कला-संस्कृति और धर्म सामान्य ज्ञान 143: Difference between revisions
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||[[हिन्दू धर्म]] के [[संस्कार|संस्कारों]] में [[गर्भाधान संस्कार]] प्रथम संस्कार है। यहीं से बालक का निर्माण होता है। गृहस्थाश्रम में प्रवेश करने के | ||[[हिन्दू धर्म]] के [[संस्कार|संस्कारों]] में [[गर्भाधान संस्कार]] प्रथम संस्कार है। यहीं से बालक का निर्माण होता है। गृहस्थाश्रम में प्रवेश करने के पश्चात् दम्पति-युगल को पुत्र उत्पन्न करने के लिए मान्यता दी गयी है। इसलिये शास्त्र में कहा गया है कि- "उत्तम संतान प्राप्त करने के लिए सबसे पहले 'गर्भाधान संस्कार' करना होता है। पितृ-ऋण से उऋण होने के लिए ही संतान-उत्पादनार्थ यह [[संस्कार]] किया जाता है। इस संस्कार से बीज तथा गर्भ से सम्बन्धित मलिनता आदि दोष दूर हो जाते हैं, जिससे उत्तम संतान की प्राप्ति होती है। दांपत्य-जीवन का सर्वोच्च उद्देश्य है- "श्रेष्ठ गुणों वाली, स्वस्थ, ओजस्वी, चरित्रवान और यशस्वी संतान प्राप्त करना"।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गर्भाधान संस्कार]] | ||
{[[देवकी]] के सप्तम गर्भ को संकर्षण द्वारा [[रोहिणी]] के गर्भ में किसने पहुँचाया था? | {[[देवकी]] के सप्तम गर्भ को संकर्षण द्वारा [[रोहिणी]] के गर्भ में किसने पहुँचाया था? |
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