उत्तर रेलवे: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
m (Text replacement - "तेजी " to "तेज़ी")
 
(One intermediate revision by one other user not shown)
Line 2: Line 2:
|चित्र=Northern-Railway.jpg
|चित्र=Northern-Railway.jpg
|चित्र का नाम=उत्तर रेलवे का का प्रतीक चिह्न
|चित्र का नाम=उत्तर रेलवे का का प्रतीक चिह्न
|विवरण='उत्तर रेलवे' जिसे संक्षिप्त रूप में 'उरे' कहा जाता है, [[भारतीय रेल]] की महत्त्वपूर्ण इकाई है। यह भारतीय रेलवे का सबसे अधिक रूट किलोमीटर वाला रेलवे है।
|विवरण='उत्तर रेलवे' जिसे संक्षिप्त रूप में 'उरे' कहा जाता है, भारतीय रेलवे की महत्त्वपूर्ण इकाई है। यह भारतीय रेलवे का सबसे अधिक रूट किलोमीटर वाला रेलवे है।
|शीर्षक 1=स्थापना
|शीर्षक 1=स्थापना
|पाठ 1=[[14 अप्रॅल]], [[1952]]
|पाठ 1=[[14 अप्रॅल]], [[1952]]
Line 52: Line 52:
#संकेत एवं दूर - संचार कारखाना, [[ग़ाज़ियाबाद]]
#संकेत एवं दूर - संचार कारखाना, [[ग़ाज़ियाबाद]]
==नवीनता का अग्रदूत==
==नवीनता का अग्रदूत==
प्रगति की दिशा में [[भारत]] के तेजी से बढ़ते हुए कदम देशवासियों के श्रम ओर उद्यम के कारण ही नहीं बल्कि इसका एक कारण देश की विविधतापूर्ण संस्कृतियों में व्याप्त समस्त सकारात्मक परिवर्तनों से उपजी गुणवत्ता भी है। इस सांस्कृतिक विविधता का योगदान अप्रतिम है। देश के उत्तरी भाग में विविधता के इस लघु रूप को साकार करने में उत्तर रेलवे ने बड़ी ही दृढ़ता और धैर्य के साथ कार्य किया है। इसके लिए देश के विभिन्न भागों से यहाँ तक विशाल रेल नेटवर्क का निर्माण किया गया है। रेल सेवाओं को बड़ी ही दूरदर्शिता और बुद्धिमत्ता के साथ इस प्रकार के मार्गों  से चलाया जाता है कि भारत की सांस्कृतिक झाँकी को देखने की इच्छा रखने वाले रेलयात्री के लिए भारत-भ्रमण सुगम हो सके।<ref name="aa"/>
प्रगति की दिशा में [[भारत]] के तेज़ीसे बढ़ते हुए कदम देशवासियों के श्रम ओर उद्यम के कारण ही नहीं बल्कि इसका एक कारण देश की विविधतापूर्ण संस्कृतियों में व्याप्त समस्त सकारात्मक परिवर्तनों से उपजी गुणवत्ता भी है। इस सांस्कृतिक विविधता का योगदान अप्रतिम है। देश के उत्तरी भाग में विविधता के इस लघु रूप को साकार करने में उत्तर रेलवे ने बड़ी ही दृढ़ता और धैर्य के साथ कार्य किया है। इसके लिए देश के विभिन्न भागों से यहाँ तक विशाल रेल नेटवर्क का निर्माण किया गया है। रेल सेवाओं को बड़ी ही दूरदर्शिता और बुद्धिमत्ता के साथ इस प्रकार के मार्गों  से चलाया जाता है कि भारत की सांस्कृतिक झाँकी को देखने की इच्छा रखने वाले रेलयात्री के लिए भारत-भ्रमण सुगम हो सके।<ref name="aa"/>
;सुनियोजित एवं चरणबद्ध कार्य
;सुनियोजित एवं चरणबद्ध कार्य
भारतीय रेलवे ने अतीत में तकनीकी ज्ञान और दक्षता के लिए प्रयास किया है तथा आज भी अपनी व्यापारिक प्रक्रिया में सभी तकनीकी परिवर्तनों को अपनाते हुए कार्य करने का प्रयास कर रही है। हम आज भी तकनीक में आने वाले बदलावों साथ तालमेल बैठाने तथा देश की अर्थव्यवस्था  में आए अवरोध को दूर करने के प्रति प्रयासरत है। बेहतर विकास के लिए अपने आधारभूत ढाँचे को मजबूत करना आज प्रत्येक संगठन की आवश्यकता बन गई है। इस क्षेत्र के विकास के लिए उत्तर रेलवे ने सुनियोजित एवं चरणबद्ध तरीके से कार्य किया है और इसके चलते स्वत: ही पर्यटन का भी विस्तार हुआ है।
भारतीय रेलवे ने अतीत में तकनीकी ज्ञान और दक्षता के लिए प्रयास किया है तथा आज भी अपनी व्यापारिक प्रक्रिया में सभी तकनीकी परिवर्तनों को अपनाते हुए कार्य करने का प्रयास कर रही है। हम आज भी तकनीक में आने वाले बदलावों साथ तालमेल बैठाने तथा देश की अर्थव्यवस्था  में आए अवरोध को दूर करने के प्रति प्रयासरत है। बेहतर विकास के लिए अपने आधारभूत ढाँचे को मजबूत करना आज प्रत्येक संगठन की आवश्यकता बन गई है। इस क्षेत्र के विकास के लिए उत्तर रेलवे ने सुनियोजित एवं चरणबद्ध तरीके से कार्य किया है और इसके चलते स्वत: ही पर्यटन का भी विस्तार हुआ है।

Latest revision as of 08:26, 10 February 2021

उत्तर रेलवे
विवरण 'उत्तर रेलवे' जिसे संक्षिप्त रूप में 'उरे' कहा जाता है, भारतीय रेलवे की महत्त्वपूर्ण इकाई है। यह भारतीय रेलवे का सबसे अधिक रूट किलोमीटर वाला रेलवे है।
स्थापना 14 अप्रॅल, 1952
मुख्यालय दिल्ली
मण्डल पाँच मण्डल- 'अम्बाला', 'दिल्ली', 'फिरोजपुर', 'लखनऊ' और 'मुरादाबाद'।
क्षेत्र जम्मू एवं कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तरांचल, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और चण्डीगढ़
विशेष कम्प्यूटरीकृत यात्री आरक्षण प्रणाली की शुरूआत सबसे पहले उत्तर रेलवे पर ही 19 फ़रवरी, 1989 को हुई थी।
संबंधित लेख भारतीय रेल, रेल परिवहन, रेल इंजन, रेलवे उपकरण, मेट्रो रेल
अन्य जानकारी उत्तर रेलवे पर कुल 40 रूट रिले इण्टर लॉकिंग प्रणालियां कार्य कर रही हैं, जिनमें दिल्ली मेन पर लगाई गयी रूट रिले इंटरलॉकिंग को 'गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड' में विश्व की सबसे बड़ी रूट रिले प्रणाली के रूप में मान्यता दी गयी है।

उत्तर रेलवे (अंग्रेज़ी: Northern Railway) भारतीय रेल की एक इकाई है, जिसे लघु रूप में 'उरे' कहा जाता है। 14 अप्रॅल, 1952 में इसकी स्थापना की गई थी। उत्तर रेलवे का मुख्यालय दिल्ली में स्थित है। उत्तर रेलवे नये प्रयोगों और आधुनिकीकरण के मामलों में सदैव अग्रणी रहा है। कम्प्यूटरीकृत यात्री आरक्षण प्रणाली की शुरूआत सबसे पहले उत्तर रेलवे पर ही 19 फ़रवरी, 1989 को हुई। उत्तर रेलवे पर 40 रूट-रिले इंटरलॉकिंग प्रणालियां काम कर रही हैं, जिनमें से दिल्ली मेन भी शामिल है। दिल्ली मेन की इंटरलॉकिंग प्रणाली को विश्व की सबसे बड़ी इंटरलॉकिंग प्रणाली के रूप में 'गिनीज बुक ऑफ़ रिकॉर्डस' ने प्रमाणित किया है।

नये प्रयोग तथा आधुनिकीकरण

उत्तर रेलवे, जो 1952 में अपने वर्तमान स्वरूप में आया, सबसे बड़ा रेलवे क्षेत्र है। उत्तर रेलवे नये प्रयोगों और आधुनिकीकरण के मामलों में सदैव अग्रणी रहा है। कम्प्यूटरीकृत यात्री आरक्षण प्रणाली की शुरूआत सबसे पहले उत्तर रेलवे पर ही 19 फ़रवरी, 1989 को हुई। अपने ग्राहकों की सुविधा का ध्यान रखते हुए उत्तर रेलवे ने स्टेशनों पर इंटरएक्टिव वॉइस रिस्पाँस सिस्टम, स्टेशनों पर इलैक्ट्रॉनिक डिस्पले सिस्टम, रिकॉर्डेड कोच गाइडेंस डिस्प्ले सिस्टम, आरक्षण उपलब्धता स्थिति, इन्फॉर्मेशन डिस्प्ले, सेल्फ डायल टेलीफोन रिजर्वेशन इंक्वायरी बूथ, ऑटोमैटिक टैलर मशीनें और मनी चैंजिंग सुविधाएं उपलब्ध करवाई हैं। बुकिंग खिडकियों पर लम्बी-लम्बी कतारों में कमी लाने के लिए बड़े एवं महत्वपूर्ण स्टेशनों पर स्वमुद्रित टिकट मशीनें लगाई गई हैं, जो अनारक्षित यात्रा के लिए तथा प्लेटफार्म हेतु टिकटें जारी करती हैं। अनारक्षित रेल यात्रियों को सुविधा देने के लिए अनारक्षित टिकट प्रणाली का प्रारम्भ भी किया गया है, जिसके माध्यम से अनारक्षित टिकटें यात्रा से 3 दिन पूर्व इन बुकिंग काउण्टरों से ली जा सकती है।

उत्तर रेलवे ने तुग़लकाबाद एवं कानपुर लोको शैडों में भारत के पहले डीजल और इलैक्ट्रिक लोमोटिव सिम्यूलेटरों की शुरूआत की है। इससे तेज गति से गाड़ियों के परिचालन के लिए प्रशिक्षण उपलब्ध करवाकर नए चालकों के कौशल को बढ़ाने में सहायता मिली है। उत्तर रेलवे के सभी कारखाने डीजल शैड और एअर ब्रेक, माल यातायाता डिपो आई.एस.ओ.-9000 प्रमाणित हैं। भारतीय रेलवे पर आई.एस.ओ.-14000 प्रमाण-पत्र प्राप्त करने वाला तुग़लकाबाद डीजल शैड कारखाना है। अन्य डीजल शैड और कारखाने भी आई.एस.ओ.-14000 प्राप्त करने की दिशा में प्रयासरत हैं। अपने तीन कारखानों के लिए सबसे पहले आई.एस.ओ.-9002 प्रमाणन प्राप्त करने वाला क्षेत्र उत्तर रेलवे ही है।

