User:लक्ष्मी गोस्वामी/अभ्यास4: Difference between revisions
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<quiz display=simple> | <quiz display=simple> | ||
{छायावाद के प्रवर्तक का नाम है? | {छायावाद के प्रवर्तक का नाम है? | ||
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{बुँदेले हरबोलो के मुँह हमने सुनी कहानी थी। | {बुँदेले हरबोलो के मुँह हमने सुनी कहानी थी। | ||
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥ | खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥ | ||
प्रस्तुत पक्तियों के रचयिता हैं? | |||
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-सत्यनारायण पाण्डेय | -सत्यनारायण पाण्डेय | ||
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-[[कबीरदास]] | -[[कबीरदास]] | ||
-[[केशवदास]] | -[[केशवदास]] | ||
||[[चित्र:Tulsidas.jpg|तुलसीदास|100px|right]] तुलसीदास द्वारा रचित [[ग्रंथ|ग्रंथों]] की संख्या 39 बताई जाती है। इनमें [[रामचरित मानस]], कवितावली, विनयपत्रिका, [[दोहावली]], [[गीतावली]], [[जानकी मंगल]], [[हनुमान चालीसा]], बरवैरामायण आदि विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[तुलसीदास]] | ||[[चित्र:Tulsidas.jpg|तुलसीदास|100px|right]] तुलसीदास द्वारा रचित [[ग्रंथ|ग्रंथों]] की संख्या 39 बताई जाती है। इनमें [[रामचरित मानस]], कवितावली, [[विनयपत्रिका]], [[दोहावली]], [[गीतावली]], [[जानकी मंगल]], [[हनुमान चालीसा]], बरवैरामायण आदि विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[तुलसीदास]] | ||
{'दोहाकोश' के रचयिता हैं? | {'दोहाकोश' के रचयिता हैं? | ||
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+मुल्ला दाऊद | +मुल्ला दाऊद | ||
-[[कुतबन]] | -[[कुतबन]] | ||
{निम्नलिखित में से कौन-सा कौन शब्द तत्सम है? | {निम्नलिखित में से कौन-सा कौन शब्द तत्सम है? | ||
Line 125: | Line 111: | ||
-चौदह | -चौदह | ||
+सोलह | +सोलह | ||
{'अशोक के फूल' (निबंध-संग्रह) के रचनाकार हैं? | |||
|type="()"} | |||
-कुबेरनाथ राय | |||
-गुलाब राय | |||
-[[रामचन्द्र शुक्ल]] | |||
+[[हजारी प्रसाद द्विवेदी]] | |||
||[[चित्र:Hazari Prasad Dwivedi.JPG|द्विवेदी|100px|right]] द्विवेदी जी के व्यक्तित्व में विद्वत्ता और सरसता का, पाण्डित्य और विदग्धता का, गम्भीरता और विनोदमयता का, प्राचीनता और नवीनता का जो अदभुत संयोग मिलता है, वह अन्यत्र दुर्लभ है। इन विरोधाभासी तत्वों से निर्मित उनका व्यक्तित्व ही उनके निर्बन्ध निबन्धों में प्रतिफलित हुआ है। अपने निबन्धों में वे बहुत ही सहज ढंग से, अनौपचारिक रूप में, 'नाख़ून क्यों बढ़ते हैं', 'आम फिर बौरा गए', 'अशोक के फूल', 'एक कुत्ता और एक मैना', 'कुटज' आदि की चर्चा करते हैं, जिससे पाठकों का आनुकूल्य प्राप्त करने में उन्हें कोई कठिनाई नहीं होती।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हजारी प्रसाद द्विवेदी]] | |||
{[[हिन्दी साहित्य]] के आधुनिक काल को इस नाम से भी अभिहित किया जाता है? | {[[हिन्दी साहित्य]] के आधुनिक काल को इस नाम से भी अभिहित किया जाता है? |
Revision as of 06:21, 16 November 2011
हिन्दी
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