अशोक नगर ज़िला: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (1 अवतरण)
 
No edit summary
 
(2 intermediate revisions by the same user not shown)
Line 2: Line 2:
|चित्र=blank-1.gif
|चित्र=blank-1.gif
|चित्र का नाम=
|चित्र का नाम=
|राज्य=-
|राज्य=[[मध्य प्रदेश]]
|मुख्यालय=
|मुख्यालय=
|स्थापना=-
|स्थापना=[[15 अगस्त]] [[2003]]
|जनसंख्या=-
|जनसंख्या=-
|क्षेत्रफल=-
|क्षेत्रफल=-
|भौगोलिक निर्देशांक=-
|भौगोलिक निर्देशांक=24.34 अक्षांश<br />
|तहसील=-
77.43 देशांतर
|तहसील=अशोक नगर, चंदेरी, ईसागढ़, मुंगावली, नई सराय, पिपरई, शाढ़ौरा
|मंडल=-
|मंडल=-
|खण्डों की सँख्या=-
|खण्डों की सँख्या=-
Line 42: Line 43:
|पुरुष=-
|पुरुष=-
|ऊँचाई=-
|ऊँचाई=-
|तापमान=-
|तापमान=गर्मियों में 47 डिग्री सेल्सियस तक, जबकि सर्दियों में 4 डिग्री सेल्सियस तक
|ग्रीष्म=-
|ग्रीष्म=मध्य [[मार्च]] से [[मई]] तक
|शरद=-
|शरद=[[अक्टूबर]] से मध्य [[मार्च]] तक
|वर्षा=-
|वर्षा=[[जून]] के मध्य से [[सितंबर]] के मध्य तक
|दूरभाष कोड=-
|दूरभाष कोड=-
|वाहन पंजी.=-
|वाहन पंजी.=MP-67
|संबंधित लेख=
|संबंधित लेख=
|पाठ 1=
|पाठ 1=पिन
|शीर्षक 1=
|शीर्षक 1=473331
|पाठ 2=
|पाठ 2=
|शीर्षक 2=
|शीर्षक 2=
Line 57: Line 58:
|अन्य जानकारी=
|अन्य जानकारी=
|बाहरी कड़ियाँ=
|बाहरी कड़ियाँ=
|अद्यतन=
|अद्यतन={{अद्यतन|12:32, 14 अगस्त 2021 (IST)}}
}}
}}
{{ज़िला लेख}}
{{ज़िला लेख}}
'''अशोक नगर''' [[सिंध नदी|सिंध]] और [[बेतवा नदी|बेतवा]] नदियों के बीच [[मध्य प्रदेश]] के उत्तरी भाग पर स्थित है। यह मालवा पठार के उत्तरी भाग के अंतर्गत आता है, हालांकि जिले के मुख्य भाग बुंदेलखंड के पठार में स्थित है। भौगोलिक दृष्टि से, जिला 24.34 अक्षांश और 77.43 देशांतर के बीच स्थित है जिले की पूर्वी और पश्चिमी सीमायें नदियों के