पेरियार नदी: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "काफी" to "काफ़ी") |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "खिलाफ " to "ख़िलाफ़ ") |
||
Line 7: | Line 7: | ||
पश्चिम की ओर बहने वाली नदियों में दूसरी सबसे बड़ी नदी पेरियार है, जिसका अधिकतर पानी [[मुल्ला पेरियार बांध]] में एकत्रित होता है। इस पानी से तमिलनाडु के पड़ोसी राज्यों में सिंचाई की जाती है। | पश्चिम की ओर बहने वाली नदियों में दूसरी सबसे बड़ी नदी पेरियार है, जिसका अधिकतर पानी [[मुल्ला पेरियार बांध]] में एकत्रित होता है। इस पानी से तमिलनाडु के पड़ोसी राज्यों में सिंचाई की जाती है। | ||
==प्रदूषण== | ==प्रदूषण== | ||
केरल के एलोर-एडयार औद्योगिक क्षेत्र में स्थित करीब 250 फैक्ट्रियों का कचरा मध्य केरल की जीवनरेखा कही जाने वाली पेरियार नदी में गिरता है और इस वजह से इसमें प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा है. इस प्रदूषण के | केरल के एलोर-एडयार औद्योगिक क्षेत्र में स्थित करीब 250 फैक्ट्रियों का कचरा मध्य केरल की जीवनरेखा कही जाने वाली पेरियार नदी में गिरता है और इस वजह से इसमें प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा है. इस प्रदूषण के ख़िलाफ़ एक मुहिम चलाने वाले संगठन के मुखिया 'पुरुषन एलोर' कहते हैं, 'इस इलाके में काफ़ी परिवार ऐसे हैं जिन्हें पीने का पानी भी नहीं मिलता'।<ref>{{cite web |url=http://watercampaign.blogspot.com/2008/05/blog-post_3162.html | ||
|title=सुजलाम- इधर- उधर से |accessmonthday=12 जनवरी|accessyear=2011 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=watercampaign.blogspot.com |language=हिन्दी}}</ref> | |title=सुजलाम- इधर- उधर से |accessmonthday=12 जनवरी|accessyear=2011 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=watercampaign.blogspot.com |language=हिन्दी}}</ref> | ||
Revision as of 13:11, 31 January 2011
भारत के प्रदेश केरल की सबसे लम्बी नदी 'पेरियार' है जिसकी लम्बाई 244 कि. मी. है। केरल की इसी पेरियार नदी के किनारे कालडी़ ग्राम में शंकराचार्य का जन्म हुआ था। पेरियार नदी को जीवनदायिनी नदी माना जाता क्योंकि यह पीने का पानी उपलब्ध कराती है। इस नदी पर बना इडुक्की बाँध केरल प्रांत की विद्युत आपूर्ति का प्रमुख स्त्रोत है। पश्चिमी घाट की शिवागिरी पहाडियों से पेरियार नदी का उद्गम होता है। यह पेरियार नेशनल पार्क के मध्य से होकर बहती है। पेरियार सेंचुरी के बीचों बीच एक विलक्षण नयनाभिराम झील है, जो सन 1895 में पेरियार नदी पर बाँध बनाकर निकाली गई थी।
भारत की अधिकांश नदियों का उद्गम पश्चिमी घाट से ही होता है । इनमें से गोदावरी, कृष्णा, कावेरी, काली नदी और पेरियार प्रमुख हैं, जो प्रांतीय महत्त्व की हैं । इन नदियों के जल का उपयोग सिंचाई और विद्युत उत्पादन के लिये किया जाता है ।
केरल में 44 नदियाँ हैं जिनमें 41 नदियाँ पश्चिम की ओर बहती हैं, 3 नदियाँ पूरब की ओर बहती हैं। जो नदियाँ पश्चिम की ओर बहती हैं वे या तो अरब सागर में या झीलों अथवा अन्य नदियों में जा मिलती हैं । इन नदियों में हज़ारों झरने और नहरें बह कर आती हैं ।
पश्चिम की ओर बहने वाली नदियों में दूसरी सबसे बड़ी नदी पेरियार है, जिसका अधिकतर पानी मुल्ला पेरियार बांध में एकत्रित होता है। इस पानी से तमिलनाडु के पड़ोसी राज्यों में सिंचाई की जाती है।
प्रदूषण
केरल के एलोर-एडयार औद्योगिक क्षेत्र में स्थित करीब 250 फैक्ट्रियों का कचरा मध्य केरल की जीवनरेखा कही जाने वाली पेरियार नदी में गिरता है और इस वजह से इसमें प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा है. इस प्रदूषण के ख़िलाफ़ एक मुहिम चलाने वाले संगठन के मुखिया 'पुरुषन एलोर' कहते हैं, 'इस इलाके में काफ़ी परिवार ऐसे हैं जिन्हें पीने का पानी भी नहीं मिलता'।[1]
पेरियार वाइल्ड लाइफ सेंचुरी
पेरियार वाइल्ड लाइफ सेंचुरी प्रसिद्ध है । यह सेंचुरी सन 1040 से पेरियार नदी के परिक्षेत्र में स्थित है । यहाँ नदी के गहरे जल में हाथी तैरने का अभ्यास भी करते हैं ।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ सुजलाम- इधर- उधर से (हिन्दी) watercampaign.blogspot.com। अभिगमन तिथि: 12 जनवरी, 2011।