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सम्प्रति [[मौर्य राजवंश]] का पाँचवां राजा था। सम्प्रति का शासनकाल ईसा पूर्व 224 से ईसा पूर्व 215 रहा।  
'''सम्प्रति''' [[मौर्य राजवंश]] का पाँचवां राजा था। वह [[कुणाल (अशोक का पुत्र)|कुणाल]] का पुत्र और सम्राट [[अशोक]] का पौत्र था। सम्प्रति का शासन काल ईसा पूर्व 224 से ईसा पूर्व 215 तक रहा। यद्यपि [[अभिलेख|अभिलेखों]] में सम्प्रति का उल्लेख कहीं पर भी नहीं हुआ है, परन्तु प्राचीन अनुश्रुतियों के अनुसार अपने पितामह अशोक के उपरान्त कुणाल के अंधे होने के कारण वही सिंहासनासीन हुआ था।
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*सम्प्रति [[जैन धर्म]] में विश्वास करता था और वह [[जैन]] मतानुयायी हो गया था।
*सम्भवत: सम्राट अशोक के पश्चिमी भू-भागों पर ही सम्प्रति ने राज्य किया था।
*अपने शासन काल में सम्प्रति को इस प्रदेश में अनेक जैन मंदिरों का निर्माण कराने का श्रेय दिया जाता है।
*[[दशरथ मौर्य|दशरथ]] के पश्चात् सम्प्रति, [[शालिशुक]], [[देववर्मन]] व [[शतधन्वन]] शासक हुए थे।




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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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सम्प्रति मौर्य राजवंश का पाँचवां राजा था। वह कुणाल का पुत्र और सम्राट अशोक का पौत्र था। सम्प्रति का शासन काल ईसा पूर्व 224 से ईसा पूर्व 215 तक रहा। यद्यपि अभिलेखों में सम्प्रति का उल्लेख कहीं पर भी नहीं हुआ है, परन्तु प्राचीन अनुश्रुतियों के अनुसार अपने पितामह अशोक के उपरान्त कुणाल के अंधे होने के कारण वही सिंहासनासीन हुआ था।

  • सम्प्रति जैन धर्म में विश्वास करता था और वह जैन मतानुयायी हो गया था।
  • सम्भवत: सम्राट अशोक के पश्चिमी भू-भागों पर ही सम्प्रति ने राज्य किया था।
  • अपने शासन काल में सम्प्रति को इस प्रदेश में अनेक जैन मंदिरों का निर्माण कराने का श्रेय दिया जाता है।
  • दशरथ के पश्चात् सम्प्रति, शालिशुक, देववर्मनशतधन्वन शासक हुए थे।



मौर्य काल
65px|link=| पूर्वाधिकारी
दशरथ मौर्य
सम्प्रति उत्तराधिकारी
शालिशुक
65px|link=|


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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