अल्मोड़ा पर्यटन: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
('{{सूचना बक्सा अल्मोड़ा}} {{लेख सूची |लेख का नाम=अल्मोड़...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
No edit summary |
||
Line 14: | Line 14: | ||
[[चित्र:Champawat1.jpg|thumb||left|250px|कत्यूरी वंश के राजाओं द्वारा स्थापित तेरहवीं शताब्दी का बालेश्वर मंदिर]] | [[चित्र:Champawat1.jpg|thumb||left|250px|कत्यूरी वंश के राजाओं द्वारा स्थापित तेरहवीं शताब्दी का बालेश्वर मंदिर]] | ||
===रानीखेत=== | ===रानीखेत=== | ||
{{main|रानीखेत | {{main|रानीखेत}} | ||
देवदार और बलूत के वृक्षों से घिरा रानीखेत बहुत ही रमणीक एक लघु हिल स्टेशन है। | देवदार और बलूत के वृक्षों से घिरा रानीखेत बहुत ही रमणीक एक लघु हिल स्टेशन है। | ||
===दूनागिरि=== | ===दूनागिरि=== |
Revision as of 03:29, 19 February 2013
अल्मोड़ा पर्यटन
| |
विवरण | प्रकृति की गोद में बसा उत्तराखण्ड का यह छोटा-सा नगर स्वयं में बड़ा इतिहास समेटे है। |
राज्य | उत्तराखण्ड |
ज़िला | अल्मोड़ा |
मार्ग स्थिति | यह शहर सड़कमार्ग द्वारा टनकपुर लगभग 75 किमी दूरी पर स्थित है। |
प्रसिद्धि | बग्वाल, चम्पावत, रानीखेत, दूनागिरि, गणनाथ, द्वाराहाट |
कैसे पहुँचें | किसी भी शहर से बस और टैक्सी द्वारा पहुँचा जा सकता है। |
हवाई अड्डा | पन्तनगर, नैनी सैनी हवाई अड्डा, पिथौरागढ़ |
रेलवे स्टेशन | टनकपुर रेलवे स्टेशन |
क्या देखें | उत्तराखण्ड पर्यटन |
क्या ख़रीदें | स्थानीय दाल |
एस.टी.डी. कोड | 0176 |
सावधानी | बरसात में भूस्खलन |
चित्र:Map-icon.gif | गूगल मानचित्र, हवाई अड्डा |
अन्य जानकारी | अल्मोड़ा में आप बग्वाल का भी आनन्द ले सकते हैं। |
अल्मोड़ा | अल्मोड़ा पर्यटन | अल्मोड़ा ज़िला |
अल्मोड़ा का चम्पावत संभाग कई वर्षों तक कुमाऊँ के शासकों की राजधानी रहा है। चम्पावत नगर में कत्यूरी वंश के राजाओं द्वारा स्थापित तेरहवीं शताब्दी का बालेश्वर मंदिर तथा कत्यूरी वंशज राजा कटारमल द्वारा स्थापित सूर्य मंदिर की तत्कालीन शिल्प कला का एक उत्कृष्ट नमूना है।[1]
पर्यटन
प्रमुख स्थल
चम्पावत
- REDIRECTसाँचा:मुख्य
पर्यटकों के लिये यहाँ कटारमल सूर्य मंदिर और चाय बागान भी हैं। उत्तराखण्ड के इस ऐतिहासिक शहर का धार्मिक, और सांस्कृतिक दृष्टि से अग्रणी स्थान है। इस शहर का उल्लेख भारत के धार्मिक ग्रन्थों में भी मिलता है।[1] thumb||left|250px|कत्यूरी वंश के राजाओं द्वारा स्थापित तेरहवीं शताब्दी का बालेश्वर मंदिर
रानीखेत
- REDIRECTसाँचा:मुख्य
देवदार और बलूत के वृक्षों से घिरा रानीखेत बहुत ही रमणीक एक लघु हिल स्टेशन है।
दूनागिरि
- REDIRECTसाँचा:मुख्य
जनश्रुति में कहा जाता है कि लंका में लक्ष्मण के शक्ति लगने पर हनुमान इसी पहाड़ (द्रोणगिरि) पर से संजीवनी ले गये थे।
गणनाथ
- REDIRECTसाँचा:मुख्य
यहाँ भगवान शिव का एक प्राचीन मंदिर है, जिसकी मूर्ति बहुत सुघड़ तथा दिव्य मानी जाती है।
द्वाराहाट
- REDIRECTसाँचा:मुख्य
8वीं से 13वीं शती तक के अनेक मंदिरों के अवशेष यहाँ से मिले हैं। द्वाराहाट में तीन वर्ग के मन्दिर हैं- कचहरी, मनिया तथा रत्नदेव। इसके अतिरिक्त बहुत-से मन्दिर प्रतिमाविहीन हैं।
गूजरदेव का मन्दिर
'गूजरदेव का मन्दिर' द्वाराहाट का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण मन्दिर है। कला की दृष्टि से यह मन्दिर उत्कृष्ट कहा जा सकता है।
कटारमल सूर्य मंदिर
- REDIRECTसाँचा:मुख्य
कटारमल सूर्य मंदिर न सिर्फ समूचे कुमांऊ प्रदेश का सबसे विशाल ऊंचा और अनूठा मंदिर है बल्कि उडीसा के कोर्णाक सूर्य मंदिर के बाद उकमात्र प्राचीन सूर्च मंदिर भी है। रानीखेत अल्मोडा मार्ग पर अल्मोडा से 12 किलोमीटर पहले मुख्य सडक से करीब ढाई किमी उपर जाकर कटारमल गांव आता है जिसे बड आदित्य सूर्य मंदिर भी कहा जाता है।
वीथिका
-
चम्पावत में चाय का बृक्षारोपण
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख