पारिस्थितिकी तंत्र

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पौधे, जीव-जन्तु एवं भौतिक पर्यावरण को सामूहिक रूप से 'पारिस्थितिक तंत्र' कहा जाता है। पारिस्थितिकी वह विज्ञान है, जो किसी क्षेत्र में रहने वाले विभिन्न जीवों के परस्पर सम्बन्धों एवं भौतिक पर्यावरण से उनके सम्बन्धों का अध्ययन करता है। संक्षेप में, पारिस्थितिकी के अन्तर्गत जीवों तथ उनके पर्यावरण के बारे में अध्ययन किया जाता है। इसके कई उपविभाग हैं, यथा-प्राणि पारिस्थितिकी, पादप पारिस्थितिकी, जैव पारिस्थितिकी, उत्पादन पारिस्थितिकी, समष्टि पारिस्थितिकी एवं स्वपारिस्थितिकी आदि।

पारिस्थितिक कारक

  1. REDIRECTसाँचा:मुख्य

पारिस्थितिक कारक, एक चर के अर्थ में, प्रेक्षण के अन्य वर्ग में परिवर्तन को सहयोग प्रदान करते हैं। उदाहरण के लिए जलवायु कारक में अक्षांश, ऊँचाई, स्थल और जल का वितरण, समुद्री धाराएँ, उच्चावच बाधाओं का प्रभाव आदि।

पारिस्थितिक कारक को 3 भागों में विभाजित किया गया है
  1. जैविक कारक
  2. वायुमण्डलीय कारक
  3. अग्नि कारक

अजैविक कारक

  1. REDIRECTसाँचा:मुख्य

अजैविक कारक को 2 भागों में विभाजित करा गया है:

  1. भौतिक कारक
  2. रासायनिक कारक


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