/%E0%A4%AE%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%A8-%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%97%E0%A5%80%E0%A4%A4%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B0-%E0%A4%9C%E0%A4%AF%E0%A4%A6%E0%A5%87%E0%A4%B5-%E0%A4%95%E0%A5%8B-%E0%A4%A8%E0%A4%B9%E0%A5%80%E0%A4%82-%E0%A4%AE%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A4%BE-%E0%A4%89%E0%A4%9A%E0%A4%BF%E0%A4%A4-%E0%A4%B8%E0%A4%AE%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%A8-250811-1 |title=महान संगीतकार जयदेव|accessmonthday=21 जून |accessyear=2017|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिंदी}}</ref>
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Latest revision as of 07:59, 18 November 2017

जयदेव विषय सूची
जयदेव का जीवन परिचय
पूरा नाम जयदेव वर्मा
प्रसिद्ध नाम जयदेव
जन्म 3 अगस्त, 1919
जन्म भूमि लुधियाना
मृत्यु 6 जनवरी, 1987
मृत्यु स्थान मुम्बई
कर्म भूमि मुम्बई
कर्म-क्षेत्र संगीतकार, अभिनेता
पुरस्कार-उपाधि राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार, लता मंगेशकर पुरस्कार
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी जयदेव नयी प्रतिभाओं को मौका देने में हमेशा आगे रहे। दिलराज कौर, भूपेन्द्र, रूना लैला, पीनाज मसानी, सुरेश वाडेकर आदि नवोदित गायकों को उन्होंने प्रोत्साहित किया और अपनी फ़िल्मों में गायन के अनेक मौके दिए।
अद्यतन‎ 06:15, 21 जून 2017 (IST)

जयदेव का जन्म 3 अगस्त, 1919 को लुधियाना में हुआ था। ये भारतीय संगीतकार तथा बाल अभिनेता थे। इन्हें सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशन के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार से भी नवाज़ा गया है। यह प्रारंभ में फ़िल्म स्टार बनना चाहते थे। पन्द्रह साल की उम्र में वह घर से भागकर मुम्बई चले गये लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था।

संगीत की शिक्षा

जयदेव का वाडिया फ़िल्म कंपनी की आठ फ़िल्मों में बाल कलाकार के रूप में काम करने के बाद उनका मन उचाट हो गया और उन्होंने वापस लुधियाना जाकर प्रोफेसर बरकत राय से संगीत की तालीम लेनी शुरु कर दी। बाद में उन्होंने मुम्बई में भी कृष्णराव जावकर और जनार्दन जावकर से संगीत की विधिवत शिक्षा ग्रहण की। इसी दौरान पिता की बीमारी की वजह से उनका कैरियर प्रभावित हुआ। उन्हें पिता की देखभाल के लिए वापस लुधियाना जाना पडा। जब उनके पिता का निधन हुआ तो उनके कंधों पर अपनी बहन की देखभाल की जिम्मेदारी आ पडी। बहन का विवाह करने के बाद उन्होंने फिर से अपने कैरियर की तरफ ध्यान देना शुरू किया और वर्ष 1943 में उन्होंने लखनऊ में विख्यात सरोद वादक उस्ताद अली अकबर खान से संगीत की तालीम लेनी शुरू कर दी।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. महान संगीतकार जयदेव (हिंदी)। । अभिगमन तिथि: 21 जून, 2017।

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