आम्भि: Difference between revisions

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Revision as of 12:32, 6 May 2011

  • आम्भि ई. पू. 327-26 में भारत पर सिकन्दर महान के आक्रमण के समय तक्षशिला का राजा था।
  • उसका राज्य सिंधु नदी और झेलम नदी के बीच विस्तृत था।
  • वह पुरु अथवा पोरस का प्रतिद्वन्द्वी राजा था, जिसका राज्य झेलम के पूर्व में था।
  • कुछ तो पोरस से ईर्ष्या के कारण और कुछ अपनी क़ायरता के कारण उसने स्वेच्छा से सिकन्दर की अधीनता स्वीकार कर ली और पोरस के विरुद्ध युद्ध में सिकन्दर का साथ दिया।
  • सिकन्दर ने उसको पुरस्कार स्वरूप पहले तो तक्षशिला के राजा के रूप में मान्यता प्रदान कर दी और बाद में सिंधु के चिनाब संगम क्षेत्र तक का शासन उसे सौंप दिया।
  • सम्भवत: चन्द्रगुप्त मौर्य ने उससे सारा प्रदेश छीन लिया और पूरे पंजाब से यवनों (यूनानियों) को निकाल बाहर किया।
  • जब सिकन्दर के सेनापति एवं उसके पूर्वी साम्राज्य के उत्तराधिकारी सेल्युकस ने भारत पर आक्रमण किया तो उस समय भी पंजाब चन्द्रगुप्त मौर्य के अधिकार में था।
  • आम्भि का अन्त कैसे हुआ, इसकी जानकारी नहीं है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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