रघुजी भोंसले तृतीय: Difference between revisions

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'''रघुजी भोंसले तृतीय''' (1818-53 ई.) एक दुर्बल शासक था, जिसे [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] ने [[नागपुर]] के सिंहासन पर अपनी स्वार्थसिद्धी के लिए आसीन किया था। उसकी कमज़ोरी का लाभ उठाकर अंग्रेज़ों ने भोंसला राज्य के [[नर्मदा नदी]] के उत्तर में स्थित समस्त भू-भाग पर अपना अधिकार कर लिया। 1853 ई. में उसकी निस्सन्तान मृत्यु हुई और गोद प्रथा के अन्त की नीति के अनुसार [[लॉर्ड डलहौज़ी]] ने उसके शेष राज्य को भी ब्रिटिश भारतीय साम्राज्य में मिला लिया।


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रघुजी भोंसले तृतीय (1818-53 ई.) एक दुर्बल शासक था, जिसे अंग्रेज़ों ने नागपुर के सिंहासन पर अपनी स्वार्थसिद्धी के लिए आसीन किया था। उसकी कमज़ोरी का लाभ उठाकर अंग्रेज़ों ने भोंसला राज्य के नर्मदा नदी के उत्तर में स्थित समस्त भू-भाग पर अपना अधिकार कर लिया। 1853 ई. में उसकी निस्सन्तान मृत्यु हुई और गोद प्रथा के अन्त की नीति के अनुसार लॉर्ड डलहौज़ी ने उसके शेष राज्य को भी ब्रिटिश भारतीय साम्राज्य में मिला लिया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

(पुस्तक 'भारतीय इतिहास कोश') पृष्ठ संख्या-395