आधुनिक सिगनल प्रणाली

अपने परिचालन में दक्षता और संरक्षा को बढ़ाने के लिए आधुनिक सिगनल प्रणाली एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। रूट-रिटे इण्टरलॉकिंग प्रणाली में आधारभूत इंटरलॉकिंग सिस्टम के विकास में एक ऐतिहासिक भूमिका अदा की है। उत्तर रेलवे पर 40 रूट-रिले इंटरलॉकिंग प्रणालियां काम कर रही हैं, जिनमें से दिल्ली अपने परिचालन में दक्षता और संरक्षा को बढ़ाने के लिए आधुनिक सिगनल प्रणाली एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। रूट-रिटे इण्टरलॉकिंग प्रणाली में आधारभूत इंटरलॉकिंग सिस्टम के विकास में एक ऐतिहासिक भूमिका अदा की है। उत्तर रेलवे पर 40 रूट-रिले इंटरलॉकिंग प्रणालियां काम कर रही हैं, जिनमें से दिल्ली मेन भी शामिल है। दिल्ली मेन की इंटरलॉकिंग प्रणाली को विश्व की सबसे बड़ी इंटरलॉकिंग प्रणाली के रूप में 'गिनीज बुक ऑफ़ रिकॉर्डस' ने प्रमाणित किया है।[1]

मण्डल

भारतीय रेलवे के मुकुट में हीरे की तरह जड़े उत्तर रेलवे ने सभी दूरियों को समाप्त करने का मिशन शुरू किया है तथा अपने अस्तित्व का रूपक निर्मित किया है। औपचारिक रूप से 1952 में गठित यह रेलवे हाल ही में भारतीय रेलवे के 16 जोनों में पुर्नगठित होने के बावजूद भी सबसे अधिक रूट किलोमीटर वाला रेलवे है। पहले के 1104.43 रूट किलोमीटर से अब 6807.90 रूट किलोमीटर रह जाने वाले इस रेलवे में अब पाँच मण्डल- अम्बाला, दिल्ली, फिरोजपुर, लखनऊ और मुरादाबाद हैं।[2]

उत्तर रेलवे का क्षेत्र

जम्मू एवं कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तरांचल, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और केन्द्र शासित प्रदेश चण्डीगढ़ में फैला उत्तर रेलवे प्रायद्वीप के ऊपर स्थित उत्कर्ष बिन्दु के रूप में प्रतीत होते हुए अपनी कार्यशैली का विस्तार शेष भारत पर करता रहता है।

सेवित औद्योगिक क्षेत्र

वर्तमान में उत्तर रेलवे द्वारा सेवित औद्योगिक क्षेत्र निम्नानुसार हैं-

  1. सीमेण्ट प्‍लाण्ट गुजरात-अम्बूजा सीमेण्ट लिमिटेड, रोपड़, अम्बाला (अम्बाला मण्डल के कीरतपुर स्टेशन के माध्यम से)।
  2. पीओएल प्लाण्टस इंडियन ऑयल कम्पनी, पनकी, इंडियन ऑयल कारपोरेशन, सुचिपिंड (फिरोजपुर) आईओसी शोधक प्लाण्ट, पानीपत
  3. थर्मल पावर प्लाण्ट रूप नगर, बठिण्डा, लहरा मोहब्बत।
  4. अन्य सेवित उद्योगों में बीएचईएल, उर्वरक उद्योग, वेस्टर्न इंडियन मैच कम्पनी, डिस्टिलरिज, तारपीन और रेसिन कम्पनी, चीनी मिल, स्कूटर फैक्टरी, एचएएल, एस्बेस्टेस मिटटी के बर्तन और साइकिल उद्योग।

कारखाने

  1. लोकोमोटिव - वर्कशॉप, चारबाग़
  2. कैरिज एवं - वैगन वर्कशॉप, आलमबाग़
  3. कैरिज एवं - वैगन वर्कशॉप, कालका
  4. पुल कारखाना - जालंधर
  5. संकेत एवं दूर - संचार कारखाना, ग़ाज़ियाबाद

नवीनता का अग्रदूत

प्रगति की दिशा में भारत के तेज़ीसे बढ़ते हुए कदम देशवासियों के श्रम ओर उद्यम के कारण ही नहीं बल्कि इसका एक कारण देश की विविधतापूर्ण संस्कृतियों में व्याप्त समस्त सकारात्मक परिवर्तनों से उपजी गुणवत्ता भी है। इस सांस्कृतिक विविधता का योगदान अप्रतिम है। देश के उत्तरी भाग में विविधता के इस लघु रूप को साकार करने में उत्तर रेलवे ने बड़ी ही दृढ़ता और धैर्य के साथ कार्य किया है। इसके लिए देश के विभिन्न भागों से यहाँ तक विशाल रेल नेटवर्क का निर्माण किया गया है। रेल सेवाओं को बड़ी ही दूरदर्शिता और बुद्धिमत्ता के साथ इस प्रकार के मार्गों से चलाया जाता है कि भारत की सांस्कृतिक झाँकी को देखने की इच्छा रखने वाले रेलयात्री के लिए भारत-भ्रमण सुगम हो सके।[2]

सुनियोजित एवं चरणबद्ध कार्य

भारतीय रेलवे ने अतीत में तकनीकी ज्ञान और दक्षता के लिए प्रयास किया है तथा आज भी अपनी व्यापारिक प्रक्रिया में सभी तकनीकी परिवर्तनों को अपनाते हुए कार्य करने का प्रयास कर रही है। हम आज भी तकनीक में आने वाले बदलावों साथ तालमेल बैठाने तथा देश की अर्थव्यवस्था में आए अवरोध को दूर करने के प्रति प्रयासरत है। बेहतर विकास के लिए अपने आधारभूत ढाँचे को मजबूत करना आज प्रत्येक संगठन की आवश्यकता बन गई है। इस क्षेत्र के विकास के लिए उत्तर रेलवे ने सुनियोजित एवं चरणबद्ध तरीके से कार्य किया है और इसके चलते स्वत: ही पर्यटन का भी विस्तार हुआ है।

सबसे बड़ी रूट रिले प्रणाली

रेलवे पर सिगनल के विकास कार्य में यांत्रिक सिगनल प्रणाली के स्थान पर इलैक्ट्रो मैकेनिकल रिले और माइक्रोप्रोसेसर आधारित इण्टरलॉकिंग को अवस्थापित किया गया है। इसी प्रकार रेलवे पर टेलीकम्यूनिकेशन के क्षेत्र में इलैक्ट्रोमैकेनिकल एक्सचेंजों और ओवर हैड लाइनों के स्थान पर धीरे-धीरे अत्‍याधुनिक ऑप्टिकल फाइबर और डिजिटल इलैक्ट्रॉनिक तकनीक पर आधारित प्रणाली को लगाया जा रहा है। उत्तर रेलवे पर कुल 40 रूट रिले इण्टर लॉकिंग प्रणालियां कार्य कर रही हैं, जिनमें दिल्ली मेन पर लगाई गयी रूट रिले इंटरलॉकिंग को 'गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड' में विश्व की सबसे बड़ी रूट रिले प्रणाली के रूप में मान्यता दी गयी है। उत्तर रेलवे पर स्थित कारखानों ने विभिन्न सिगनल गियरों के निर्माण में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है।

एक साथ कार्य करने की प्रणाली

कुछ परियोजनाओं को समय पर पूरा कर लेने के लिए उत्तर रेलवे ने अनेक जगहों पर एक साथ कार्य करने की एक नयी प्रणाली का उपयोग किया है। यह प्रणाली पैदल उपरिगामी पुलों के साथ-साथ व्यस्त सेक्शन पर ट्रैफिक ब्लॉक की समस्या से निपटने में भी सक्षम है। रेलवे के विभिन्न कारखानों में कुछ अत्‍याधुनिक कार्य जैसे एआरटी परिवर्तन, वैक्यूम प्रेशर इम्प्रेग्नेशन प्लाण्टस किए जा रहे हैं। तुग़लकाबाद कारखाने ने लोको फेलियर एवं कभी-कभी एचपी कम्प्रेसर पाइप में अत्याधिक ऊष्मा के कारण लोको में आग लगने की घटनाओं में कमी लाने के लिए एक आधुनिक पद्धति का विकास किया है। कारखाने द्वारा एक्सप्रेसर कम्पार्टमेण्ट में एअर सर्कुलेशन सुधारने के लिए कुछ परिवर्तन किए गए हैं। इस समस्या से निपटने के लिए साइड पैनल से कार बॉडी फिल्टर लगाया गया है। बेहतर शीतलता प्रदान करने के साथ-साथ यह एक्सप्रेसर कम्पार्टमेण्ट को अनुरक्षण सहायक बनाता है।[2]

