प्रयोग:फ़ौज़िया1: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
No edit summary
No edit summary
Line 1: Line 1:
{{tocright}}
{{tocright}}
==शाकम्भरी==
==शाकम्भरी==
'''शाकम्भरी''' [[दुर्गा]] के अवतारों में एक हैं। दुर्गा सभी अवतारों में से रक्तदंतिका,भीमा, भ्रामरी, शताक्षी तथा शाकंभरी प्रसिद्ध हैं।  
'''शाकम्भरी''' [[दुर्गा]] के अवतारों में एक हैं। दुर्गा के सभी अवतारों में से रक्तदंतिका,भीमा, भ्रामरी, शताक्षी तथा शाकंभरी प्रसिद्ध हैं।  
====कथा====
====कथा====
एक बार [[पृथ्वी]] पर लगातार सौ [[वर्ष]] तक [[वर्षा]] न हुई। तब अन्न-[[जल]] के अभाव में समस्त प्रजा मरने लगी। इस कारण चारों ओर हाहाकार मच गया। समस्त जीव भूख से व्याकुल होकर मरने लगे। उस समय समस्त मुनियों ने मिलकर देवी [[दुर्गा|भगवती]] की उपासना की। जिससे दुर्गा जी ने शाकम्भरी नाम से स्त्री रूप में अवतार लिया और उनकी कृपा से वर्षा हुई। इस अवतार में महामाया ने जलवृष्टि से पृथ्वी को हरी [[शाक-सब्ज़ी]] और [[फल|फलों]] से परिपूर्ण कर दिया। जिससे पृथ्वी के समस्त जीवों को जीवनदान प्राप्त हुआ।  
एक बार [[पृथ्वी]] पर लगातार सौ [[वर्ष]] तक [[वर्षा]] न हुई। तब अन्न-[[जल]] के अभाव में समस्त प्रजा मरने लगी। इस कारण चारों ओर हाहाकार मच गया। समस्त जीव भूख से व्याकुल होकर मरने लगे। उस समय समस्त मुनियों ने मिलकर देवी [[दुर्गा|भगवती]] की उपासना की। जिससे दुर्गा जी ने शाकम्भरी नाम से स्त्री रूप में अवतार लिया और उनकी कृपा से वर्षा हुई। इस अवतार में महामाया ने जलवृष्टि से पृथ्वी को हरी [[शाक-सब्ज़ी]] और [[फल|फलों]] से परिपूर्ण कर दिया। जिससे पृथ्वी के समस्त जीवों को जीवनदान प्राप्त हुआ।  
Line 13: Line 13:
*छत्तीसगढ़ राज्य का [[राजिम]] क्षेत्र राजिम माता के त्याग की गाथा से सराबोर है, भगवान कुलेश्वर महादेव का आशीर्वाद इस क्षेत्र को मिलता है।
*छत्तीसगढ़ राज्य का [[राजिम]] क्षेत्र राजिम माता के त्याग की गाथा से सराबोर है, भगवान कुलेश्वर महादेव का आशीर्वाद इस क्षेत्र को मिलता है।
==थल सेना दिवस==
==थल सेना दिवस==
'''थल सेना दिवस''' [[15 जनवरी]] को [[भारतीय थल सेना]] के लिए पुरे भारत में मनाया जाता है।
'''थल सेना दिवस''' [[15 जनवरी]] को [[भारतीय थल सेना]] के लिए पूरे भारत में मनाया जाता है।
*15 जनवरी [[1949]] को पहली बार के. एम. करियप्पा को देश का पहला लेफ्टीनेंट जर्नल घोषित किया गया। इसके पहले ब्रिटिश मूल के फ्रांसिस बूचर इस पद पर थे।  
*15 जनवरी [[1949]] को पहली बार के. एम. करियप्पा को देश का पहला लेफ्टीनेंट जर्नल घोषित किया गया। इसके पहले ब्रिटिश मूल के फ्रांसिस बूचर इस पद पर थे।  
*15 जनवरी 1949 के बाद से भारत की सेना ब्रिटिश सेना से पूरी तरह मुक्त हुई थी और इसी लिए 15 जनवरी को थल सेना दिवस घोषित किया गया।
*15 जनवरी 1949 के बाद से भारत की सेना ब्रिटिश सेना से पूरी तरह मुक्त हुई थी और इसी लिए 15 जनवरी को थल सेना दिवस घोषित किया गया।

Revision as of 10:24, 14 March 2012

शाकम्भरी

शाकम्भरी दुर्गा के अवतारों में एक हैं। दुर्गा के सभी अवतारों में से रक्तदंतिका,भीमा, भ्रामरी, शताक्षी तथा शाकंभरी प्रसिद्ध हैं।

कथा

एक बार पृथ्वी पर लगातार सौ वर्ष तक वर्षा न हुई। तब अन्न-जल के अभाव में समस्त प्रजा मरने लगी। इस कारण चारों ओर हाहाकार मच गया। समस्त जीव भूख से व्याकुल होकर मरने लगे। उस समय समस्त मुनियों ने मिलकर देवी भगवती की उपासना की। जिससे दुर्गा जी ने शाकम्भरी नाम से स्त्री रूप में अवतार लिया और उनकी कृपा से वर्षा हुई। इस अवतार में महामाया ने जलवृष्टि से पृथ्वी को हरी शाक-सब्ज़ी और फलों से परिपूर्ण कर दिया। जिससे पृथ्वी के समस्त जीवों को जीवनदान प्राप्त हुआ।

शाकम्भरी जयंती

शाकम्भरी जयंती 3 जनवरी को देवी शाकम्भरी की याद में मनायी जाती है।

  • देवी शाकम्भरी दुर्गा के अवतारों में एक हैं।
  • ऐसी मान्यता है कि माँ शाकम्भरी मानव के कल्याण के लिये इसी दिन धरती पर आयी थी।

राजिम भक्तिन माता जयंती

राजिम भक्तिन माता जयंती 7 जनवरी को राजिम भक्तिन माता की याद में मनायी जाती है।

  • राजिम भक्तिन माता जयंती विशेष रूप से छत्तीसगढ़ राज्य में मनायी जाती है।
  • छत्तीसगढ़ राज्य का राजिम क्षेत्र राजिम माता के त्याग की गाथा से सराबोर है, भगवान कुलेश्वर महादेव का आशीर्वाद इस क्षेत्र को मिलता है।

थल सेना दिवस

थल सेना दिवस 15 जनवरी को भारतीय थल सेना के लिए पूरे भारत में मनाया जाता है।

  • 15 जनवरी 1949 को पहली बार के. एम. करियप्पा को देश का पहला लेफ्टीनेंट जर्नल घोषित किया गया। इसके पहले ब्रिटिश मूल के फ्रांसिस बूचर इस पद पर थे।
  • 15 जनवरी 1949 के बाद से भारत की सेना ब्रिटिश सेना से पूरी तरह मुक्त हुई थी और इसी लिए 15 जनवरी को थल सेना दिवस घोषित किया गया।

भारतीय थल सेना

  1. REDIRECTसाँचा:मुख्य

भारतीय थल सेना के प्रशासनिक एवं सामरिक कार्य संचालन का नियंत्रण थल सेनाध्यक्ष करता है। सेना को अधिकतर थल सेना ही समझा जाता है, यह ठीक भी है क्योंकि रक्षा-पक्ति में थल सेना का ही प्रथम तथा प्रधान स्थान है। इस समय लगभग 13 लाख सैनिक-असैनिक थल सेना में भिन्न-भिन्न पदों पर कार्यरत हैं, जबकि 1948 में सेना में लगभग 2,00,000 सैनिक थे। थल सेना का मुख्यालय नई दिल्ली में है।

मणिपुर स्थापना दिवस

मणिपुर स्थापना दिवस 21 जनवरी को बनाया जाता है।

  • 21 जनवरी, 1972 को मणिपुर को पूर्ण राज्‍य की श्रेणी मिली और 60 निर्वाचित सदस्‍यों की विधानसभा का गठन किया गया।

मणिपुर

  1. REDIRECTसाँचा:मुख्य

मणिपुर भारत का एक पूर्वी राज्य है। मणिपुर राज्य की राजधानी इंफाल है। मणिपुर राज्य के उत्तर और दक्षिण में मिज़ोरम, पश्चिम में असम, और पूर्व में अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से म्यांमार लगा हुआ है। मणिपुर का क्षेत्रफल 22,347 वर्ग कि.मी है। मेइती जनजाति, जो घाटी क्षेत्र में ही रहते हैं, वे ही यहाँ के मूल निवासी हैं। इनकी भाषा मेइतिलोन है। इसी भाषा को मणिपुरी भाषा कहते हैं। यह भाषा 1992 में भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में सम्मिलित की गई। यहाँ के पर्वतीय भाग में नागा व कुकी जनजाति के लोग निवास करते हैं। मणिपुरी बहुत ही संवेदनशील सीमावर्ती राज्य है।

मेघालय स्थापना दिवस

मेघालय स्थापना दिवस 21 जनवरी को बनाया जाता है।

  • पूर्ण राज्‍य मेघालय 21 जनवरी, 1972 को बना।
  • मेघालय पहले असम राज्य का अंग था जिसको विभाजित करके 21 जनवरी 1972 को एक नया प्रान्त बनाया गया।

मेघालय

  1. REDIRECTसाँचा:मुख्य

मेघालय भारत के उत्तर पूर्व में एक राज्य है। मेघालय का निर्माण असम के अंतर्गत 2 अप्रैल, 1970 को एक स्‍वतंत्र राज्‍य के रूप में किया गया। इसे पूर्व का स्कॉटलैण्ड भी कहा जाता है।

पूर्ण राज्‍य मेघालय 21 जनवरी, 1972 को बना। इसकी उत्तरी और पूर्वी सीमाएं असम से और दक्षिणी तथा पश्चिमी सीमाएं बांग्लादेश से मिलती हैं। मेघालय का शाब्दिक अर्थ है मेघों का आलय अर्थात बादलों का घर। मेघालय मूलत: एक पहाड़ी राज्‍य है। यहाँ खासी, जैंतिया और गारों आदिवासी समुदाय के लोग मुख्यत: रहते हैं। मेघालय के मध्‍य और पूर्वी भाग में खासी और जैंतिया पहाड़ियाँ और एक विशाल पठारी क्षेत्र है। यहाँ विस्‍तृत मैदान, पहाडियां और नदी, घाटियां हैं। पहाड की तलहटी पर समतल भूमि की संकरी पट्टी बांग्लादेश की अंतरराष्‍ट्रीय सीमा के साथ लगी है।

त्रिपुरा स्थापना दिवस

त्रिपुरा स्थापना दिवस 21 जनवरी को बनाया जाता है।

  • 1972 में त्रिपुरा ने पूर्ण राज्‍य का दर्जा प्राप्‍त किया।

त्रिपुरा

  1. REDIRECTसाँचा:मुख्य

त्रिपुरा भारत का एक राज्य है। त्रिपुरा दक्षिण ऐशिया के पूर्वोत्तर भाग में स्थित है। त्रिपुरा उत्तर, पश्चिम व दक्षिण में बांग्लादेश, पूर्व में मिज़ोरम और पूर्वोत्तर में असम राज्य से घिरा है। त्रिपुरा का क्षेत्रफल सिर्फ़ 10,486 वर्ग किमी है और यह गोवा तथा सिक्किम के बाद भारत का तीसरा सबसे छोटा राज्य है। देश के बाक़ी हिस्से से अलग-थलग रहने, पहाड़ी भूभाग व जनजातीय आबादी के आरण त्रिपुरा में भी भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्रों की समस्याएँ मौजूद हैं। त्रिपुरा की राजधानी अगरतला है।

नर्मदा जयंती

नर्मदा जयंती माँ नर्मदा के जन्मदिवस यानी माघ शुक्ल सप्तमी को मनायी जाती है।

  • नर्मदा जयंती मध्य प्रदेश राज्य के नर्मदा नदी के तट पर मनायी जाती है।
  • माघ मास के शुक्लपक्ष की सप्तमी तिथि को शास्त्रों में नर्मदा जयंती कहा गया है।
  • नर्मदा जी अमरकंटक से प्रवाहित होकर रत्नासागर में समाहित हुई है और अनेक जीवों का उद्धार भी किया है।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती

नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिवस के दिन 23 जनवरी को बनायी जाती है।

  • भारत की स्वतंत्रता के लिए सुभाष चंद्र बोस ने क़रीब-क़रीब पूरे यूरोप में अलख जगाया। बोस प्रकृति से साधु, ईश्वर भक्त तथा तन एवं मन से देशभक्त थे।

सुभाष चंद्र बोस

  1. REDIRECTसाँचा:मुख्य

सुभाष चंद्र बोस (जन्म-23 जनवरी, 1897, कटक, उड़ीसा; मृत्यु-18 अगस्त, 1945, भारत) के अतिरिक्त हमारे देश के इतिहास में ऐसा कोई व्यक्तित्व नहीं हुआ जो एक साथ महान सेनापति, वीर सैनिक, राजनीति का अद्भुत खिलाड़ी और अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पुरुषों, नेताओं के समकक्ष साधिकार बैठकर कूटनीतिज्ञ तथा चर्चा करने वाला हो।

नया साल दिवस

नया साल दिवस 1 जनवरी को मनाया जाता है। ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार 1 जनवरी वर्ष का पहला दिन है।

  • नव वर्ष उत्सव 4000 वर्ष पहले से बेबीलोन में मनाया जाता था।
  • बेबीलोन में 4000 वर्ष पहले नया साल 21 मार्च को मनाया जाता था जो कि वसंत के आगमन की तिथि भी मानी जाती थी।
  • सब देशों में नया साल 1 जनवरी और भारत के भिन्न-भिन्न हिस्सों में नववर्ष अलग-अलग तिथियों के अनुसार मनाया जाता है।