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| <quiz display=simple> | | <quiz display=simple> |
| {[[श्रीराम]], [[लक्ष्मण]], [[भरत (दशरथ पुत्र)|भरत]] और [[शत्रुघ्न]] को [[अस्त्र शस्त्र|अस्त्र-शस्त्र]] की शिक्षा किसने प्रदान की थी?
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| |type="()"}
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| +[[विश्वामित्र]]
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| -[[वसिष्ठ]]
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| -[[बालखिल्य]]
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| -[[परशुराम]]
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| {वह कौन राजा था, जिसने अपने पुत्र को अपना वृद्धत्व देकर उससे उसका यौवन ले लिया था?
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| |type="()"}
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| -[[अंबरीष]]
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| -गय
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| -[[दशरथ]]
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| +[[ययाति]]
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| || ययाति महाराज [[नहुष]] के द्वितीय पुत्र थे। पत्नी [[देवयानी]] के दो पुत्र यदु और [[तुर्वसु]] और [[शर्मिष्ठा]] के तीन पुत्र द्रुह्यु, अनु और पुरु हुये। [[शुक्राचार्य]] जी के श्राप से वृद्धावस्था आ जाने पर भी विषयों को भोगने की इच्छा बनी हुई थी इसलिये शुक्राचार्य जी ने कहा अगर पुत्र अपनी जवानी दे दें तो विषय सुख भोग सकते हैं। यदु ने जब जबाब दे दिया तो पिता ने श्राप दिया कि लोग पैतृक राज्याधिकार से वंचित रहोगे। सबसे छोटे पुत्र पुरु ने पिता की आज्ञा का पालन किया जिससे उसे राज्याधिकार दिया गया। '''अधिक जानकारी के लिए देखें''':- {{point}}[[ययाति]]
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| {[[सीता]] का एक नाम ‘वैदेही’ क्यों था?
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| |type="()"}
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| -[[पृथ्वी]] से जन्म लेने के कारण
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| -[[श्रीराम]] से [[विवाह]] करने के कारण
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| -भूमि में समा जाने के कारण
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| +[[विदेह]] [[जनक]] की पुत्री होने के कारण
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| {[[जांबवान]] में कुल कितनी दूरी तक छलाँग लगाने की क्षमता थी?
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| |type="()"}
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| +90 योजन
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| -100 योजन
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| -120 योजन
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| -150 योजन
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| ||{{seealso|ऋक्षराज|सुग्रीव|अंगद (बाली पुत्र)}}
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| {[[श्रीराम]] को ‘जृंभकास्त्र’ किसने प्रदान किया था?
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| |type="()"}
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| -[[वाल्मीकि]]
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| +[[विश्वामित्र]]
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| -[[दुर्वासा]]
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| -[[भरद्वाज]]
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| ||{{seealso|आग्नेयास्त्र|असि अस्त्र|खड्ग शस्त्र}}
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| {[[मालव|मालव देश]] में किसे [[सीता]] की खोज के लिए भेजा गया था? | | {[[मालव|मालव देश]] में किसे [[सीता]] की खोज के लिए भेजा गया था? |
| |type="()"} | | |type="()"} |