द्वारा अन्य जिले कि सीमाओं से विभक्त हैं। बेतबा जिले के पूर्वी भाग में बहती है जो कि सागर जिला एवं [[उत्तर प्रदेश]] के ललितपुर जिले से विभक्त करती है तथा सिन्ध मुख्य नदी के रूप में पश्चिमी सीमा के साथ बह रही है। अशोक नगर पूर्व में पछार के नाम से जाना जाता था। यह नगर देश भर में बड़ी अनाज मंडी और शरबती गेंहू ([[गेंहूँ]] का प्रकार) के लिए जाना जाता है। [[2003]] तक मध्य प्रदेश में अशोक नगर गुना जिले का एक हिस्सा था। प्रशासनिक क्षेत्र के आधार से गुना जिला बड़ा होने पर [[15 अगस्त]] [[2003]] को अशोक नगर को अलग जिला घोषि‍त किया गया।<ref name="pp">{{cite web |url=https://ashoknagar.nic.in/%e0%a4%b0%e0%a5%82%e0%a4%aa%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%96%e0%a4%be/ |title=रूपरेखा|accessmonthday= 14 अगस्त|accessyear=2021 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=ashoknagar.nic.in |language=हिंदी}}</ref>
==इतिहास==
वर्तमान अशोक नगर जिले का क्षेत्र [[महाभारत]] काल में [[शिशुपाल]] के [[चेदि राज्य]] का भाग था एवं जनपद काल में [[चेदि जनपद]] था। [[मध्य काल|मध्ययुगीन काल]] में चंदेरी राज्य का भाग था। 6वीं शताब्दी ई. पूर्व में चंदेरी क्षेत्र (अशोक नगर जिला का क्षेत्र) [[अवंती जनपद|अवंती]], दर्शाण एवं [[चेदि जनपद|चेदि]] जनपदों में आता था जो कि [[नन्द वंश|नन्द]], [[मौर्य वंश|मौर्य]], [[शुंग वंश|शुंग]] एवं [[मगध]] राज्यों का भाग रहा था। यह माना जाता है कि [[ अशोक|महान सम्राट अशोक]], [[उज्जैन]] को जीतकर जाते समय एक रात क्षेत्र मे रुके थे। इसलिए इस क्षेत्र का नाम अशोक नगर पड़ा। नागा राजवंश मगध शुंग एवं शकों का शासन पूर्ण होने के पश्चात, [[गुप्त वंश|गुप्त]] एवं [[मौखरी वंश|मौखरी]] के शासन के बाद यह हर्षवर्धन सम्राज्य का भाग बना।


8-9वीं शताब्दी ई. में यह [[प्रतिहार साम्राज्य|प्रतिहार राजपूत वंश]] के अधीन हो गया। प्रतिहार राजवंश के 7वें वंशज राजा कीर्तिपाल ने 10वीं-11वीं शताब्दी ई. में चंदेरी शहर की स्थापना की एवं राज्य की राजधानी बनाया। प्रतिहार राजवंश के समाप्त होने के बाद [[जेजाकभुक्ति|जेजाकभुकटी]] [[चंदेल वंश|चंदेल]] ने भी यहाँ संक्षेप में शासन कि‍या। चंदेरी राज्‍य 11वीं शताब्दी ई. में [[महमूद गजनवी]] के हमलों से बार-बार प्रभावि‍त हुआ। [[दिल्ली सल्तनत]] की स्थपना के बाद तुर्क अफगान और [[मुग़ल|मुग़लों]] ने यहाँ शासन कि‍या। चंदेरी [[बुंदेला]] शासक मोरप्रहलाद के शासन काल के दौरान [[ग्वालियर]] के शासक दौलतराव सिंधिया ने चंदेरी पर हमला करने के लि‍ए जनरल जॉन बैप्टिस्ट को भेजा था। उसने चंदेरी, ईसागढ़ और आसपास के इलाकों पर कब्जा कर लि‍या। [[चंदेरी]] के अंति‍म बुंदेला शासक राजा मर्दन सि‍ह ने सन [[1857]]-[[1858]] ई. में एक स्वतंत्रता सैनानी के रूप में सर्वोच्य बलि‍दान दि‍या।
==तहसील==
जिले में सात तह्सीलें हैं। इनके नाम हैं-
#अशोक नगर
#चंदेरी
#ईसागढ़
#मुंगावली
#नई सराय
#पिपरई
#शाढ़ौरा
==स्थिति==
अशोक नगर जिला [[मध्य प्रदेश]] के [[शिवपुरी]], [[गुना, मध्य प्रदेश|गुना]], [[विदिशा]] और सागर जिलों की सीमाओं से घिरा हुआ है और उत्तर प्रदेश की सीमा भी छूती है। अशोक नगर राजधानी [[भोपाल]] से लगभग 200 किलोमीटर दूर है। यह नगर [[भारत]] के बीचों बीच स्थित है। नगर समुद्र स्तर से ऊपर 507 मीटर (1640 फीट) ऊपर की औसत ऊंचाई पर स्थित है। यह [[पठार]] क्षेत्र में है और एक कृषि स्थलाकृति है। यह पठार डेक्कन प्रसार है एवं 60 और 68 लाख साल अवधि पहले के अंत में इसका गठन का हुआ था।<ref name="pp"/>
==मिट्टी==
इस क्षेत्र में [[मिट्टी]] की मुख्य वर्गों के काले, भूरे रंग के, और भाटोरी मिट्टी (पाषाणमय) हैं। [[ज्वालामुखी]] क्षेत्र की तरह मिट्टी काले रंग के रूप में उच्च लौह सामग्री बेसाल्ट से बनी है। मिट्टी में नमी बनाए रखने की उच्च क्षमता की वजह से कम सिंचाई की आवश्यकता है। अन्य दो प्रकार की मिट्टी हल्की एवं रेत का उच्च अनुपात है।
==मौसम==
गर्मी, बारिश और सर्दी तीनों [[मौसम]] में वर्ष बंटा हुआ है। मध्य [[मार्च]] के महीने से [[मई]] तक गर्मी का मौसम रहता है। गर्मियों के महीनों के दौरान औसत दैनिक [[तापमान]] 35 डिग्री सेल्सियस जो आमतौर पर कुछ दिनों पर 46 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाता है। सामान्यत: बरसात के मौसम में पहली बारिश [[जून]] के मध्य में शुरू होती है और [[सितंबर]] के मध्य तक चलती है। अधिकांश बारिश दक्षिण-पश्चिम [[मानसून]] के दौरान हो जाती है एवं जो कि 100 से.मी. पश्चिम से 165 से.मी. पूर्व की रेंज में होती है। अशोक नगर और आसपास के क्षेत्र में साल की औसत [[वर्षा]] लगभग 140 से.मी. होती है। सर्दी का मौसम तीनों मौसमों में सबसे लंबे समय तक चलता है जो लगभग पांच महीने तक [[अक्टूबर]] से मध्य मार्च तक रहता है। नगर की जलवायु उप उष्णकटिबंधीय है। गर्मियों में तापमान 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुँचता है, जबकि सर्दियों में 4 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है। वर्षा जिले में पर्याप्त होती है। कभी-कभी कम भी होती है।<ref name="pp"/>


[[Category:मध्य प्रदेश]][[Category:मध्य प्रदेश के ज़िले]]
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
[[Category:भारत के ज़िले]][[Category:गणराज्य संरचना कोश]]
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
==संबंधित लेख==
{{मध्य प्रदेश के ज़िले}}
[[Category:मध्य प्रदेश]][[Category:मध्य प्रदेश के ज़िले]][[Category:भारत के ज़िले]][[Category:गणराज्य संरचना कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

Latest revision as of 07:15, 14 August 2021

अशोक नगर ज़िला
राज्य मध्य प्रदेश
स्थापना 15 अगस्त 2003
जनसंख्या -
क्षेत्रफल -
भौगोलिक निर्देशांक 24.34 अक्षांश

77.43 देशांतर

तहसील अशोक नगर, चंदेरी, ईसागढ़, मुंगावली, नई सराय, पिपरई, शाढ़ौरा
मंडल -
खण्डों की सँख्या -
आदिवासी -
विधान सभा क्षेत्र -
लोकसभा -
नगर पालिका -
नगर निगम -
नगर -
क़स्बे -
कुल ग्राम -
विद्युतीकृत ग्राम -
मुख्य ऐतिहासिक स्थल -
मुख्य पर्यटन स्थल -
वनक्षेत्र -
बुआई क्षेत्र -
सिंचित क्षेत्र -
नगरीय जनसंख्या -
ग्रामीण जनसंख्या -
राजस्व ग्राम -
आबादी रहित ग्राम -
आबाद ग्राम -
नगर पंचायत -
ग्राम पंचायत -
जनपद पंचायत -
सीमा -
अनुसूचित जाति -
अनुसूचित जनजाति -
प्रसिद्धि -
लिंग अनुपात - ♂/♀
साक्षरता - %
· स्त्री - %
· पुरुष - %
ऊँचाई - समुद्रतल से
तापमान गर्मियों में 47 डिग्री सेल्सियस तक, जबकि सर्दियों में 4 डिग्री सेल्सियस तक
· ग्रीष्म मध्य मार्च से मई तक
· शरद अक्टूबर से मध्य मार्च तक
वर्षा जून के मध्य से सितंबर के मध्य तक मिमि
दूरभाष कोड -
वाहन पंजी. MP-67
473331 पिन
अद्यतन‎
link=| इस लेख का निर्माण जनगणना 2011 के 'सत्यापित आंकड़ों' के अभाव में लम्बित है। 2011 की जनगणना के अनुमानित आंकड़ों के उपयोग से यह लेख नहीं बनाया जाना चाहिए।

लेख का आधार बना दिया गया है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं।

अशोक नगर सिंध और बेतवा नदियों के बीच मध्य प्रदेश के उत्तरी भाग पर स्थित है। यह मालवा पठार के उत्तरी भाग के अंतर्गत आता है, हालांकि जिले के मुख्य भाग बुंदेलखंड के पठार में स्थित है। भौगोलिक दृष्टि से, जिला 24.34 अक्षांश और 77.43 देशांतर के बीच स्थित है जिले की पूर्वी और पश्चिमी सीमायें नदियों के द्वारा अन्य जिले कि सीमाओं से विभक्त हैं। बेतबा जिले के पूर्वी भाग में बहती है जो कि सागर जिला एवं उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले से विभक्त करती है तथा सिन्ध मुख्य नदी के रूप में पश्चिमी सीमा के साथ बह रही है। अशोक नगर पूर्व में पछार के नाम से जाना जाता था। यह नगर देश भर में बड़ी अनाज मंडी और शरबती गेंहू (गेंहूँ का प्रकार) के लिए जाना जाता है। 2003 तक मध्य प्रदेश में अशोक नगर गुना जिले का एक हिस्सा था। प्रशासनिक क्षेत्र के आधार से गुना जिला बड़ा होने पर 15 अगस्त 2003 को अशोक नगर को अलग जिला घोषि‍त किया गया।[1]

इतिहास

वर्तमान अशोक नगर जिले का क्षेत्र महाभारत काल में शिशुपाल के चेदि राज्य का भाग था एवं जनपद काल में चेदि जनपद था। मध्ययुगीन काल में चंदेरी राज्य का भाग था। 6वीं शताब्दी ई. पूर्व में चंदेरी क्षेत्र (अशोक नगर जिला का क्षेत्र) अवंती, दर्शाण एवं चेदि जनपदों में आता था जो कि नन्द, मौर्य, शुंग एवं मगध राज्यों का भाग रहा था। यह माना जाता है कि महान सम्राट अशोक, उज्जैन को जीतकर जाते समय एक रात क्षेत्र मे रुके थे। इसलिए इस क्षेत्र का नाम अशोक नगर पड़ा। नागा राजवंश मगध शुंग एवं शकों का शासन पूर्ण होने के पश्चात, गुप्त एवं मौखरी के शासन के बाद यह हर्षवर्धन सम्राज्य का भाग बना।

