अंजलि इला मेनन: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
Line 1: Line 1:
{{साँचा:अंजलि इला मेनन संक्षिप्त परिचय}}
{{साँचा:अंजलि इला मेनन संक्षिप्त परिचय}}
'''अंजलि इला मेनन'''([[अंग्रेजी]]: Anjolie Ela Menon, जन्म: [[1940]], [[बंगाल]]) भारत की बेहतरीन समकालीन कलाकारों में से एक हैं। उनके द्वारा बनाये गए चित्र दुनिभर के महत्वपूर्ण संग्रहालयों में रखे हुए हैं। सन [[2006]] में कैलिफ़ोर्निया के ‘एशियन आर्ट म्यूजियम ऑफ़ सन फ्रांसिस्को’ ने उनकी एक महत्वपूर्ण रचना ‘यात्रा’ का अधिग्रहण किया। उनकी पेंटिंग का पसंदीदा माध्यम है तैल पर इसके अलावा वे शीशा और वाटर कलर जैसे दूसरे माध्यमों पर भी चित्रकारी करती हैं। अंजलि एक जानी-मानी भित्ति चित्रकार भी हैं। कला जगत में उनकी उपलब्धियों के लिए [[भारत सरकार]] ने सन [[2000]] में उन्हें [[पद्म श्री]] से सम्मानित किया।
'''अंजलि इला मेनन'''([[अंग्रेजी]]: Anjolie Ela Menon, जन्म: [[1940]], [[बंगाल]]) भारत की बेहतरीन समकालीन कलाकारों में से एक हैं। उनके द्वारा बनाये गए चित्र दुनिभर के महत्वपूर्ण संग्रहालयों में रखे हुए हैं। सन [[2006]] में कैलिफ़ोर्निया के ‘एशियन आर्ट म्यूजियम ऑफ़ सन फ्रांसिस्को’ ने उनकी एक महत्वपूर्ण रचना ‘यात्रा’ का अधिग्रहण किया। उनकी पेंटिंग का पसंदीदा माध्यम है तैल पर इसके अलावा वे शीशा और वाटर कलर जैसे दूसरे माध्यमों पर भी चित्रकारी करती हैं। अंजलि एक जानी-मानी भित्ति चित्रकार भी हैं। कला जगत में उनकी उपलब्धियों के लिए [[भारत सरकार]] ने सन [[2000]] में उन्हें [[पद्म श्री]] से सम्मानित किया।<ref name="a"/>
==जीवन परिचय==
==जीवन परिचय==
अंजलि इला मेनन का जन्म सन [[1940]] में [[बंगाल]] में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा [[तमिलनाडु]] के निलगिरी के लवडेल स्थित लॉरेंस स्कूल में हुआ। बचपन में ही उनका झुकाव चित्रकारी की ओर हो गया और 15 साल की उम्र तक वे अपने कुछ चित्र बेच भी चुकी थीं। स्कूल की शिक्षा के बाद उन्होंने [[मुंबई]] के प्रसिद्ध सर जे.जे. स्कूल ऑफ़ आर्ट में कुछ समय तक अध्ययन किया और उसके बाद दिल्ली के प्रसिद्ध मिरांडा कॉलेज में दाखिला लिया जहाँ से उन्होंने [[अंग्रेजी]] साहित्य में डिग्री प्राप्त की। इसी दौरान वे इतालवी चित्रकार मोदिग्लिअनि और [[चित्रकार|भारतीय चित्रकार]] [[एम.एफ. हुसैन]] की कला से बहुत प्रभावित हुईं। जब वे 18 साल की थीं तब उन्होंने अपनी अलग-अलग शैली के 53 चित्रों की प्रदर्शनी लगाई। उनकी रचनात्मक प्रतिभा के परिणामस्वरूप उन्हें [[फ्रांस]] सरकार ने एक छात्रवृत्ति दी जिसके माध्यम से उन्हें विश्व प्रसिद्ध ‘इकोल नेशनल सुपेरियर डे ब्यू आर्ट्स’ में शिक्षा ग्रहण करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। [[भारत]] वापस आने से पहले उन्होंने [[यूरोप]] और पश्चिमी एशिया की यात्रा की जहाँ उन्होंने विभिन्न प्रकार की कलाओं का अध्ययन किया।
अंजलि इला मेनन का जन्म सन [[1940]] में [[बंगाल]] में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा [[तमिलनाडु]] के निलगिरी के लवडेल स्थित लॉरेंस स्कूल में हुआ। बचपन में ही उनका झुकाव चित्रकारी की ओर हो गया और 15 साल की उम्र तक वे अपने कुछ चित्र बेच भी चुकी थीं। स्कूल की शिक्षा के बाद उन्होंने [[मुंबई]] के प्रसिद्ध सर जे.जे. स्कूल ऑफ़ आर्ट में कुछ समय तक अध्ययन किया और उसके बाद दिल्ली के प्रसिद्ध मिरांडा कॉलेज में दाखिला लिया जहाँ से उन्होंने [[अंग्रेजी]] साहित्य में डिग्री प्राप्त की। इसी दौरान वे इतालवी चित्रकार मोदिग्लिअनि और [[चित्रकार|भारतीय चित्रकार]] [[एम.एफ. हुसैन]] की कला से बहुत प्रभावित हुईं। जब वे 18 साल की थीं तब उन्होंने अपनी अलग-अलग शैली के 53 चित्रों की प्रदर्शनी लगाई। उनकी रचनात्मक प्रतिभा के परिणामस्वरूप उन्हें [[फ्रांस]] सरकार ने एक छात्रवृत्ति दी जिसके माध्यम से उन्हें विश्व प्रसिद्ध ‘इकोल नेशनल सुपेरियर डे ब्यू आर्ट्स’ में शिक्षा ग्रहण करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। [[भारत]] वापस आने से पहले उन्होंने [[यूरोप]] और पश्चिमी एशिया की यात्रा की जहाँ उन्होंने विभिन्न प्रकार की कलाओं का अध्ययन किया।<ref name="a"/>
