सांगली: Difference between revisions

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2001 की जनगणना के अनुसार सांगली की जनसंख्या नगर निगम क्षेत्र की  4,36,639 है। सांगली ज़िले की कुल जनसंख्या 25,81,835 है।
2001 की जनगणना के अनुसार सांगली की जनसंख्या नगर निगम क्षेत्र की  4,36,639 है। सांगली ज़िले की कुल जनसंख्या 25,81,835 है।
==कृषि==
==कृषि==
सांगली के आसपास का इलाका कृषि उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। ज्वार, [[गेहूँ]] और दलहन यहाँ की मुख्य फ़सलें हैं। हल्दी की फ़सल तो पूरे देश के व्यापक बाज़ार पर नियंत्रण रखती है। तसगां क्षेत्र की विशेषता यहाँ के अंगूर हैं, जिसका एक बड़ा बाज़ार है। गन्ना मुख्य सिंचित फ़सल है, जिसने अनेक स्थानों की चीनी मिलों की उन्नति में सहायता की है।
सांगली के आसपास का इलाका कृषि उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। [[ज्वार]], [[गेहूँ]] और दलहन यहाँ की मुख्य फ़सलें हैं। हल्दी की फ़सल तो पूरे देश के व्यापक बाज़ार पर नियंत्रण रखती है। तसगां क्षेत्र की विशेषता यहाँ के अंगूर हैं, जिसका एक बड़ा बाज़ार है। गन्ना मुख्य सिंचित फ़सल है, जिसने अनेक स्थानों की चीनी मिलों की उन्नति में सहायता की है।
==व्यापार और उद्योग==
==व्यापार और उद्योग==
इसका तिलहन और हल्दी का बाज़ार [[भारत]] की सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण मंडियों में से एक है। शहर के उद्योगों में सूती वस्त्र, तेल मिलें और पीतल व तांबे के सामान के निर्माण से जुड़े कारख़ाने शामिल हैं। सांगली सुनारों का पारंपरिक केंद्र है। यहाँ की चीनी मिल अग्रणी चीनी प्रसंस्करण इकाई के रूप में गिनी जाती है।
इसका तिलहन और हल्दी का बाज़ार [[भारत]] की सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण मंडियों में से एक है। शहर के उद्योगों में सूती वस्त्र, तेल मिलें और पीतल व तांबे के सामान के निर्माण से जुड़े कारख़ाने शामिल हैं। सांगली सुनारों का पारंपरिक केंद्र है। यहाँ की चीनी मिल अग्रणी चीनी प्रसंस्करण इकाई के रूप में गिनी जाती है।

Revision as of 13:27, 11 August 2011

स्थिति

सांगली शहर, दक्षिण-पश्चिमी भारत के दक्षिणी महाराष्ट्र राज्य में स्थित है। सांगली नगर पुणे- बैंगलोर रेलमार्ग पर कोल्हापुर के पूर्व में कृष्णा नदी के किनारे स्थित है। यह शहर भूतपूर्व सांगली राज्य (1761-1947) की राजधानी था।

जनसंख्या

2001 की जनगणना के अनुसार सांगली की जनसंख्या नगर निगम क्षेत्र की 4,36,639 है। सांगली ज़िले की कुल जनसंख्या 25,81,835 है।

कृषि

सांगली के आसपास का इलाका कृषि उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। ज्वार, गेहूँ और दलहन यहाँ की मुख्य फ़सलें हैं। हल्दी की फ़सल तो पूरे देश के व्यापक बाज़ार पर नियंत्रण रखती है। तसगां क्षेत्र की विशेषता यहाँ के अंगूर हैं, जिसका एक बड़ा बाज़ार है। गन्ना मुख्य सिंचित फ़सल है, जिसने अनेक स्थानों की चीनी मिलों की उन्नति में सहायता की है।

व्यापार और उद्योग

इसका तिलहन और हल्दी का बाज़ार भारत की सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण मंडियों में से एक है। शहर के उद्योगों में सूती वस्त्र, तेल मिलें और पीतल व तांबे के सामान के निर्माण से जुड़े कारख़ाने शामिल हैं। सांगली सुनारों का पारंपरिक केंद्र है। यहाँ की चीनी मिल अग्रणी चीनी प्रसंस्करण इकाई के रूप में गिनी जाती है।

शिक्षा

सांगली शहर में विद्यालयों, तकनीकी संस्थानों और शिवाजी विश्वविद्यालय, कोल्हापुर से संबद्ध कला, विज्ञान और प्रौद्योगिकी महाविद्यालय वाला यह एक महत्त्वपूर्ण शैक्षणिक केंद्र है।

विकास

कृष्णा नदी के तट को छोड़कर सांगली का विस्तार सभी दिशाओं में तेजी से हो रहा है। पूर्व में सांगली और मिराज के मिलने से एक विशाल शहरी संकेंद्रण निर्मित होता है। मिराज भी एक भूतपूर्व रियासत की राजधानी था। यह वाद्य यंत्रों के निर्माण के लिए विख्यात है।

स्वास्थ्य

सांगली शहर में ‘मिराज मेडिकल सेंटर’ ने अपनी बेहतरीन स्वास्थ्य सेवा से इस क्षेत्र को प्रसिद्धि दिलाई है।

परिवहन

  • मिराज एक रेलवे जंक्शन है, जहां से निकली शाखाएं पश्चिम में कोल्हापुरऔर पूर्व में कुर्दुवर्दी की छोटी लाइन को बड़ी लाइन में बदलने का कार्य निर्माणाधीन है।
  • सड़क द्वारा और रेलवे द्वारा बड़े नगरों से सम्बद्ध है।

पर्यटन

  • यहाँ स्थित मीर साहेब औलिया की दरग़ाह दूर-दूर तक मशहूर है।
  • सांगली का गणपति मंदिर श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र है।

बाहरी कड़ियाँ

अधिकारिक वेबसाइट

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