ओलम्पिक 2016: Difference between revisions

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;दीपा मलिक ने शॉट पुट में जीता रजत, भारत की पहली महिला खिलाड़ी बनी
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[[भारत]] की [[दीपा मलिक]] ने तब इतिहास रचा जब वह रियो में गोला फेंक एफ-53 में रजत पदक जीतकर पैरालंपिक में पदक हासिल करने वाले देश की पहली महिला खिलाड़ी बनी। दीपा ने अपने छह प्रयासों में से सर्वश्रेष्ठ 4.61 मीटर गोला फेंका और यह रजत पदक हासिल करने के लिए पर्याप्त था। दीपा को इस उपलब्धि के लिए हरियाणा सरकार की योजना के तहत चार करोड़ रुपये का नकद पुरस्कार देने की घोषणा की।
[[भारत]] की [[दीपा मलिक]] ने तब इतिहास रचा जब वह रियो में गोला फेंक एफ-53 में रजत पदक जीतकर पैरालंपिक में पदक हासिल करने वाले देश की पहली महिला खिलाड़ी बनी। दीपा ने अपने छह प्रयासों में से सर्वश्रेष्ठ 4.61 मीटर गोला फेंका और यह रजत पदक हासिल करने के लिए पर्याप्त था। दीपा को इस उपलब्धि के लिए हरियाणा सरकार ने तहत चार करोड़ रुपये का नकद पुरस्कार देने की घोषणा की।
;भाला फेंक में देवेन्द्र झाझरिया ने जीता स्वर्ण पदक, तोड़ा अपना ही विश्व रिकॉर्ड
;भाला फेंक में देवेन्द्र झाझरिया ने जीता स्वर्ण पदक, तोड़ा अपना ही विश्व रिकॉर्ड
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पैरालंपिक खेलों में भारत ने एक और पदक हासिल कर लिया है। भाला फेंक में [[देवेन्द्र झाझरिया]] ने स्वर्ण पदक जीत लिया है। पैरालंपिक में यह उनका दूसरा स्वर्ण पदक है। 12 साल पहले 2004 एथेंस पैरालंपिक में भी उन्होंने स्वर्ण पदक जीता था। इस पदक के साथ ही रियो पैरालंपिक में भारत के कुल पदकों की संख्या 4 हो गई है, जिसमें 2 स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य है। देवेंद्र ने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ ये पदक हासिल किया। देवेंद्र ने 63.97 मीटर दूर जेवलिन फेंक कर नया विश्व रिकॉर्ड बनाया। एथेंस पैरालंपिक में उन्होंने 62.15 मीटर जेवलिन फेंका था, जो कि एक वर्ल्ड रिकॉर्ड था।  
पैरालंपिक खेलों में भारत ने एक और पदक हासिल कर लिया है। भाला फेंक में [[देवेन्द्र झाझरिया]] ने स्वर्ण पदक जीत लिया है। पैरालंपिक में यह उनका दूसरा स्वर्ण पदक है। 12 साल पहले 2004 एथेंस पैरालंपिक में भी उन्होंने स्वर्ण पदक जीता था। देवेंद्र ने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ ये पदक हासिल किया। देवेंद्र ने 63.97 मीटर दूर जेवलिन फेंक कर नया विश्व रिकॉर्ड बनाया। एथेंस पैरालंपिक में उन्होंने 62.15 मीटर जेवलिन फेंका था, जो कि एक वर्ल्ड रिकॉर्ड था। इस पदक के साथ ही रियो पैरालंपिक में भारत के कुल पदकों की संख्या 4 हो गई है, जिसमें 2 स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य है।
;समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें
;समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें
*[http://aajtak.intoday.in/sports/story/deepa-malik-create-history-and-wins-silver-medal-at-rio-paralympics-2016-1-887417.html आजतक]
*[http://aajtak.intoday.in/sports/story/deepa-malik-create-history-and-wins-silver-medal-at-rio-paralympics-2016-1-887417.html आजतक]

Revision as of 10:02, 15 September 2016

ओलम्पिक 2016
आयोजन स्थल रियो डि जेनेरियो, ब्राज़ील
वर्ष 2016
प्रतियोगी देश 206
प्रतियोगी खिलाड़ी 11,000 से अधिक
उद्घाटन समारोह 5 अगस्त
समापन समारोह 21 अगस्त
अन्य जानकारी विशेष बात है यह कि दक्षिण अमेरिका में पहली बार ओलम्पिक खेलों का आयोजन हो रहा है। आयोजकों के अनुसार आज तक जितने भी ओलंपिक हुए हैं, उनकी तुलना में रियो का ओलम्पिक गाँव सबसे बड़ा है।
अद्यतन‎

2016 ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक का आयोजन ब्राज़ील के गाँव रियो डि जेनेरियो में हुआ है। इस 31वें ओलम्पिक खेलों में 200 से अधिक देशों के 10 हज़ार खिलाड़ी भाग ले रहे हैं। रियो ओलम्पिक में कुल 43 खेलों का आयोजन होगा। रियो के 32 और पांच अन्य शहरों में स्थित आयोजन स्थलों में ये खेल आयोजित किये जाएँगे। ये 31वें ओलम्पिक खेल 5 अगस्त से शुरू होकर 21 अगस्त तक चलेंगे। यह भी विशेष बात है कि दक्षिण अमेरिका में पहली बार ओलम्पिक खेलों का आयोजन हो रहा है।

रियो डी जेनेरियो

कहने को तो रियो डि जेनेरियो ब्राज़ील का एक गाँव है, लेकिन है यह किसी अच्छे शहर से भी बड़ा। अगस्त, 2016 के महाकुंभ ओलम्पिक और सितंबर में होने वाले पैरालिम्पक खेलों के लिए यह गाँव पूरी तरह तैयार है। आयोजकों के अनुसार आज तक जितने भी ओलंपिक हुए हैं, उनकी तुलना में रियो का ओलम्पिक गाँव सबसे बड़ा है। यहां अब तक के सभी खेल गाँवों के मुकाबले सबसे अधिक खिलाड़ी, अधिकारी व अन्य लोग रह सकेंगे।

विशेष तथ्य

रियो में होने वाले ओलम्पिक खेल के कुछ विशेष तथ्य इस प्रकार हैं-

  • खेल गाँव के हर अपार्टमेंट में बर्फ की मशीन, टीवी रूम, कम्पयूटर, प्रिंट की सुविधा भी उपलब्ध होगी। यही नहीं यहां पर फ्रिज नहीं होगा, बल्कि एक ऐसी मशीन होगी, जिसमें से कोल्ड ड्रिंक निकेलेगी।
  • 13 हज़ार कर्मचारी एवं वालंटियर चौबीसों घंटे अलग-अलग देशों-शहरों से आए हुए मेहमानों की मदद के लिए तैयार रहेंगे।
  • रियो के दक्षिण-पश्चिम में ओलम्पिक पार्क के निकट बारा डा टिजुका में स्थित इस ओलम्पिक गाँव में 31 बहुमंजिला इमारतें और 3,604 अपार्टमेंट हैं।
  • खेल गाँव में शॉपिंग सेन्टर, बैंक, स्वास्थ्य क्लीनिक, जिम, पोस्ट ऑफिस, ब्यूटी सलून भी हैं।
  • 2 लाख स्कवायर मीटर में रिक्रिएशन जोन, जिसमें खिलाडिय़ों के लिए लॉउंज एरिया, गेम रूम, ग्रीन एरिया, साइकिल ट्रेक और स्वीमिंग पूल हैं।
  • 24 घंटे एक बस चलाने की व्यवस्था भी की गई है, जो हर ख़ास जगह पर रुकेगी।
  • खेल गाँव के रेस्टोरेंट में 60 हज़ार लोगों को खाना प्रतिदिन खिलाने की व्यवस्था की गई है।
  • 19,000 बिस्तर, 19,650 अलमारी, 11,152 एसी खेल गाँव में लगाएँ जाने की व्यवस्था की गई है।

समाचार

[[चित्र:Mariyappan-Thangavelu-&-Varun-Bhati.jpg|thumb|मरियप्पन थंगावेलु (बाएँ) और वरुण भाटी (दाएँ)]]

10 सितंबर, 2016 शनिवार

रियो पैरा ओलंपिक में मरियप्पन थंगावेलु ने स्वर्ण और वरुण भाटी ने कांस्य पदक जीता

रियो के पैरा ओलंपिक 2016 (शारीरिक रूप से अक्षम खिलाड़ियों के बीच कराई जाने वाली स्पर्धा) में मरियप्पन थंगावेलु ने भारत के लिए इस साल ऊंची कूद में पहला गोल्ड जीता है। उनके अलावा टी4 ऊंची कूद में वरुण भाटी ने कांस्य पदक जीता है। देश का नाम रोशन करने वाले इन दोनों खिलाड़ियों को न सिर्फ राजनीतिक बल्कि खेल जगत और बॉलीवुड से भी शुभकामनाएं मिली हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अमिताभ बच्चन, आमिर खान, अनुष्का शर्मा समेत कई अभिनेताओं और खिलाड़ियों ने उन्हें शुभकामनाएं दी हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट में कहा, “भारत खुश है। रियो पैरालम्पिक में मरियप्पन को स्वर्ण जीतने और भाटी को कांस्य पदक जीतने पर बधाई।”

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पैरा ओलंपिक 2016 में भारत के अब तक कुल 4 पदक हुए

[[चित्र:Deepa-Malik.jpg|thumb|दीपा मलिक|150px]]

14 सितंबर, 2016 बुधवार
दीपा मलिक ने शॉट पुट में जीता रजत, भारत की पहली महिला खिलाड़ी बनी

भारत की दीपा मलिक ने तब इतिहास रचा जब वह रियो में गोला फेंक एफ-53 में रजत पदक जीतकर पैरालंपिक में पदक हासिल करने वाले देश की पहली महिला खिलाड़ी बनी। दीपा ने अपने छह प्रयासों में से सर्वश्रेष्ठ 4.61 मीटर गोला फेंका और यह रजत पदक हासिल करने के लिए पर्याप्त था। दीपा को इस उपलब्धि के लिए हरियाणा सरकार ने तहत चार करोड़ रुपये का नकद पुरस्कार देने की घोषणा की।

भाला फेंक में देवेन्द्र झाझरिया ने जीता स्वर्ण पदक, तोड़ा अपना ही विश्व रिकॉर्ड

[[चित्र:Devendra-Jhajharia.jpg|thumb|देवेन्द्र झाझरिया|150px]] पैरालंपिक खेलों में भारत ने एक और पदक हासिल कर लिया है। भाला फेंक में देवेन्द्र झाझरिया ने स्वर्ण पदक जीत लिया है। पैरालंपिक में यह उनका दूसरा स्वर्ण पदक है। 12 साल पहले 2004 एथेंस पैरालंपिक में भी उन्होंने स्वर्ण पदक जीता था। देवेंद्र ने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ ये पदक हासिल किया। देवेंद्र ने 63.97 मीटर दूर जेवलिन फेंक कर नया विश्व रिकॉर्ड बनाया। एथेंस पैरालंपिक में उन्होंने 62.15 मीटर जेवलिन फेंका था, जो कि एक वर्ल्ड रिकॉर्ड था। इस पदक के साथ ही रियो पैरालंपिक में भारत के कुल पदकों की संख्या 4 हो गई है, जिसमें 2 स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य है।

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