गुलाम मोहम्मद शेख़: Difference between revisions

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'''गुलाम मोहम्मद शेख़''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Gulam Mohammed Sheikh'', जन्म- [[16 फ़रवरी]], [[1937]], [[गुजरात]]) अन्तर्राष्ट्रीय प्रसिद्ध चित्रकार, लेखक एवं कला समालोचक हैं। [[1983]] में कला के प्रति उनके योगदान के लिए उन्हें प्रतिष्ठित '[[पद्मश्री]]' पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। [[बड़ौदा]] के कला-जगत में 'शेख साहब' के नाम से विख्यात गुलाम मोहम्मद शेख़ की विशेषता यह है कि वे एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर के ख्यातिप्राप्त चित्रकार तो हैं ही, [[गुजराती साहित्य]] भी उनके नाम के उल्लेख के बिना अधूरा माना जाता है।  
'''गुलाम मोहम्मद शेख़''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Gulam Mohammed Sheikh'', जन्म- [[16 फ़रवरी]], [[1937]], [[गुजरात]]) अन्तर्राष्ट्रीय प्रसिद्ध चित्रकार, लेखक एवं कला समालोचक हैं। [[1983]] में कला के प्रति उनके योगदान के लिए उन्हें प्रतिष्ठित '[[पद्मश्री]]' पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। [[बड़ौदा]] के कला-जगत में 'शेख साहब' के नाम से विख्यात गुलाम मोहम्मद शेख़ की विशेषता यह है कि वे एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर के ख्यातिप्राप्त चित्रकार तो हैं ही, [[गुजराती साहित्य]] भी उनके नाम के उल्लेख के बिना अधूरा माना जाता है।  


*गुलाम मोहम्मद शेख़ का जन्म 16 फ़रवरी, 1937 में सुरेंद्रनगर, गुजरात, [[भारत]] में हुआ। उन्होंने ललित कला संकाय, बड़ोदा एवं रॉयल कॉलेज ऑफ आर्ट, [[लंदन]] में [[चित्रकला]] का अध्ययन किया।
*गुलाम मोहम्मद शेख़ का जन्म 16 फ़रवरी, 1937 में सुरेंद्रनगर, [[गुजरात]], [[भारत]] में हुआ। उन्होंने ललित कला संकाय, बड़ोदा एवं रॉयल कॉलेज ऑफ आर्ट, [[लंदन]] में [[चित्रकला]] का अध्ययन किया।
*सन [[1960]] में गुलाम मोहम्मद शेख़ ने अपने कॅरियर की शुरूआत की, जब वे ललित कला संकाय, एम.एस. विश्वविद्यालय, [[बड़ोदा]] में एक शिक्षक के रूप में शामिल हुए। उनके शिक्षण पदों में ललित कला संकाय, बड़ोदा में कला के इतिहास ([[1960]]-[[1963]] और [[1967]]-[[1981]]) का अध्यापन करना एवं ललित कला संकाय, बड़ोदा में चित्रकला के प्राध्यापक के रूप में पढ़ाना ([[1982]]-[[1993]]) शामिल हैं।
*सन [[1960]] में गुलाम मोहम्मद शेख़ ने अपने कॅरियर की शुरूआत की, जब वे ललित कला संकाय, एम.एस. विश्वविद्यालय, [[बड़ोदा]] में एक शिक्षक के रूप में शामिल हुए। उनके शिक्षण पदों में ललित कला संकाय, बड़ोदा में कला के इतिहास ([[1960]]-[[1963]] और [[1967]]-[[1981]]) का अध्यापन करना एवं ललित कला संकाय, बड़ोदा में [[चित्रकला]] के प्राध्यापक के रूप में पढ़ाना ([[1982]]-[[1993]]) शामिल हैं।
*शेख़ साहब को [[1983]] में [[भारत सरकार]] द्वारा [[पद्मश्री]] से सम्मानित किया गया तथा [[2002]] में मध्य प्रदेश सरकार ने उन्हें '[[कालिदास सम्मान]]' भी प्रदान किया। साथ ही गुजरात सरकार द्वारा [[1998]]-[[1999]] में 'रविशंकर रावल अवार्ड', [[1962]] में 'ललित कला अकादमी' का नेशनल अवार्ड तथा [[1961]] में गुजरात राज्य ललित कला अकादमी ने भी अवार्ड देकर उन्हें सम्मानित किया।
*शेख़ साहब को [[1983]] में [[भारत सरकार]] द्वारा [[पद्मश्री]] से सम्मानित किया गया तथा [[2002]] में मध्य प्रदेश सरकार ने उन्हें '[[कालिदास सम्मान]]' भी प्रदान किया। साथ ही गुजरात सरकार द्वारा [[1998]]-[[1999]] में 'रविशंकर रावल अवार्ड', [[1962]] में 'ललित कला अकादमी' का नेशनल अवार्ड तथा [[1961]] में गुजरात राज्य ललित कला अकादमी ने भी अवार्ड देकर उन्हें सम्मानित किया।



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गुलाम मोहम्मद शेख़
पूरा नाम गुलाम मोहम्मद शेख़
प्रसिद्ध नाम शेख साहब
जन्म 16 फ़रवरी, 1937
जन्म भूमि सुरेंद्रनगर, गुजरात
कर्म भूमि भारत
पुरस्कार-उपाधि 'पद्मश्री', 'कालिदास सम्मान', 'रविशंकर रावल अवार्ड' आदि।
प्रसिद्धि चित्रकार, लेखक एवं कला समालोचक
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी साहित्यिक परंपरा खासकर सूफ़ीवाद, गुलाम मोहम्मद शेख़ को उनकी रचनाओं में दृश्यात्मक या चित्रात्मक दोहों (शेरों) की सृष्टि में सक्षम बनाती है।

गुलाम मोहम्मद शेख़ (अंग्रेज़ी: Gulam Mohammed Sheikh, जन्म- 16 फ़रवरी, 1937, गुजरात) अन्तर्राष्ट्रीय प्रसिद्ध चित्रकार, लेखक एवं कला समालोचक हैं। 1983 में कला के प्रति उनके योगदान के लिए उन्हें प्रतिष्ठित 'पद्मश्री' पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। बड़ौदा के कला-जगत में 'शेख साहब' के नाम से विख्यात गुलाम मोहम्मद शेख़ की विशेषता यह है कि वे एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर के ख्यातिप्राप्त चित्रकार तो हैं ही, गुजराती साहित्य भी उनके नाम के उल्लेख के बिना अधूरा माना जाता है।

  • गुलाम मोहम्मद शेख़ का जन्म 16 फ़रवरी, 1937 में सुरेंद्रनगर, गुजरात, भारत में हुआ। उन्होंने ललित कला संकाय, बड़ोदा एवं रॉयल कॉलेज ऑफ आर्ट, लंदन में चित्रकला का अध्ययन किया।
  • सन 1960 में गुलाम मोहम्मद शेख़ ने अपने कॅरियर की शुरूआत की, जब वे ललित कला संकाय, एम.एस. विश्वविद्यालय, बड़ोदा में एक शिक्षक के रूप में शामिल हुए। उनके शिक्षण पदों में ललित कला संकाय, बड़ोदा में कला के इतिहास (1960-1963 और 1967-1981) का अध्यापन करना एवं ललित कला संकाय, बड़ोदा में चित्रकला के प्राध्यापक के रूप में पढ़ाना (1982-1993) शामिल हैं।
  • शेख़ साहब को 1983 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया गया तथा 2002 में मध्य प्रदेश सरकार ने उन्हें 'कालिदास सम्मान' भी प्रदान किया। साथ ही गुजरात सरकार द्वारा 1998-1999 में 'रविशंकर रावल अवार्ड', 1962 में 'ललित कला अकादमी' का नेशनल अवार्ड तथा 1961 में गुजरात राज्य ललित कला अकादमी ने भी अवार्ड देकर उन्हें सम्मानित किया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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