8-9वीं शताब्दी ई. में यह प्रतिहार राजपूत वंश के अधीन हो गया। प्रतिहार राजवंश के 7वें वंशज राजा कीर्तिपाल ने 10वीं-11वीं शताब्दी ई. में चंदेरी शहर की स्थापना की एवं राज्य की राजधानी बनाया। प्रतिहार राजवंश के समाप्त होने के बाद जेजाकभुकटी चंदेल ने भी यहाँ संक्षेप में शासन कि‍या। चंदेरी राज्‍य 11वीं शताब्दी ई. में महमूद गजनवी के हमलों से बार-बार प्रभावि‍त हुआ। दिल्ली सल्तनत की स्थपना के बाद तुर्क अफगान और मुग़लों ने यहाँ शासन कि‍या। चंदेरी बुंदेला शासक मोरप्रहलाद के शासन काल के दौरान ग्वालियर के शासक दौलतराव सिंधिया ने चंदेरी पर हमला करने के लि‍ए जनरल जॉन बैप्टिस्ट को भेजा था। उसने चंदेरी, ईसागढ़ और आसपास के इलाकों पर कब्जा कर लि‍या। चंदेरी के अंति‍म बुंदेला शासक राजा मर्दन सि‍ह ने सन 1857-1858 ई. में एक स्वतंत्रता सैनानी के रूप में सर्वोच्य बलि‍दान दि‍या।

तहसील

जिले में सात तह्सीलें हैं। इनके नाम हैं-

  1. अशोक नगर
  2. चंदेरी
  3. ईसागढ़
  4. मुंगावली
  5. नई सराय
  6. पिपरई
  7. शाढ़ौरा

स्थिति

अशोक नगर जिला मध्य प्रदेश के शिवपुरी, गुना, विदिशा और सागर जिलों की सीमाओं से घिरा हुआ है और उत्तर प्रदेश की सीमा भी छूती है। अशोक नगर राजधानी भोपाल से लगभग 200 किलोमीटर दूर है। यह नगर भारत के बीचों बीच स्थित है। नगर समुद्र स्तर से ऊपर 507 मीटर (1640 फीट) ऊपर की औसत ऊंचाई पर स्थित है। यह पठार क्षेत्र में है और एक कृषि स्थलाकृति है। यह पठार डेक्कन प्रसार है एवं 60 और 68 लाख साल अवधि पहले के अंत में इसका गठन का हुआ था।[1]

मिट्टी

इस क्षेत्र में मिट्टी की मुख्य वर्गों के काले, भूरे रंग के, और भाटोरी मिट्टी (पाषाणमय) हैं। ज्वालामुखी क्षेत्र की तरह मिट्टी काले रंग के रूप में उच्च लौह सामग्री बेसाल्ट से बनी है। मिट्टी में नमी बनाए रखने की उच्च क्षमता की वजह से कम सिंचाई की आवश्यकता है। अन्य दो प्रकार की मिट्टी हल्की एवं रेत का उच्च अनुपात है।

मौसम

गर्मी, बारिश और सर्दी तीनों मौसम में वर्ष बंटा हुआ है। मध्य मार्च के महीने से मई तक गर्मी का मौसम रहता है। गर्मियों के महीनों के दौरान औसत दैनिक तापमान 35 डिग्री सेल्सियस जो आमतौर पर कुछ दिनों पर 46 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाता है। सामान्यत: बरसात के मौसम में पहली बारिश जून के मध्य में शुरू होती है और सितंबर के मध्य तक चलती है। अधिकांश बारिश दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान हो जाती है एवं जो कि 100 से.मी. पश्चिम से 165 से.मी. पूर्व की रेंज में होती है। अशोक नगर और आसपास के क्षेत्र में साल की औसत वर्षा लगभग 140 से.मी. होती है। सर्दी का मौसम तीनों मौसमों में सबसे लंबे समय तक चलता है जो लगभग पांच महीने तक अक्टूबर से मध्य मार्च तक रहता है। नगर की जलवायु उप उष्णकटिबंधीय है। गर्मियों में तापमान 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुँचता है, जबकि सर्दियों में 4 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है। वर्षा जिले में पर्याप्त होती है। कभी-कभी कम भी होती है।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 रूपरेखा (हिंदी) ashoknagar.nic.in। अभिगमन तिथि: 14 अगस्त, 2021।

संबंधित लेख