लोककथा संग्रहालय, मैसूर: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
गोविन्द राम (talk | contribs) |
No edit summary |
||
(9 intermediate revisions by 3 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
{{बहुविकल्प|बहुविकल्पी शब्द=लोककथा संग्रहालय|लेख का नाम=लोककथा संग्रहालय}} | |||
{{सूचना बक्सा संग्रहालय | |||
|चित्र=Folklore-Museum-Mysore.jpg | |||
|चित्र का नाम=लोककथा संग्रहालय | |||
|विवरण=यह [[मैसूर विश्वविद्यालय]] के परिसर में स्थित है। | |||
|राज्य= [[कर्नाटक]] | |||
|नगर=[[मैसूर]] | |||
|निर्माण= | |||
|स्थापना=[[1968]] | |||
|भौगोलिक स्थिति=12° 18′ 49.15″ उत्तर, 76° 37′ 20.36″ पूर्व | |||
|मार्ग स्थिति= | |||
|प्रसिद्धि= | |||
|मानचित्र लिंक=[http://maps.google.com/maps?saddr=Folklore+Museum+Mysore&daddr=Mysore,+Karnataka,+India&hl=en&ll=12.314343,76.646204&spn=0.021341,0.042272&sll=12.266205,76.773834&sspn=0.683042,1.352692&geocode=FfTQuwAdDqKRBCFpA-NCuOUtYymJPB-_CHCvOzFpA-NCuOUtYw%3BFYKeuwAdlGyRBCn5LlcdOHCvOzFtOfjA6OyJKw&oq=+Mysore&mra=ls&t=m&z=15&iwloc=ddw0 गूगल मानचित्र] | |||
|संबंधित लेख= | |||
|शीर्षक 1= | |||
|पाठ 1= | |||
|शीर्षक 2= | |||
|पाठ 2= | |||
|अन्य जानकारी=लोककथा संग्रहालय में 15 हजार से अधिक लोककथाओं तथा पुरातात्विक महत्व की चीजों का संकलन किया गया है। | |||
|बाहरी कड़ियाँ= | |||
|अद्यतन= | |||
}} | |||
'''लोककथा संग्रहालय''' [[मैसूर]] नगर [[कर्नाटक]] राज्य में स्थित है। यह [[मैसूर विश्वविद्यालय]] के परिसर में स्थित है। | '''लोककथा संग्रहालय''' [[मैसूर]] नगर [[कर्नाटक]] राज्य में स्थित है। यह [[मैसूर विश्वविद्यालय]] के परिसर में स्थित है। | ||
==विशेषता== | ==विशेषता== | ||
लोककथा संग्रहालय में 15 हजार से अधिक लोककथाओं तथा पुरातात्विक महत्व की चीजों का संकलन किया गया है। इसे दक्षिण-पूर्वी एशिया का सबसे बड़ा संग्रहालय माना जाता है। इसमें गुजरे हुए जमाने की पहचान करने का अवसर मिलता है। उल्लेखनीय है कि जिस जयलक्ष्मीविलास महल में यह संग्रहालय स्थित है, वह | लोककथा संग्रहालय में 15 हजार से अधिक लोककथाओं तथा पुरातात्विक महत्व की चीजों का संकलन किया गया है। इसे दक्षिण-पूर्वी एशिया का सबसे बड़ा संग्रहालय माना जाता है। इसमें गुजरे हुए जमाने की पहचान करने का अवसर मिलता है। उल्लेखनीय है कि जिस जयलक्ष्मीविलास महल में यह संग्रहालय स्थित है, वह काफ़ी पुराना होने के कारण ध्वस्त होने की कगार पर पहुंच गया था। हाल ही में इस भवन की मरम्मत तथा नवनिर्माण भी किया गया है। इस कार्य में 2 करोड़ रुपए व्यय किए गए हैं।<ref>{{cite web |url=http://dakshinbharatrashtramat.blogspot.in/2009/08/blog-post_31.html |title=संग्रहालयों का भी शहर है मैसूर |accessmonthday=1 जनवरी |accessyear=2013 |last= |first= |authorlink= |format=एच.टी.एम.एल |publisher= दक्षिण भारत राष्ट्रमत|language=हिंदी }} </ref> | ||
==भारतकोश लोककथा संग्रहालय== | |||
भारतकोश में संकलित [[लोककथा|लोककथाओं]] के लिये [[लोककथा संग्रहालय, भारतकोश]] पर जायें | |||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{कर्नाटक के पर्यटन स्थल}}{{संग्रहालय}} | {{कर्नाटक के पर्यटन स्थल}}{{संग्रहालय}} | ||
[[Category:कर्नाटक]] | [[Category:कर्नाटक]][[Category:कर्नाटक के पर्यटन स्थल]][[Category:मैसूर]][[Category:पर्यटन कोश]] | ||
[[Category:कर्नाटक के पर्यटन स्थल]] | [[Category:संग्रहालय]][[Category:संग्रहालय कोश]] | ||
[[Category:मैसूर]] | |||
[[Category:पर्यटन कोश]] | |||
[[Category:संग्रहालय]] | |||
[[Category:संग्रहालय कोश]] | |||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
__NOTOC__ | __NOTOC__ |
Latest revision as of 06:10, 9 October 2013
चित्र:Disamb2.jpg लोककथा संग्रहालय | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- लोककथा संग्रहालय |
लोककथा संग्रहालय, मैसूर
| |
विवरण | यह मैसूर विश्वविद्यालय के परिसर में स्थित है। |
राज्य | कर्नाटक |
नगर | मैसूर |
स्थापना | 1968 |
भौगोलिक स्थिति | 12° 18′ 49.15″ उत्तर, 76° 37′ 20.36″ पूर्व |
चित्र:Map-icon.gif | गूगल मानचित्र |
अन्य जानकारी | लोककथा संग्रहालय में 15 हजार से अधिक लोककथाओं तथा पुरातात्विक महत्व की चीजों का संकलन किया गया है। |
लोककथा संग्रहालय मैसूर नगर कर्नाटक राज्य में स्थित है। यह मैसूर विश्वविद्यालय के परिसर में स्थित है।
विशेषता
लोककथा संग्रहालय में 15 हजार से अधिक लोककथाओं तथा पुरातात्विक महत्व की चीजों का संकलन किया गया है। इसे दक्षिण-पूर्वी एशिया का सबसे बड़ा संग्रहालय माना जाता है। इसमें गुजरे हुए जमाने की पहचान करने का अवसर मिलता है। उल्लेखनीय है कि जिस जयलक्ष्मीविलास महल में यह संग्रहालय स्थित है, वह काफ़ी पुराना होने के कारण ध्वस्त होने की कगार पर पहुंच गया था। हाल ही में इस भवन की मरम्मत तथा नवनिर्माण भी किया गया है। इस कार्य में 2 करोड़ रुपए व्यय किए गए हैं।[1]
भारतकोश लोककथा संग्रहालय
भारतकोश में संकलित लोककथाओं के लिये लोककथा संग्रहालय, भारतकोश पर जायें
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संग्रहालयों का भी शहर है मैसूर (हिंदी) (एच.टी.एम.एल) दक्षिण भारत राष्ट्रमत। अभिगमन तिथि: 1 जनवरी, 2013।
संबंधित लेख