रेल मुख्यालय तथा मण्डल

रेल मुख्यालय तथा मण्डल
क्रमांक नाम संक्षेप स्थापना मुख्यालय मण्डल
1. उत्तर रेलवे उरे 14 अप्रैल, 1952 दिल्ली अम्बाला, दिल्ली, फिरोजपुर, लखनऊ और मुरादाबाद
2. पूर्वोत्तर रेलवे उपूरे 1952 गोरखपुर इज्जत नगर, लखनऊ, वाराणसी
3. पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे पूसीरे 15 जनवरी, 1958 गुवाहाटी अलीपुर द्वार, कटिहार, लामडिंग, रंगिया, तिनसुकिया
4. पूर्व रेलवे पूरे 14 अप्रैल, 1952 कोलकाता हावड़ा, सियालदह, आसनसोल, मालदा
5. दक्षिणपूर्व रेलवे दपूरे 1955 कोलकाता आद्रा, चक्रधरपुर, खड़गपुर, राँची
6. दक्षिण मध्य रेलवे दमरे 2 अक्टूबर, 1966 सिकंदराबाद सिकंदराबाद, हैदराबाद, गुंटकल, गुंटूर, नांदेड़, विजयवाड़ा
7. दक्षिण रेलवे दरे 14 अप्रैल, 1951 चेन्नई चेन्नई, मदुरै, पालघाट, तिरुचिराप्पल्ली, त्रिवेंद्रम, सलेम (कोयंबतुर)
8. मध्य रेलवे मरे 5 नवंबर, 1951 मुंबई मुंबई, भुसावल, पुणे, शोलापुर, नागपुर
9. पश्चिम रेलवे परे 5 नवंबर, 1951 मुंबई मुंबई सेंट्रल, वड़ौदरा, रतलाम, अहमदाबाद, राजकोट, भावनगर
10. दक्षिण पश्चिम रेलवे दपरे 1 अप्रैल, 2003 हुबली हुबली, बैंगलोर, मैसूर
11. उत्तर पश्चिम रेलवे उपरे 1 अक्टूबर, 2002 जयपुर जयपुर, अजमेर, बीकानेर, जोधपुर
12. पश्चिम मध्य रेलवे पमरे 1 अप्रैल, 2003 जबलपुर जबलपुर, भोपाल, कोटा
13. उत्तर मध्य रेलवे उमरे 1 अप्रैल, 2003 इलाहाबाद इलाहाबाद, आगरा, झांसी
14. दक्षिणपूर्व मध्य रेलवे दपूमरे 1 अप्रैल, 2003 बिलासपुर बिलासपुर, रायपुर, नागपुर
15. पूर्व तटीय रेलेवे पूतरे 1 अप्रैल, 2003 भुवनेश्वर खुर्दा रोड, संबलपुर, विशाखापत्तनम
16. पूर्वमध्य रेलवे पूमरे 1 अक्टूबर, 2002 हाजीपुर दानापुर, धनबाद, मुग़लसराय, समस्तीपुर, सोनपुर
17. कोंकण रेलवे केआर 26 जनवरी, 1998 नवी मुंबई कोई नहीं



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. उत्तर रेलवे (हिन्दी) आधिकारिक वेबसाइट उत्तर रेलवे। अभिगमन तिथि: 15 मई, 2016।
  2. 2.0 2.1 2.2 उत्तर रेलवे (हिन्दी) आधिकारिक वेबसाइट उत्तर रेलवे। अभिगमन तिथि: 15 मई, 2016।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख