मायावती अद्वैत आश्रम: Difference between revisions

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'''मायावती अद्वैत आश्रम''' [[उत्तराखंड]] में प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। [[लोहाघाट]] से 9 किमी की दूरी पर सघन बांज एवं बुरांस वृक्षों के बीच स्थापित मायावती आश्रम [[स्वामी विवेकानन्द]] का आश्रय स्थल रहा है। यहाँ पर स्वामी विवेकानन्द 1901 में आये थे एवं लगभग एक सप्ताह तक इस स्थल पर उन्होंने निवास किया था। यहां पर वर्तमान में एक धर्मार्थ चिकित्सालय भी आश्रम द्वारा संचालित किया जाता है।   
'''मायावती अद्वैत आश्रम''' [[उत्तराखंड]] में प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। [[लोहाघाट]] से 9 कि.मी. की दूरी पर सघन बांज एवं बुरांस वृक्षों के बीच स्थापित मायावती आश्रम [[स्वामी विवेकानन्द]] का आश्रय स्थल रहा है। यहाँ पर स्वामी विवेकानन्द [[1901]] में आये थे एवं लगभग एक [[सप्ताह]] तक इस स्थल पर उन्होंने निवास किया था। यहां पर वर्तमान में एक धर्मार्थ चिकित्सालय भी आश्रम द्वारा संचालित किया जाता है।   


पहाड़ों और मैदानों के बीच से होकर बहती नदियाँ अद्भुत छटा बिखेरती हैं। यह स्थल ऐतिहासिक होने के साथ साथ अत्यंत मनोहारी एवं नैसर्गिक छटा से परिपूर्ण है। मन भावन दृष्य पर्यटकों कों अपनी ओर आकर्षित कर लेते हैं। स्वामी विवेकानन्द ने विश्व भ्रमण के साथ [[उत्तराखण्ड]] के अनेक क्षेत्रों में भी भ्रमण किया जिनमें [[अल्मोड़ा]] तथा [[चम्पावत]] में उनकी विश्राम स्थली को धरोहर के रूप में सुरक्षित किया गया है।
पहाड़ों और मैदानों के बीच से होकर बहती नदियाँ अद्भुत छटा बिखेरती हैं। यह स्थल ऐतिहासिक होने के साथ साथ अत्यंत मनोहारी एवं नैसर्गिक छटा से परिपूर्ण है। मन भावन दृश्य पर्यटकों कों अपनी ओर आकर्षित कर लेते हैं। स्वामी विवेकानन्द ने विश्व भ्रमण के साथ [[उत्तराखण्ड]] के अनेक क्षेत्रों में भी भ्रमण किया जिनमें [[अल्मोड़ा]] तथा [[चम्पावत]] में उनकी विश्राम स्थली को धरोहर के रूप में सुरक्षित किया गया है।


==चित्र वीथिका==
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Revision as of 12:43, 25 September 2012

thumb|right|स्वामी विवेकानन्द की स्मृति में स्थापित धर्मार्थ चिकित्सालय मायावती अद्वैत आश्रम उत्तराखंड में प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। लोहाघाट से 9 कि.मी. की दूरी पर सघन बांज एवं बुरांस वृक्षों के बीच स्थापित मायावती आश्रम स्वामी विवेकानन्द का आश्रय स्थल रहा है। यहाँ पर स्वामी विवेकानन्द 1901 में आये थे एवं लगभग एक सप्ताह तक इस स्थल पर उन्होंने निवास किया था। यहां पर वर्तमान में एक धर्मार्थ चिकित्सालय भी आश्रम द्वारा संचालित किया जाता है।

पहाड़ों और मैदानों के बीच से होकर बहती नदियाँ अद्भुत छटा बिखेरती हैं। यह स्थल ऐतिहासिक होने के साथ साथ अत्यंत मनोहारी एवं नैसर्गिक छटा से परिपूर्ण है। मन भावन दृश्य पर्यटकों कों अपनी ओर आकर्षित कर लेते हैं। स्वामी विवेकानन्द ने विश्व भ्रमण के साथ उत्तराखण्ड के अनेक क्षेत्रों में भी भ्रमण किया जिनमें अल्मोड़ा तथा चम्पावत में उनकी विश्राम स्थली को धरोहर के रूप में सुरक्षित किया गया है।

चित्र वीथिका


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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