गला घोंटना: Difference between revisions
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
विवेक आद्य (talk | contribs) (''''गला घोंटना''' एक प्रचलित कहावत लोकोक्ति मुहावरे|ल...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replacement - "==संबंधित लेख== {{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}}" to "==संबंधित लेख== {{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}}{{कहावत लो�) |
||
(2 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 6: | Line 6: | ||
'''प्रयोग'''- | '''प्रयोग'''- | ||
#फिर उस भयानक | #फिर उस भयानक काल कोठरी की अमानवीय निस्तब्धता ही उसका गला घोंट देने के लिए पर्याप्त थी। ...([[शिवानी]]) | ||
#लेकिन लाचारी ने उसके हृदय की भावनाओं का गला घोंट दिया। | #लेकिन लाचारी ने उसके [[हृदय]] की भावनाओं का गला घोंट दिया। ...(गुलशन नंदा) | ||
#उसने हमेशा अपना मुँह बंद रखा। अपन अरमानों और हसरतों का गला घोंट दिया। भूषण | #उसने हमेशा अपना मुँह बंद रखा। अपन अरमानों और हसरतों का गला घोंट दिया। ...([[भूषण |भूषण वनमाली]]) | ||
#मैंने केवल यही हत्या नहीं की, बल्कि एक पिता की अभि-लाषाओं का भी गला घोंटा है। गुलशन | #मैंने केवल यही हत्या नहीं की, बल्कि एक पिता की अभि-लाषाओं का भी गला घोंटा है। ...(गुलशन नंदा) | ||
Line 16: | Line 16: | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}} | {{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}}{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे2}} | ||
[[Category:हिन्दी मुहावरे एवं लोकोक्ति कोश]] | [[Category:हिन्दी मुहावरे एवं लोकोक्ति कोश]] | ||
[[Category:कहावत लोकोक्ति मुहावरे]] | [[Category:कहावत लोकोक्ति मुहावरे]] | ||
[[Category:साहित्य कोश]] | [[Category:साहित्य कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Latest revision as of 12:42, 21 April 2018
गला घोंटना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।
अर्थ-
- गला दबाकर मार डालना।
- बहुत बड़ी हानि करना।
प्रयोग-
- फिर उस भयानक काल कोठरी की अमानवीय निस्तब्धता ही उसका गला घोंट देने के लिए पर्याप्त थी। ...(शिवानी)
- लेकिन लाचारी ने उसके हृदय की भावनाओं का गला घोंट दिया। ...(गुलशन नंदा)
- उसने हमेशा अपना मुँह बंद रखा। अपन अरमानों और हसरतों का गला घोंट दिया। ...(भूषण वनमाली)
- मैंने केवल यही हत्या नहीं की, बल्कि एक पिता की अभि-लाषाओं का भी गला घोंटा है। ...(गुलशन नंदा)