मई: Difference between revisions
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Revision as of 08:02, 15 July 2013
मई
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विवरण | ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का पाँचवाँ महीना है। |
हिंदी माह | वैशाख - ज्येष्ठ |
हिजरी माह | रजब - शाबान |
कुल दिन | 31 |
व्रत एवं त्योहार | बुद्ध पूर्णिमा, मोहिनी एकादशी, अक्षय तृतीया |
जयंती एवं मेले | परशुराम जयन्ती, नृसिंह जयंती |
महत्त्वपूर्ण दिवस | मई दिवस (1), गुजरात स्थापना दिवस (1), महाराष्ट्र स्थापना दिवस (1), विश्व रेडक्रॉस दिवस (8), सिक्किम स्थापना दिवस (16), हिंदी पत्रकारिता दिवस (30), विश्व धूम्रपान निषेध दिवस (31) |
पिछला | अप्रॅल |
अगला | जून |
अन्य जानकारी | मई वर्ष के उन सात महीनों में से एक है जिनके दिनों की संख्या 31 होती है। |
अद्यतन | 16:52, 2 जून 2013 (IST)
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मई (अंग्रेज़ी: May) ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का पाँचवाँ महीना है। यह वर्ष के उन सात महीनों में से एक है जिनके दिनों की संख्या 31 होती है। ग्रेगोरी कैलंडर, दुनिया में लगभग हर जगह उपयोग किया जाने वाला कालदर्शक (कैलंडर) या तिथिपत्रक है। यह जूलियन कालदर्शक का रूपातंरण है। ग्रेगोरी कालदर्शक की मूल इकाई दिन होता है। 365 दिनों का एक वर्ष होता है, किन्तु हर चौथा वर्ष 366 दिन का होता है जिसे अधिवर्ष (लीप का साल) कहते हैं। सूर्य पर आधारित पंचांग हर 146,097 दिनों बाद दोहराया जाता है। इसे 400 वर्षों मे बाँटा गया है, और यह 20871 सप्ताह (7 दिनों) के बराबर होता है। इन 400 वर्षों में 303 वर्ष आम वर्ष होते हैं, जिनमें 365 दिन होते हैं। और 97 लीप वर्ष होते हैं, जिनमें 366 दिन होते हैं। इस प्रकार हर वर्ष में 365 दिन, 5 घंटे, 49 मिनट और 12 सेकंड होते है। इसे पोप ग्रेगोरी ने लागू किया था।
मई माह के पर्व एवं त्योहार
पूरन उत्सव
मई में केरल के त्रिचुर नगर में पूरन नाम का उत्सव मनाया जाता है। नगर के वणक्कम नाथ मंदिर में पूरन उत्सव की मनोहर छटा देखते ही बनती है। सुसज्जित हाथियों से शोभायमान जलूस अति सुन्दर प्रतीत होते है। इस उत्सव का अंत रात को रंगबिरंगी आतिशबाजी के साथ होता है।
अजमेर उर्स
उर्स अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइउद्दीन चिरती की दरगाह पर हर साल उर्स का आयोजन होता है। विश्व के हर कोने से तीर्थयात्री यहाँ संत के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करने आते हैं। इस अवसर पर लगने वाले विशाल मेले में धार्मिक वस्तुएँ, किताबें, कढ़े हुए कालीन, चाँदी के आभूषण की बहुतायत रहती है।
बुद्ध पूर्णिमा
- REDIRECTसाँचा:मुख्य
बुद्ध पूर्णिमा के दिन बौद्ध धर्म के प्रवर्तक गौतम बुद्ध को आत्मसाक्षात्कार की प्राप्ति हुयी थी। इस आत्मज्ञान दिवस को मनाने के लिए सम्पूर्ण उत्तर भारत के लोग बुद्ध पूर्णिमा का पर्व मनाते हैं। बौद्ध मंदिरों में सजावट की जाती है, विशेष प्रार्थनाएँ होती है और घरों में भक्ति और आनंद का वातावरण रहता है।
अन्तर्राष्ट्रीय पुष्प उत्सव
सिक्किम के गंगटोक का यह आकर्षक पुष्प उत्सव हर वर्ष मार्च से मई तक मनाया जाता हैं। इस समय इस पर्वत प्रदेश की सुषमा पूरे यौवन पर होती है और प्रकृति का सौन्दर्य देखते ही बनता है। आर्किड की 600 से अधिक प्रजातियाँ, वृक्षों की 240 प्रजातियाँ करीब इतनी ही फर्न की प्रजातियाँ, 150 किस्म के ग्लैडयोलाय, 46 किस्मों के रोडोडैन्ड्रन और मंगोलिया की किस्में यहाँ अपने पूरे सौन्दर्य पर होती हैं। इसके अतिरिक्त गुलाब एल्पाइन नागफनी बेलों जंगली फूलों गमले वाले फूलों और अनेक प्रकार के फूलों को इस समय यहाँ देखा जा सकता है, खरीदा जा सकता है और उनके विषय में जानकारी प्राप्त की जा सकती है। भोजन उत्सव, याक की सवारी और साहसिक नौका अभियान इस उत्सव के अन्य रोचक कार्यक्रम हैं जो विश्व भर के पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ मई माह के पर्व (हिंदी) अभिव्यक्ति। अभिगमन तिथि: 2 जून, 2013।
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