लक्ष्मीकांत: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
आदित्य चौधरी (talk | contribs) m (Text replace - "अविभावक" to "अभिभावक") |
|||
Line 9: | Line 9: | ||
|मृत्यु=[[25 मई]], [[1998]] | |मृत्यु=[[25 मई]], [[1998]] | ||
|मृत्यु स्थान= | |मृत्यु स्थान= | ||
| | |अभिभावक= | ||
|पति/पत्नी= | |पति/पत्नी= | ||
|संतान= | |संतान= |
Revision as of 04:59, 29 May 2015
लक्ष्मीकांत
| |
पूरा नाम | लक्ष्मीकांत शांताराम कुदलकर |
प्रसिद्ध नाम | लक्ष्मीकांत |
जन्म | 3 नवंबर, 1937 |
जन्म भूमि | बंबई (अब मुंबई) |
मृत्यु | 25 मई, 1998 |
कर्म भूमि | मुंबई |
कर्म-क्षेत्र | संगीतकार |
मुख्य रचनाएँ | सावन का महीना, दिल विल प्यार व्यार, बिन्दिया चमकेगी, चिट्ठी आई है आदि |
मुख्य फ़िल्में | मिलन, शागिर्द, इंतक़ाम, दो रास्ते, सरगम, हीरो, नाम, तेज़ाब, खलनायक आदि |
पुरस्कार-उपाधि | लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल की जोड़ी ने सात बार सर्वश्रेष्ठ संगीतकार का फ़िल्मफेयर पुरस्कार जीता। |
नागरिकता | भारतीय |
लक्ष्मीकांत शांताराम कुदलकर (जन्म: 3 नवंबर, 1937 बंबई - मृत्यु: 25 मई, 1998) हिन्दी सिनेमा के प्रसिद्ध संगीतकार हैं जिनकी जोड़ी संगीतकार प्यारेलाल के साथ 'लक्ष्मीकांत प्यारेलाल' के नाम से मशहूर है।
संक्षिप्त परिचय
- लक्ष्मीकांत का जन्म 3 नवंबर 1937 में हुआ था। नौ वर्ष की छोटी सी उम्र मे ही उनके पिता का निधन हो गया, जिसके कारण उन्हें बीच में ही अपनी पढ़ाई छोड़ देनी पड़ी। बचपन के दिनों से ही लक्ष्मीकांत का रुझान संगीत की ओर था और वह संगीतकार बनना चाहते थे।
- लक्ष्मीकांत ने संगीत की प्रारंभिक शिक्षा 'उस्ताद हुसैन अली' से हासिल की। इस बीच घर की जरूरतों को पूरा करने के लिए लक्ष्मीकांत ने संगीत समारोह में हिस्सा लेना शुरू कर दिया। आगे चलकर वाद्य यंत्र मेंडोलियन बजाने की शिक्षा बालमुकुंद इंदौरकर से ली।
- लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल की जोड़ी के रूप में फ़िल्म जगत में अपने संगीत का लोहा मनवाकर ही माने।
- अपने कॅरियर की शुरुआत में कल्याण जी आनन्द के सहायक के रूप में उन्होंने 'मदारी', 'सट्टा बाज़ार', 'छलिया' और 'दिल तेरा हम भी तेरे' जैसी कई फ़िल्मों में काम किया।
- इस जोड़ी पर संगीत का ऐसा जुनुन था कि मशहूर निर्माता-निर्देशक बाबू भाई मिस्त्री की क्लासिकल फ़िल्म 'पारसमणि' ने इनकी तक़दीर बदल कर रख दी। फिर पीछे मुड़कर देखने का मौक़ा ही नहीं मिला।
कुछ प्रसिद्ध गीत
लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल की जोड़ी ने हिन्दी सिनेमा को बेहतरीन गीत दिये उनमें कुछ के नाम नीचे दिये गये हैं।
- सावन का महीना... (फ़िल्म- मिलन)
- दिल विल प्यार व्यार... (फ़िल्म- शागिर्द)
- बिन्दिया चमकेगी... (फ़िल्म- दो रास्ते)
- मंहगाई मार गई... (फ़िल्म- रोटी कपड़ा और मकान)
- डफली वाले... (फ़िल्म- सरगम)
- तू मेरा हीरो है... (फ़िल्म- हीरो )
- यशोदा का नन्दलाला... (फ़िल्म- संजोग)
- चिट्ठी आई है... (फ़िल्म- नाम)
- एक दो तीन... (फ़िल्म- तेज़ाब)
- चोली के पीछे क्या है... (फ़िल्म- खलनायक)
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख