महाराणा प्रताप का परिचय: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
(''''महाराणा प्रताप''' भारतीय इतिहास के सर्वाधिक प्रस...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
Line 1: Line 1:
'''महाराणा प्रताप''' [[भारतीय इतिहास]] के सर्वाधिक प्रसिद्ध योद्धाओं में से एक थे। उनके पिता [[राणा उदय सिंह]], [[सिसोदिया वंश]] के 12वें राजा थे। राणा प्रताप [[मेवाड़]] के राजा थे। मेवाड़ आज के [[राजस्थान]] का एक हिस्सा था, जिस पर [[राजपूत]] लोग शासन करते थे। महाराणा प्रताप राजा उदय सिंह और महारानी जैवन्ताबाई के सबसे बड़े पुत्र थे। प्रताप अपने युद्ध कौशल, राजनीतिज्ञ, आदर्श संगठनकर्ता और अपने [[धर्म]] तथा देश की स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व बलिदान करने को तत्पर रहने वाले महान सेनानी थे।
'''महाराणा प्रताप''' [[भारतीय इतिहास]] के सर्वाधिक प्रसिद्ध योद्धाओं में से एक थे। उनके पिता [[राणा उदय सिंह]], [[सिसोदिया वंश]] के 12वें राजा थे। राणा प्रताप [[मेवाड़]] के राजा थे। मेवाड़ आज के [[राजस्थान]] का एक हिस्सा था, जिस पर [[राजपूत]] लोग शासन करते थे। महाराणा प्रताप राजा उदय सिंह और महारानी जैवन्ताबाई के सबसे बड़े पुत्र थे। प्रताप अपने युद्ध कौशल, राजनीतिज्ञ, आदर्श संगठनकर्ता और अपने [[धर्म]] तथा देश की स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व बलिदान करने को तत्पर रहने वाले महान सेनानी थे।
==जन्म तथा परिचय==
==जन्म तथा परिचय==
[[राजस्थान]] के [[कुम्भलगढ़]] में राणा प्रताप का जन्म [[सिसोदिया राजवंश]] के [[महाराणा उदयसिंह]] एवं माता रानी जीवत कँवर के घर [[9 मई]], 1540 ई. को हुआ था। रानी जीवत कँवर का नाम कहीं-कहीं जैवन्ताबाई भी उल्लेखित किया गया है। वे [[पाली]] के सोनगरा राजपूत अखैराज की पुत्री थीं। प्रताप का बचपन का नाम 'कीका' था। मेवाड़ के राणा उदयसिंह द्वितीय की 33 संतानें थीं। उनमें प्रताप सिंह सबसे बड़े थे। स्वाभिमान तथा धार्मिक आचरण उनकी विशेषता थी। प्रताप बचपन से ही ढीठ तथा बहादुर थे। बड़ा होने पर वे एक महापराक्रमी पुरुष बनेंगे, यह सभी जानते थे। सर्वसाधारण शिक्षा लेने से खेलकूद एवं हथियार बनाने की कला सीखने में उनकी रुचि अधिक थी।<ref>{{cite web |url=http://www.ugtabharat.com/%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%A1%E0%A4%BC-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%AE%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%A8-%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%9C%E0%A4%BE-%E0%A4%AE%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%BE/ |title= मेवाड़ के महान राजा, महाराणा प्रताप सिंह|accessmonthday= 17 मई|accessyear= 2015|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=उगता भारत|language= हिन्दी}}</ref>
[[राजस्थान]] के [[कुम्भलगढ़]] में राणा प्रताप का जन्म [[सिसोदिया राजवंश]] के [[महाराणा उदयसिंह]] एवं [[माता]] रानी जीवत कँवर के घर [[9 मई]], 1540 ई. को हुआ था। रानी जीवत कँवर का नाम कहीं-कहीं जैवन्ताबाई भी उल्लेखित किया गया है। वे [[पाली]] के सोनगरा राजपूत अखैराज की [[पुत्री]] थीं। प्रताप का बचपन का नाम 'कीका' था। मेवाड़ के राणा उदयसिंह द्वितीय की 33 संतानें थीं। उनमें प्रताप सिंह सबसे बड़े थे। स्वाभिमान तथा धार्मिक आचरण उनकी विशेषता थी। प्रताप बचपन से ही ढीठ तथा बहादुर थे। बड़ा होने पर वे एक महापराक्रमी पुरुष बनेंगे, यह सभी जानते थे। सर्वसाधारण शिक्षा लेने से खेलकूद एवं हथियार बनाने की कला सीखने में उनकी रुचि अधिक थी।<ref>{{cite web |url=http://www.ugtabharat.com/%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%A1%E0%A4%BC-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%AE%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%A8-%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%9C%E0%A4%BE-%E0%A4%AE%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%BE/ |title= मेवाड़ के महान राजा, महाराणा प्रताप सिंह|accessmonthday= 17 मई|accessyear= 2015|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=उगता भारत|language= हिन्दी}}</ref>
 
==विवाह==
==विवाह==
[[महाराणा प्रताप]] ने अपने जीवन में कुल ग्यारह [[विवाह]] किये थे। उनकी पत्नियों और उनसे प्राप्त उनके पुत्रों व पुत्रियों के नाम निम्नलिखित हैं-
[[महाराणा प्रताप]] ने अपने जीवन में कुल ग्यारह [[विवाह]] किये थे। उनकी पत्नियों और उनसे प्राप्त उनके पुत्रों व पुत्रियों के नाम निम्नलिखित हैं-

Revision as of 19:02, 22 December 2016

महाराणा प्रताप भारतीय इतिहास के सर्वाधिक प्रसिद्ध योद्धाओं में से एक थे। उनके पिता राणा उदय सिंह, सिसोदिया वंश के 12वें राजा थे। राणा प्रताप मेवाड़ के राजा थे। मेवाड़ आज के राजस्थान का एक हिस्सा था, जिस पर राजपूत लोग शासन करते थे। महाराणा प्रताप राजा उदय सिंह और महारानी जैवन्ताबाई के सबसे बड़े पुत्र थे। प्रताप अपने युद्ध कौशल, राजनीतिज्ञ, आदर्श संगठनकर्ता और अपने धर्म तथा देश की स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व बलिदान करने को तत्पर रहने वाले महान सेनानी थे।

जन्म तथा परिचय

राजस्थान के कुम्भलगढ़ में राणा प्रताप का जन्म सिसोदिया राजवंश के महाराणा उदयसिंह एवं माता रानी जीवत कँवर के घर 9 मई, 1540 ई. को हुआ था। रानी जीवत कँवर का नाम कहीं-कहीं जैवन्ताबाई भी उल्लेखित किया गया है। वे पाली के सोनगरा राजपूत अखैराज की पुत्री थीं। प्रताप का बचपन का नाम 'कीका' था। मेवाड़ के राणा उदयसिंह द्वितीय की 33 संतानें थीं। उनमें प्रताप सिंह सबसे बड़े थे। स्वाभिमान तथा धार्मिक आचरण उनकी विशेषता थी। प्रताप बचपन से ही ढीठ तथा बहादुर थे। बड़ा होने पर वे एक महापराक्रमी पुरुष बनेंगे, यह सभी जानते थे। सर्वसाधारण शिक्षा लेने से खेलकूद एवं हथियार बनाने की कला सीखने में उनकी रुचि अधिक थी।[1]

विवाह

महाराणा प्रताप ने अपने जीवन में कुल ग्यारह विवाह किये थे। उनकी पत्नियों और उनसे प्राप्त उनके पुत्रों व पुत्रियों के नाम निम्नलिखित हैं-

राणा प्रताप की पत्नियाँ और पुत्र/पुत्रियाँ
क्र.सं. पत्नी का नाम पुत्र/पुत्रियाँ
1. महारानी अजब्धे पंवार अमरसिंह और भगवानदास
2. अमरबाई राठौर नत्था
3. शहमति बाई हाडा पुरा
4. अलमदेबाई चौहान जसवंत सिंह
5. रत्नावती बाई परमार माल, गज, क्लिंगु
6. लखाबाई रायभाना
7. जसोबाई चौहान कल्याणदास
8. चंपाबाई जंथी कल्ला, सनवालदास और दुर्जन सिंह
9. सोलनखिनीपुर बाई साशा और गोपाल
10. फूलबाई राठौर चंदा और शिखा
11. खीचर आशाबाई हत्थी और राम सिंह


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. मेवाड़ के महान राजा, महाराणा प्रताप सिंह (हिन्दी) उगता भारत। अभिगमन तिथि: 17 मई, 2015।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख