लोककथा संग्रहालय, मैसूर: Difference between revisions
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Revision as of 17:51, 7 October 2013
चित्र:Disamb2.jpg लोककथा संग्रहालय | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- लोककथा संग्रहालय |
लोककथा संग्रहालय, मैसूर
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विवरण | यह मैसूर विश्वविद्यालय के परिसर में स्थित है। |
राज्य | कर्नाटक |
नगर | मैसूर |
स्थापना | 1968 |
भौगोलिक स्थिति | 12° 18′ 49.15″ उत्तर, 76° 37′ 20.36″ पूर्व |
चित्र:Map-icon.gif | गूगल मानचित्र |
अन्य जानकारी | लोककथा संग्रहालय में 15 हजार से अधिक लोककथाओं तथा पुरातात्विक महत्व की चीजों का संकलन किया गया है। |
लोककथा संग्रहालय मैसूर नगर कर्नाटक राज्य में स्थित है। यह मैसूर विश्वविद्यालय के परिसर में स्थित है।
विशेषता
लोककथा संग्रहालय में 15 हजार से अधिक लोककथाओं तथा पुरातात्विक महत्व की चीजों का संकलन किया गया है। इसे दक्षिण-पूर्वी एशिया का सबसे बड़ा संग्रहालय माना जाता है। इसमें गुजरे हुए जमाने की पहचान करने का अवसर मिलता है। उल्लेखनीय है कि जिस जयलक्ष्मीविलास महल में यह संग्रहालय स्थित है, वह काफ़ी पुराना होने के कारण ध्वस्त होने की कगार पर पहुंच गया था। हाल ही में इस भवन की मरम्मत तथा नवनिर्माण भी किया गया है। इस कार्य में 2 करोड़ रुपए व्यय किए गए हैं।[1]
भारतकोश लोककथा संग्रहालय
भारतकोश में संकलित लोककथाओं के लिये लोककथा संग्रहालय, भारतकोश पर जायें
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संग्रहालयों का भी शहर है मैसूर (हिंदी) (एच.टी.एम.एल) दक्षिण भारत राष्ट्रमत। अभिगमन तिथि: 1 जनवरी, 2013।
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