हिन्दी की उपभाषाएँ एवं बोलियाँ: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
m (→संबंधित लेख) |
|||
Line 64: | Line 64: | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
*[http://www.scribd.com/doc/105906549/Hindi-Divas-Ke-Avasa](प्रोफेसर महावीर सरन जैन - हिन्दी भाषा-क्षेत्र एवं हिन्दी की उपभाषाएँ तथा बोलियाँ) | |||
{{हिन्दी भाषा}} | {{हिन्दी भाषा}} | ||
[[Category:हिन्दी भाषा]][[Category:भाषा कोश]] | [[Category:हिन्दी भाषा]][[Category:भाषा कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
__NOTOC__ | __NOTOC__ |
Revision as of 07:35, 1 August 2013
- हिन्दी भाषी क्षेत्र/हिन्दी क्षेत्र/हिन्दी पट्टी— हिन्दी पश्चिम में अम्बाला (हरियाणा) से लेकर पूर्व में पूर्णिया (बिहार) तक तथा उत्तर में बद्रीनाथ–केदारनाथ (उत्तराखंड) से लेकर दक्षिण में खंडवा (मध्य प्रदेश) तक बोली जाती है। इसे हिन्दी भाषी क्षेत्र या हिन्दी क्षेत्र के नाम से जाना जाता है। इस क्षेत्र के अंतर्गत 9 राज्य—उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, हरियाणा व हिमाचल प्रदेश—तथा 1 केन्द्र शासित प्रदेश (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र)—दिल्ली—आते हैं। इस क्षेत्र में भारत की कुल जनसंख्या के 43% लोग रहते हैं।
उपभाषाएँ व बोलियाँ
उपभाषा | बोलियाँ | मुख्य क्षेत्र |
---|---|---|
राजस्थानी | मारवाड़ी(पश्चिमी राजस्थानी),
जयपुरी या ढुँढाड़ी(पूर्वी राजस्थानी), मेवाती(उत्तरी राजस्थानी), मालवी(दक्षिणी राजस्थानी), |
राजस्थान |
पश्चिमी हिन्दी | (आकार बहुला)कौरवी या खड़ी बोली,बाँगरू या हरियाणवी
(ओकार बहुला)ब्रजभाषा, कन्नौजी, बुंदेली |
हरियाणा, उत्तर प्रदेश |
पूर्वी हिन्दी | अवधी, बघेली, छत्तीसगढ़ी | मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश |
बिहारी | भोजपुरी, मगही | बिहार, उत्तर प्रदेश |
पहाड़ी | पहाड़ी, कुमाऊँनी, गढ़वाली | उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश |
- बोली— एक छोटे क्षेत्र में बोली जानेवाली भाषा बोली कहलाती है। बोली में साहित्य रचना नहीं होती है।
- उपभाषा— अगर किसी बोली में साहित्य रचना होने लगती है और क्षेत्र का विकास हो जाता है तो वह बोली न रहकर उपभाषा बन जाती है।
- भाषा— साहित्यकार जब उस भाषा को अपने साहित्य के द्वारा परिनिष्ठित सर्वमान्य रूप प्रदान कर देते हैं तथा उसका और क्षेत्र विस्तार हो जाता है तो वह भाषा कहलाने लगती है।
- एक भाषा के अंतर्गत कई उपभाषाएँ होती हैं तथा एक उपभाषा के अंतर्गत कई बोलियाँ होती हैं।
- सर्वप्रथम एक अंग्रेज़ प्रशासनिक अधिकारी जार्ज अब्राहम ग्रियर्सन ने 1927 ई. में अपनी पुस्तक 'भारतीय भाषा सर्वेक्षण (A Linguistic Survey of India)' में हिन्दी का उपभाषाओं व बोलियों में वर्गीकरण प्रस्तुत किया। चटर्जी ने पहाड़ी भाषाओं को छोड़ दिया है। वह इन्हें भाषाएँ नहीं मानते।
- धीरेन्द्र वर्मा का वर्गीकरण मुख्यतः सुनीति कुमार चटर्जी के वर्गीकरण पर ही आधारित है। केवल उसमें कुछ ही संशोधन किए गए हैं। जैसे—उसमें पहाड़ी भाषाओं को शामिल किया गया है।
- इनके अलावा कई विद्वानों ने अपना वर्गीकरण प्रस्तुत किया है। आज इस बात को लेकर आम सहमति है कि हिन्दी जिस भाषा–समूह का नाम है, उसमें 5 उपभाषाएँ वर 17 बोलियाँ हैं।
हिन्दी क्षेत्र की समस्त बोलियों को 5 वर्गों में बाँटा गया है। इन वर्गों को उपभाषा कहा जाता है। इन उपभाषाओं के अंतर्गत ही हिन्दी की 17 बोलियाँ आती हैं।[1]
बोली, विभाषा एवं भाषा
- विभिन्न बोलियाँ राजनीतिक–सांस्कृतिक आधार पर अपना क्षेत्र बढ़ा सकती हैं और साहित्य रचना के आधार पर वे अपना स्थान 'बोली' से उच्च करते हुए 'विभाषा' तक पहुँच सकती हैं।
- विभाषा का क्षेत्र बोली की अपेक्षा अधिक विस्तृत होती है। यह एक प्रान्त या उपप्रान्त में प्रचलित होती है। इसमें साहित्यिक रचनाएँ भी प्राप्त होती हैं। जैसे—हिन्दी की विभाषाएँ हैं—ब्रजभाषा, अवधी, खड़ी बोली, भोजपुरी व मैथिली।
- विभाषा स्तर पर प्रचलित होने पर ही राजनीतिक, साहित्यिक या सांस्कृतिक गौरव के कारण भाषा का स्थान प्राप्त कर लेती है। जैसे—खड़ी बोली मेरठ, बिजनौर आदि की विभाषा होते हुए भी राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत होने के कारण राष्ट्रभाषा के पद पर अधिष्ठित हुई है।
- इस प्रकार दो बातें स्पष्ट होती हैं—
- बोली का विकास विभाषा में और विभाषा का विकास भाषा में होता है। बोली—विभाषा—भाषा
- उदाहरण
- भाषा— खड़ी बोली हिन्दी
- विभाषा— हिन्दी क्षेत्र की प्रमुख बोलियाँ–ब्रजभाषा, अवधी, खड़ी बोली, भोजपुरी व मैथिली
- बोली — हिन्दी क्षेत्र की शेष बोलियाँ
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ एक भाषा विद्वान के अनुसार, शुद्ध भाषा–वैज्ञानिक दृष्टि से हिन्दी की दो मुख्य उपभाषाएँ हैं—पश्चिमी हिन्दी व पूर्वी हिन्दी।
संबंधित लेख
- [1](प्रोफेसर महावीर सरन जैन - हिन्दी भाषा-क्षेत्र एवं हिन्दी की उपभाषाएँ तथा बोलियाँ)