एम. एस. गोपालकृष्णन: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
Line 28: Line 28:
|शीर्षक 2=
|शीर्षक 2=
|पाठ 2=
|पाठ 2=
|अन्य जानकारी=एम. एस. गोपालकृष्णन को 'कर्नाटक संगीत' (दक्षिण भारतीय) और 'हिंदुस्तानी संगीत' (उत्तर भारतीय) दोनों का ही गहरा ज्ञान था।
|अन्य जानकारी=एम. एस. गोपालकृष्णन को '[[कर्नाटक संगीत]]' (दक्षिण भारतीय) और 'हिंदुस्तानी संगीत' (उत्तर भारतीय) दोनों का ही गहरा ज्ञान था।
|बाहरी कड़ियाँ=
|बाहरी कड़ियाँ=
|अद्यतन=
|अद्यतन=
}}
}}


'''एम. एस. गोपालकृष्णन''' ([[अंग्रेज़ी]]: M. S. Gopalakrishnan; जन्म- [[10 जून]], [[1931]], [[मद्रास]], ब्रिटिश भारत; मृत्यु- [[3 जनवरी]], [[2013]], [[चेन्नई]], [[तमिलनाडु]]) [[भारत]] के प्रसिद्ध वायलिन वादकों में से एक थे। '[[पद्मभूषण]]' तथा अन्य पुरस्कारों से सम्मानित गोपालकृष्णन ने सात दशक तक [[वायलिन]] के सुरों से 'हिन्दुस्तानी' और 'कर्नाटक संगीत' के प्रेमियों को बांधे रखा था। उनको ‘एमएस जी’ के नाम से भी जाना जाता था।
'''एम. एस. गोपालकृष्णन''' ([[अंग्रेज़ी]]: M. S. Gopalakrishnan; जन्म- [[10 जून]], [[1931]], [[मद्रास]], ब्रिटिश भारत; मृत्यु- [[3 जनवरी]], [[2013]], [[चेन्नई]], [[तमिलनाडु]]) [[भारत]] के प्रसिद्ध वायलिन वादकों में से एक थे। '[[पद्मभूषण]]' तथा अन्य पुरस्कारों से सम्मानित गोपालकृष्णन ने सात दशक तक [[वायलिन]] के सुरों से 'हिन्दुस्तानी' और '[[कर्नाटक संगीत]]' के प्रेमियों को बांधे रखा था। उनको ‘एमएस जी’ के नाम से भी जाना जाता था।


*अपने [[पिता]] पेरूर सुन्दरम अय्यर से एम. एस. गोपालकृष्णन ने [[संगीत]] की शिक्षा ली थी। इनके पिता स्वयं भी एक कुशल वायलिन वादक थे।
*अपने [[पिता]] पेरूर सुन्दरम अय्यर से एम. एस. गोपालकृष्णन ने [[संगीत]] की शिक्षा ली थी। इनके पिता स्वयं भी एक कुशल वायलिन वादक थे।
*एम. एस. गोपालकृष्णन को 'कर्नाटक संगीत' (दक्षिण भारतीय) और 'हिंदुस्तानी संगीत' (उत्तर भारतीय) दोनों का ही गहरा ज्ञान था।
*एम. एस. गोपालकृष्णन को '[[कर्नाटक संगीत]]' (दक्षिण भारतीय) और 'हिंदुस्तानी संगीत' (उत्तर भारतीय) दोनों का ही गहरा ज्ञान था।
*इनके बड़े भाई एम. एस. अनंतरामन भी प्रसिद्ध वायलिन वादक थे।
*इनके बड़े भाई एम. एस. अनंतरामन भी प्रसिद्ध वायलिन वादक थे।
*वायलिन वादक [[लालगुड़ी जयरमण]] और टी. एन. कृष्णन इनके समकालीन थे।
*वायलिन वादक [[लालगुड़ी जयरमण]] और टी. एन. कृष्णन इनके समकालीन थे।

Revision as of 07:02, 8 August 2014

एम. एस. गोपालकृष्णन
प्रसिद्ध नाम एम. एस. गोपालकृष्णन
अन्य नाम 'एमएस जी'
जन्म 10 जून, 1931
जन्म भूमि मद्रास, ब्रिटिश भारत
मृत्यु 3 जनवरी, 2013
मृत्यु स्थान चेन्नई, तमिलनाडु
संतान दो पुत्रियाँ और एक पुत्र
कर्म भूमि भारत
कर्म-क्षेत्र शास्त्रीय संगीत
पुरस्कार-उपाधि 'पद्मभूषण' (2012), 'पद्मश्री' (1975), 'केंद्रीय संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार' (1982) आदि।
प्रसिद्धि वायलिन वादक
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी एम. एस. गोपालकृष्णन को 'कर्नाटक संगीत' (दक्षिण भारतीय) और 'हिंदुस्तानी संगीत' (उत्तर भारतीय) दोनों का ही गहरा ज्ञान था।

एम. एस. गोपालकृष्णन (अंग्रेज़ी: M. S. Gopalakrishnan; जन्म- 10 जून, 1931, मद्रास, ब्रिटिश भारत; मृत्यु- 3 जनवरी, 2013, चेन्नई, तमिलनाडु) भारत के प्रसिद्ध वायलिन वादकों में से एक थे। 'पद्मभूषण' तथा अन्य पुरस्कारों से सम्मानित गोपालकृष्णन ने सात दशक तक वायलिन के सुरों से 'हिन्दुस्तानी' और 'कर्नाटक संगीत' के प्रेमियों को बांधे रखा था। उनको ‘एमएस जी’ के नाम से भी जाना जाता था।

  • अपने पिता पेरूर सुन्दरम अय्यर से एम. एस. गोपालकृष्णन ने संगीत की शिक्षा ली थी। इनके पिता स्वयं भी एक कुशल वायलिन वादक थे।
  • एम. एस. गोपालकृष्णन को 'कर्नाटक संगीत' (दक्षिण भारतीय) और 'हिंदुस्तानी संगीत' (उत्तर भारतीय) दोनों का ही गहरा ज्ञान था।
  • इनके बड़े भाई एम. एस. अनंतरामन भी प्रसिद्ध वायलिन वादक थे।
  • वायलिन वादक लालगुड़ी जयरमण और टी. एन. कृष्णन इनके समकालीन थे।
  • एम. एस. गोपालकृष्णन के परिवार में उनकी पत्नी, दो पुत्रियाँ और एक पुत्र हैं। उनकी एक बेटी डॉ. एम. नर्मदा ने अपने पिता से वायलिन की शिक्षा ग्रहण की है।
  • सांस लेने में तकलीफ संबंधी शिकायत के बाद गोपालकृष्णन को चेन्नई के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहाँ 3 जनवरी, 2013 को उनका निधन हुआ।
  • गोपालकृष्णन से संबंधित कुछ मुख्य तथ्य निम्नलिखित हैं-
  1. पद्मभूषण, भारत सरकार - 2012
  2. संगीत कला निधि मद्रास म्यूजिक अकादमी चेन्नई - 1998
  3. केंद्रीय संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार - 1982
  4. केरल संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार - 1979
  5. पद्मश्री सम्मान, भारत सरकार - 1975


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख