छुई-मुई: Difference between revisions

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#अत्यंत लज्जाशील।
#अत्यंत लज्जाशील।


'''प्रयोग'''- जैसे-मैं वीर पत्नी हूँ,समझकर बढ़ना। छुई-मुई नहीं हूँ कि तुम्हारे उँगली उठाने से मुरझा जाऊँ।
'''प्रयोग'''- मैं वीर पत्नी हूँ, समझकर बढ़ना। छुई-मुई नहीं हूँ कि तुम्हारे उँगली उठाने से मुरझा जाऊँ।


==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
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[[Category:हिन्दी मुहावरे एवं लोकोक्ति कोश]]
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Latest revision as of 12:44, 21 April 2018

छुई-मुई एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।

अर्थ-

  1. अत्यंत कोमल।
  2. अत्यंत लज्जाशील।

प्रयोग- मैं वीर पत्नी हूँ, समझकर बढ़ना। छुई-मुई नहीं हूँ कि तुम्हारे उँगली उठाने से मुरझा जाऊँ।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

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