गुरु राम राय दरबार देहरादून: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "==सम्बंधित लिंक==" to "==संबंधित लेख==") |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "महत्वपूर्ण" to "महत्त्वपूर्ण") |
||
Line 1: | Line 1: | ||
*देवभूमि [[उत्तराखंड]] की राजधानी व उत्तरी [[भारत]] के पश्चिमोत्तर [[उत्तरांचल]] राज्य में स्थित [[देहरादून]] में [[गुरु रामराय]] दरबार | *देवभूमि [[उत्तराखंड]] की राजधानी व उत्तरी [[भारत]] के पश्चिमोत्तर [[उत्तरांचल]] राज्य में स्थित [[देहरादून]] में [[गुरु रामराय]] दरबार महत्त्वपूर्ण [[देहरादून पर्यटन|पर्यटन स्थल]] है। | ||
*देहरादून में बहुत सारे उत्सव और मेले आयोजित किए जाते हैं, जिसमें झंडा उत्सव 1699 में गुरु राम राय के शहर में आने की याद के तौर पर मनाया जाता है। | *देहरादून में बहुत सारे उत्सव और मेले आयोजित किए जाते हैं, जिसमें झंडा उत्सव 1699 में गुरु राम राय के शहर में आने की याद के तौर पर मनाया जाता है। | ||
*गुरु राम राय के पिता [[गुरु हरि राय]] ने उन्हें मुग़ल राजा [[औरंगज़ेब]] के दरबार में चमत्कार दिखाने के लिए भेजा था। | *गुरु राम राय के पिता [[गुरु हरि राय]] ने उन्हें मुग़ल राजा [[औरंगज़ेब]] के दरबार में चमत्कार दिखाने के लिए भेजा था। |
Revision as of 13:28, 4 January 2011
- देवभूमि उत्तराखंड की राजधानी व उत्तरी भारत के पश्चिमोत्तर उत्तरांचल राज्य में स्थित देहरादून में गुरु रामराय दरबार महत्त्वपूर्ण पर्यटन स्थल है।
- देहरादून में बहुत सारे उत्सव और मेले आयोजित किए जाते हैं, जिसमें झंडा उत्सव 1699 में गुरु राम राय के शहर में आने की याद के तौर पर मनाया जाता है।
- गुरु राम राय के पिता गुरु हरि राय ने उन्हें मुग़ल राजा औरंगज़ेब के दरबार में चमत्कार दिखाने के लिए भेजा था।
- देहरादून पहुँचने पर उन्हें यहाँ आकर इतना अच्छा लगा कि वे यहीं रुक गए और यहाँ एक गुरुद्वारा बनाया जिसका नाम गुरु राम राय दरबार रखा। यहीं उन्होंने अपना झंडा फहराया। तब से आज तक होली के पाँचवे दिन बाद यह उत्सव मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन गुरु राम राय देहरादून पहुँचे थे।
- देश भर से उनके अनुयायी इसमें भाग लेने यहाँ आते हैं।
- दून घाटी में मनाया जाने वाला यह सबसे बड़ा मेला है। इस दिन झंडा चौक पर इस उत्सव का आयोजन किया जाता है और झंडा फहराया जाता है।