सज्जनगढ़ वन्यजीव अभयारण्य: Difference between revisions

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'''सज्जनगढ़ वन्यजीव अभयारण्य''' [[उदयपुर]] शहर, [[राजस्थान]] के पश्चिम में पाँच किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह वन्यजीव अभ्यारण्य प्रसिद्ध [[सज्‍जनगढ़ महल उदयपुर|सज्जनगढ़ महल]] को घेरे हुये है। इस महल से उदयपुर के तालाबों और [[अरावली पर्वत श्रृंखला|अरावली की पहाड़ियों]] का खूबसूरत नज़ारा देखने को मिलता है। बंसदरा पहाड़ सुर्योदय और सुर्यास्त देखने के लिये यहाँ आने वाले प्रत्येक पर्यटक को आकर्षित करता है।
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==जीव जंतु==
==जीव जंतु==

Revision as of 08:11, 28 December 2012

सज्जनगढ़ वन्यजीव अभयारण्य उदयपुर शहर, राजस्थान के पश्चिम में पाँच किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह वन्यजीव अभ्यारण्य प्रसिद्ध सज्जनगढ़ महल को घेरे हुये है। इस महल से उदयपुर के तालाबों और अरावली की पहाड़ियों का खूबसूरत नज़ारा देखने को मिलता है। बंसदरा पहाड़ सुर्योदय और सुर्यास्त देखने के लिये यहाँ आने वाले प्रत्येक पर्यटक को आकर्षित करता है।

जीव जंतु

इस सफारी उद्यान में वन्य पशु, जैसे- चीतल, सांभर, जंगली सूअर और नील गाय देखने को मिलते हैं। विभिन्न सरीसृप और पक्षियों के अलावा चीता, बिज्जू, खरगोश और सियार आदि भी देखने को मिलते हैं। अभ्यारण्य की दीवार को आगे ले जाते हुये संपूर्ण पहाड़ को कंटीले तारों से सुरक्षित कर दिया गया है, जिससे अभ्यारण्य क्षेत्र में वनस्पतियों में वृद्घि हुई है।

जियान सागर

सज्जनग़ढ़ की उत्तरपूर्वी दिशा में कुछ ही दूरी पर पहाड़ में 'जियान सागर' नामक एक कृत्रिम तालाब है, जिसे 'धबरी तालबध' या 'टाइगर लेक' के नाम से जाना जाता है। मेवाड़ के पूर्वराजा महाराणा राजसिंह ने 1664 ई. में इस तालाब को बनवाया था और महाराणा की माँ जनदेवी के नाम पर से इस तालाब का नाम रखा गया था। यह तालाब 125 वर्ग मील के क्षेत्र में फैला हुआ है और 400 मिलियन क्यूबिक फुट की जल भण्डारण क्षमता रखता है।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. राजस्थान पर्यटन (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 28 दिसम्बर, 2012।

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