==कॅरियर==
==कॅरियर==
उनकी पहली एकल प्रदर्शनी सन [[1958]] में लगी थी जिसके बाद इनकी कलाकृतियों की लगभग 50 प्रदर्शनियां लग चुकी हैं। अंजलि मेनन की कृतियां राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रह, [[नई दिल्ली]], पीबाडी एसेक्स म्यूजियम, चंडीगढ म्यूजियम, द एशियन आर्ट म्यूजियम, सैन फ्रांसिस्को और जापान के फुकुओका म्यूजियम सहित दुनिया भर के कई निजी संग्रहों में रखी गई हैं। वे एक प्रसिद्ध भित्ति चित्रकार भी हैं और कई समारोहों में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं।
उनकी पहली एकल प्रदर्शनी सन [[1958]] में लगी थी जिसके बाद इनकी कलाकृतियों की लगभग 50 प्रदर्शनियां लग चुकी हैं। अंजलि मेनन की कृतियां राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रह, [[नई दिल्ली]], पीबाडी एसेक्स म्यूजियम, चंडीगढ म्यूजियम, द एशियन आर्ट म्यूजियम, सैन फ्रांसिस्को और जापान के फुकुओका म्यूजियम सहित दुनिया भर के कई निजी संग्रहों में रखी गई हैं। वे एक प्रसिद्ध भित्ति चित्रकार भी हैं और कई समारोहों में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं।<ref name="a"/>
==व्यक्तिगत जीवन==
==व्यक्तिगत जीवन==
अध्ययन के उपरान्त [[फ्रांस]] से लौटने के बाद अंजलि इला मेनन ने अपने बचपन के मित्र और [[भारतीय नौसेना]] के अधिकारी राजा मेनन से विवाह कर लिया। विवाह के उपरान्त उन्होंने [[भारत]] के अलावा [[अमेरिका]], [[यूरोप]] के कई देश, [[जापान]] और पूर्व सोवियत संघ में रहकर कार्य किया है। इन देशों में उन्होंने अपने काम की 30 से भी ज्यादा एकल प्रदर्शनी आयोजित की है।
अध्ययन के उपरान्त [[फ्रांस]] से लौटने के बाद अंजलि इला मेनन ने अपने बचपन के मित्र और [[भारतीय नौसेना]] के अधिकारी राजा मेनन से विवाह कर लिया। विवाह के उपरान्त उन्होंने [[भारत]] के अलावा [[अमेरिका]], [[यूरोप]] के कई देश, [[जापान]] और पूर्व सोवियत संघ में रहकर कार्य किया है। इन देशों में उन्होंने अपने काम की 30 से भी ज्यादा एकल प्रदर्शनी आयोजित की है।<ref name="a"/>
==पुरस्कार और सम्मान==
==पुरस्कार और सम्मान==
*सन [[2000]] में [[भारत सरकार]] ने उन्हें [[पद्म श्री]] से सम्मानित किया
*सन [[2000]] में [[भारत सरकार]] ने उन्हें [[पद्म श्री]] से सम्मानित किया
*उनका नाम ‘लिम्का बुक ऑफ़ रिकार्ड्स’ में भी दर्ज है
*उनका नाम ‘लिम्का बुक ऑफ़ रिकार्ड्स’ में भी दर्ज है
*सन [[2013]] में दिल्ली सरकार ने उन्हें ‘लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड’ से सम्मानित किया
*सन [[2013]] में दिल्ली सरकार ने उन्हें ‘लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड’ से सम्मानित किया
*सन [[2013]] में भारतीय कला और संस्कृति के क्षेत्र में बेहतरीन योगदान के लिए उन्हें दयावती मोदी पुरस्कार से सम्मानित किया गया
*सन [[2013]] में भारतीय कला और संस्कृति के क्षेत्र में बेहतरीन योगदान के लिए उन्हें दयावती मोदी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।<ref name="a">{{cite web |url=http://www.itshindi.com/anjolie-ela-menon.html|title=अंजलि इला मेनन|accessmonthday= 16 नवम्बर|accessyear= 2017|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=itshindi.com|language= हिन्दी}}</ref>


{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक3 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक3 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}

Revision as of 12:32, 16 November 2017

Template:साँचा:अंजलि इला मेनन संक्षिप्त परिचय अंजलि इला मेनन(अंग्रेजी: Anjolie Ela Menon, जन्म: 1940, बंगाल) भारत की बेहतरीन समकालीन कलाकारों में से एक हैं। उनके द्वारा बनाये गए चित्र दुनिभर के महत्वपूर्ण संग्रहालयों में रखे हुए हैं। सन 2006 में कैलिफ़ोर्निया के ‘एशियन आर्ट म्यूजियम ऑफ़ सन फ्रांसिस्को’ ने उनकी एक महत्वपूर्ण रचना ‘यात्रा’ का अधिग्रहण किया। उनकी पेंटिंग का पसंदीदा माध्यम है तैल पर इसके अलावा वे शीशा और वाटर कलर जैसे दूसरे माध्यमों पर भी चित्रकारी करती हैं। अंजलि एक जानी-मानी भित्ति चित्रकार भी हैं। कला जगत में उनकी उपलब्धियों के लिए भारत सरकार ने सन 2000 में उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया।[1]

जीवन परिचय

अंजलि इला मेनन का जन्म सन 1940 में बंगाल में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा तमिलनाडु के निलगिरी के लवडेल स्थित लॉरेंस स्कूल में हुआ। बचपन में ही उनका झुकाव चित्रकारी की ओर हो गया और 15 साल की उम्र तक वे अपने कुछ चित्र बेच भी चुकी थीं। स्कूल की शिक्षा के बाद उन्होंने मुंबई के प्रसिद्ध सर जे.जे. स्कूल ऑफ़ आर्ट में कुछ समय तक अध्ययन किया और उसके बाद दिल्ली के प्रसिद्ध मिरांडा कॉलेज में दाखिला लिया जहाँ से उन्होंने अंग्रेजी साहित्य में डिग्री प्राप्त की। इसी दौरान वे इतालवी चित्रकार मोदिग्लिअनि और भारतीय चित्रकार एम.एफ. हुसैन की कला से बहुत प्रभावित हुईं। जब वे 18 साल की थीं तब उन्होंने अपनी अलग-अलग शैली के 53 चित्रों की प्रदर्शनी लगाई। उनकी रचनात्मक प्रतिभा के परिणामस्वरूप उन्हें फ्रांस सरकार ने एक छात्रवृत्ति दी जिसके माध्यम से उन्हें विश्व प्रसिद्ध ‘इकोल नेशनल सुपेरियर डे ब्यू आर्ट्स’ में शिक्षा ग्रहण करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। भारत वापस आने से पहले उन्होंने यूरोप और पश्चिमी एशिया की यात्रा की जहाँ उन्होंने विभिन्न प्रकार की कलाओं का अध्ययन किया।[1]

कॅरियर

उनकी पहली एकल प्रदर्शनी सन 1958 में लगी थी जिसके बाद इनकी कलाकृतियों की लगभग 50 प्रदर्शनियां लग चुकी हैं। अंजलि मेनन की कृतियां राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रह, नई दिल्ली, पीबाडी एसेक्स म्यूजियम, चंडीगढ म्यूजियम, द एशियन आर्ट म्यूजियम, सैन फ्रांसिस्को और जापान के फुकुओका म्यूजियम सहित दुनिया भर के कई निजी संग्रहों में रखी गई हैं। वे एक प्रसिद्ध भित्ति चित्रकार भी हैं और कई समारोहों में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं।[1]

व्यक्तिगत जीवन

अध्ययन के उपरान्त फ्रांस से लौटने के बाद अंजलि इला मेनन ने अपने बचपन के मित्र और भारतीय नौसेना के अधिकारी राजा मेनन से विवाह कर लिया। विवाह के उपरान्त उन्होंने भारत के अलावा अमेरिका, यूरोप के कई देश, जापान और पूर्व सोवियत संघ में रहकर कार्य किया है। इन देशों में उन्होंने अपने काम की 30 से भी ज्यादा एकल प्रदर्शनी आयोजित की है।[1]

पुरस्कार और सम्मान

  • सन 2000 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया
  • उनका नाम ‘लिम्का बुक ऑफ़ रिकार्ड्स’ में भी दर्ज है
  • सन 2013 में दिल्ली सरकार ने उन्हें ‘लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड’ से सम्मानित किया
  • सन 2013 में भारतीय कला और संस्कृति के क्षेत्र में बेहतरीन योगदान के लिए उन्हें दयावती मोदी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 1.3 1.4 अंजलि इला मेनन (हिन्दी) itshindi.com। अभिगमन तिथि: 16 नवम्बर, 2017।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख