खुल पड़ना: Difference between revisions

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'''अर्थ'''-  सच्चाई कह देना।
'''अर्थ'''-  सच्चाई कह देना।


'''प्रयोग'''- ग़ाँव वालों पर ज़रा सख़्ती की कि सब खुल पड़ेगे और सारा अपराध भाई साहब के सिर डाल देगें।
'''प्रयोग'''- गाँव वालों पर ज़रा सख़्ती की कि सब खुल पड़ेगे और सारा अपराध भाई साहब के सिर डाल देगें।
   
   
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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Latest revision as of 12:47, 21 April 2018

खुल पड़ना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।

अर्थ- सच्चाई कह देना।

प्रयोग- गाँव वालों पर ज़रा सख़्ती की कि सब खुल पड़ेगे और सारा अपराध भाई साहब के सिर डाल देगें।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

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