कश्मीर शक्तिपीठ

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 05:50, 19 April 2012 by फ़ौज़िया ख़ान (talk | contribs) ('{{पुनरीक्षण}} {{tocright}} '''कश्मीर शक्तिपीठ''' [[शक्तिपीठ|51 शक्त...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search
चित्र:Icon-edit.gif इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"

कश्मीर शक्तिपीठ 51 शक्तिपीठों में से एक है। हिन्दू धर्म के पुराणों के अनुसार जहां-जहां सती के अंग के टुकड़े, धारण किए वस्त्र या आभूषण गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ अस्तित्व में आये। ये अत्यंत पावन तीर्थस्थान कहलाये। ये तीर्थ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर फैले हुए हैं। देवीपुराण में 51 शक्तिपीठों का वर्णन है।

कश्मीर में अमरनाथ की पवित्र गुफा में भगवान शिव के हिम-ज्योतिर्लिंग के दर्शन होते हैं। वहीं पर हिम-शक्तिपीठ भी बनता है। एक गणेश-पीठ, एक पार्वती पीठ भी हिमनिर्मित होता है। पार्वती पीठ ही शक्तिपीठ स्थल है। श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को अमरनाथ के दर्शन के साथ-साथ पार्वती शक्तिपीठ का भी दर्शन होता है। यहाँ सती के अंग तथा अंगभूषण की पूजा होती है, क्योंकि यहाँ उनके कण्ठ का निपात हुआ था। यहाँ की शक्ति 'महामाया' तथा भैरव 'त्रिसन्ध्येश्वर' है।

अमरनाथ यात्रा

जम्मू कश्मीर राज्य में स्थित अमरनाथ बहुत पवित्र तीर्थस्थल है। श्रीनगर से 140 किलोमीटर उत्तर-पूर्व, समुद्रतल स्व 13600 फुट की ऊँचाई पर स्थित अमरनाथ की यात्रा दुरूह है। इस गुफा में भक्तों को विभूति का प्रसाद दिया जाता है। यह गुफा मात्र कुछ दिनों के लिए आषाढ़ से श्रावण पूर्णिमा तक ही खुलती है। अमरनाथ गुफा पहुँचने के दो मार्ग हैं-एक मार्ग श्रीनगर से 70 किलोमीटर दूर बालताल होकर जाता है। यह मार्ग पैदल चलने की दृष्टि से छोटा जरूर है, पर काफी खतरनाक है। क्योंकि बरसात से खतरा बढ़ जाता है। दूसरा मार्ग पहलगाम से शुरू होता है, जो चंदनबाड़ी, शेषनाग, पंचतरणी होकर जाता है। अधिसंख्य यात्री इसी इसी मार्ग को अपनाते है हैं। जम्मू से पहलगाम तक 12 घण्टे बस की यात्रा रात्रिविश्राम पहलगाम में करके[1] यात्रा प्रारम्भ होती है। पहला पड़ाव 14 किलोमीटर दूर चन्दनबाड़ी में होता है। यह दूरी पैदल या मिनी बस से की जा सकती है। 9500 फुट की ऊँचाई पर स्थित चंदनबाड़ी में सर्द हवा तथा ठण्ड लगने लगती है। यहाँ पर यात्रा के लिए नुकीली छड़ियाँ खरीद ली जाती हैं, क्योंकि यहाँ पर पदयात्रा प्रारंभ होती है। लगभग 32 किलोमीटर सीधी यात्रा चढ़ाई वाली मार्ग होने से काफी कठिन लगती है।

व्यवस्था

पथरीले मार्ग पर चलते हुए लगभग 3-4 घंटे में 3 किलोमीटर यात्रा करके 11500 फुट की ऊँचाई पर 'पिप्सु टाप' पर पहुँच कर थोड़ा विश्राम कर यात्री 'शेषनाग' अर्थात् दूसरे पड़ाव की ओर बढ़ते हैं। मार्ग में जोझीपाल और नागाकोटी में थोड़ा रुक कर थकान मिटाने के 12500 फुट की ऊँचाई पर (चंदनबाड़ी) से 14 किलोमीटर दूर शेषनाग पहुँचते हैं। चारों ओर ऊँची पहाड़ियों से घिरी एक विशाल झील है, जिसकी गहराई का अनुमान लगा पाना कठिन है। यहाँ पर शेषनाग का निवास माना जाता है। कहते हैं वह कभी-कभी ही भक्तों को दर्शन देते हैं। यहाँ टेण्ट हाउस में विश्राम की व्यवस्था रहती है तथा लंगर भी होता रहता है। बार्डर सेक्योरिटी फोर्स के टेण्ट हाउस में आपातकालीन चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध रहती है। अगले दिन 13 किलोमीटर की पंचतरणी (तीसरे पड़ाव) की यात्रा प्रारंभ होती है। यह अत्यंत ही कठिन मार्ग है। अगला स्थान 14800 फुट ऊँचा है।[2] यहाँ ऑक्सीजन की कमी से सांस फूलने लगती है तथा सर्दी और तेज बर्फीली हवा भी बढ़ जाती है। इस शीर्ष श्रृंखला पर थोड़ा विश्राम करके पंचतरणी के लिए नीचे उतरना पड़ता है। मार्ग में राबीबाल तथा पोशपयरी होते हुए तीसरे पड़ाव पंचतरणी पर विश्राम एवं ठहराव होता है। यहाँ भी चिकित्सा सुविधा, विश्राम तथा लंगर की पूरी व्यवस्था रहती है। यहाँ भी चिकित्सा सुविधा, विश्राम तथा लंगर की पूरी व्यवस्था रहती है। यहाँ से अमरनाथ गुफा की दूरी 7 किलोमीटर है। यह गुफा 13600 फुट की ऊँचाई पर स्थित है। इस यात्रा में कुछ लोग घोड़े पर भी जाते हैं, जिसकी व्यवस्था पहले करनी पड़ती है। दर्शन के पूर्व अमरावती झरने में स्नान करना पड़ता है। अमरनाथ की गुफा लगभग 60 फुट लंबी 28 फुट चौड़ी है। इसकी ऊँचाई 15 फुट है। यह आयताकार गुफा है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. लॉज तथा/या लंगर स्थानों पर
  2. इस स्थान को महागुनस टॉप कहा जाता है (RBI: Without Reserve 2002/2)

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः