गंगईकोंडचोलपुरम

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गंगईकोंडचोलपुरम उदयारपलयम तालुका, त्रिचनापल्ली ज़िला, मद्रास में स्थित है। प्राचीन समय में यह चोल वंश के प्रतापी राजा राजेन्द्र चोल (1014-1044 ई.) की राजधानी रही थी। 1955-1956 के उत्खनन में पुरातत्व विभाग को इस स्थान पर एक प्राचीन दुर्ग की भित्ति के अवशेष प्राप्त हुए थे।[1]

  • यहाँ के दुर्ग की भित्ती की लंबाई 6000 फुट उत्तर-दक्षिण और 4500 फुट पूर्व-पश्चिम की ओर है।
  • दुर्ग के अन्दर 1700 फुट लंबा और 1300 फुट चौड़ा राजप्रसाद था।
  • यहाँ दुर्ग के बाहर उत्तर-पूर्व के कोने में वृहदीश्वर का प्रसिद्ध मंदिर था। दुर्ग और मंदिर के बीच में 'कारुवट' नामक नदी बहती थी।
  • वर्तमान मंदिर का शिखर भूमि से 174 फुट ऊँचा है। यह तंजौर के प्रसिद्ध मंदिर की शैली के अनुरूप बना है।
  • मंदिर के पास 'सिंहतीर्थ' नामक एक कूप है, जिसे राजेन्द्र चोल ने बनवाया था।
  • यह नगर चोल राजाओं के शासन काल में बहुत उन्नत तथा समृद्ध था।
  • नगर का नाम संभवत: राजेन्द्र चोल ने गंगा नदी के तटवर्ती प्रदेश की विजय के स्मारक के रूप में 'गंगईकोंडचोलपुरम' रखा था।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 261 |

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